श्री सरस्वती चालीसा हिंदी अर्थ सहित – Shri Saraswati Chalisa Meaning In Hindi

श्री सरस्वती चालीसा हिंदी अर्थ सहित – Shri Saraswati Chalisa Meaning In Hindi

श्री सरस्वती चालीसा हिंदी अर्थ सहित

।। दोहा ।।

”जनक जननि पद्मरज, निज मस्तक पर धरि।
बन्दौं मातु सरस्वती, बुद्धि बल दे दातारि॥
पूर्ण जगत में व्याप्त तव, महिमा अमित अनंतु।
दुष्जनों के पाप को, मातु तु ही अब हन्तु” ॥

हिंदी अर्थ :- माता पिता के चरणों की धूल को अपने मस्तक पर लगाकर आपकी वंदना करता हूं। हे विद्या की देवी मेरी बुद्धि को शक्ति दो। आपकी अमित और अनंत महिमा जिसका कोई अंत नहीं है पूरा संसार आपको जानता है। हे माता सामसागर (चालीसा के लेखक) को उसके पापों से मुक्ति आप ही दिला सकती हैं।

|| चौपाई ||

”जय श्री सकल बुद्धि बलरासी।
जय सर्वज्ञ अमर अविनाशी” ॥1॥

हिंदी अर्थ :- बुद्धि का बल अर्थात, समस्त ज्ञान की शक्ति को रखने वाली है। मां सरस्वती आपकी जय हो ! सब कुछ जानने वाली, सदा अमर रहने वाली, कभी भी नष्ट ना होने वाली माता सरस्वती देवी आपकी जय हो।

”जय जय जय वीणाकर धारी।
करती सदा सुहंस सवारी” ॥2॥

हिंदी अर्थ :- अपने हाथों में वीणा (संगीत यंत्र) को धारण करने वाली तथा सदा हंस पर सवार होकर हंस की सवारी करने वाली मां सरस्वती देवी आपकी जय हो।

”रूप चतुर्भुज धारी माता।
सकल विश्व अन्दर विख्याता” ॥3॥

हिंदी अर्थ :- हे माता सरस्वती देवी आपका चार भुजाओं वाला रूप सारे संसार में प्रसिद्ध है

”जग में पाप बुद्धि जब होती।
तब ही धर्म की फीकी ज्योति” ॥4॥

हिंदी अर्थ :- जब भी इस संसार में पाप बुद्धि अर्थात विनाशकारी और अपवित्र वैचारिक कृत्यों का चलन ज्यादा हो जाता है अर्थात बढ़ने लगता है और जब धर्म की ज्योति फीकी पड़ जाती है।

”तब ही मातु का निज अवतारी।
पाप हीन करती महतारी” ॥5॥

हिंदी अर्थ :- हे माता सरस्वती देवी तब आप अपना अवतार रूप को धारण करके इस धरती को पापों से मुक्त करती हैं।

”वाल्मीकिजी थे हत्यारा।
तव प्रसाद जानै संसारा” ॥6॥

हिंदी अर्थ :- हे देवी माता बाल्मीकि जी पहले हत्यारे (डाकू) हुआ करते थे। लेकिन जब उनको आपसे जो प्रसाद मिला उसे तो संसार जानता है।

”रामचरित जो रचे बनाई।
आदि कवि की पदवी पाई” ॥7॥

हिंदी अर्थ :- आपके आशीर्वाद से उन्होंने रामायण की रचना करके आदि कवि की पदवी को प्राप्त कर लिया।

”कालिदास जो भये विख्याता।
तेरी कृपा दृष्टि से माता” ॥8॥

हिंदी अर्थ :- हे माता सरस्वती देवी आपकी कृपा दृष्टि, आपके आशीर्वाद से ही कालिदास जी ने प्रसिद्धि प्राप्त की।

”तुलसी सूर आदि विद्वाना।
भये और जो ज्ञानी नाना” ॥9॥

हिंदी अर्थ :- तुलसीदास, सूरदास जैसे ज्ञानी विद्यवान तथा और भी कितने ही ज्ञानी विद्वान इस संसार में हुए हैं।

”तिन्ह न और रहेउ अवलम्बा।
केव कृपा आपकी अम्बा” ॥10॥

हिंदी अर्थ :- उन्हें और किसी का सहारा नहीं बल्कि यह सब तो आपकी कृपया आपके आशीर्वाद से ही प्राप्त हुआ है।

”करहु कृपा सोइ मातु भवानी।
दुखित दीन निज दासहि जानी” ॥11॥

हिंदी अर्थ :- हे मां भवानी इसी प्रकार मुझ जैसे दीन दुखी को अपना दास मानकर अपना आशीर्वाद दो मां अपनी कृपा करो।

”पुत्र करहिं अपराध बहूता।
तेहि न धरई चित माता” ॥12॥

हिंदी अर्थ :- हे मां, पुत्र तो बहुत से अपराध, बहुत सी गलतियां करते रहते हैं, आप उन्हें अपने चित में धारण न करें। अर्थात मेरी गलतियों को क्षमा करें, उन्हें भुला दें।

”राखु लाज जननि अब मेरी।
विनय करउं भांति बहु तेरी” ॥13॥

हिंदी अर्थ :- हे माता सरस्वती मैं कई तरीको से आपकी प्रार्थना करता हूं, मेरी लाज रखना और अपनी कृपा बनाये रखना।

”मैं अनाथ तेरी अवलंबा।
कृपा करउ जय जय जगदंबा” ॥14॥

हिंदी अर्थ :- आपके सिवा मेरा इस दुनिया में कोई नहीं है बस आपका ही सहारा है। हे मां जगदंबा दया करना, आपकी जय हो, जय हो।

”मधुकैटभ जो अति बलवाना।
बाहुयुद्ध विष्णु से ठाना” ॥15॥

हिंदी अर्थ :- जब मधु कैटभ जैसे शक्तिशाली दैत्यों ने भगवान श्री विष्णू जी से युद्ध करने की ठान ली थी।

”समर हजार पाँच में घोरा।
फिर भी मुख उनसे नहीं मोरा” ॥16॥

हिंदी अर्थ :- और जब पांच हजार साल तक युद्ध करने के बाद भी भगवान विष्णु उन्हें मार नहीं सके।

”मातु सहाय कीन्ह तेहि काला।
बुद्धि विपरीत भई खलहाला” ॥17॥

हिंदी अर्थ :- हें मां सरस्वती तब आपने ही भगवान श्री विष्णु जी की मदद की और राक्षसों की बुद्धि पलट दिया।

”तेहि ते मृत्यु भई खल केरी।
पुरवहु मातु मनोरथ मेरी” ॥18॥

हिंदी अर्थ :- इस प्रकार उन राक्षसों का वध हुआ। हे देवी मां मेरा मनोरथ भी पूर्ण करो।

”चंड मुण्ड जो थे विख्याता।
क्षण महु संहारे उन माता” ॥19॥

हिंदी अर्थ :- चंड-मुंड जैसे विख्यात राक्षस का संहार भी आपने क्षण भर में ही कर दिया था।

”रक्त बीज से समरथ पापी।
सुरमुनि हदय धरा सब काँपी” ॥20॥

हिंदी अर्थ :- रक्तबीज एक ऐसा ताकतवर पापी जिनसे देवता, ऋषि-मुनि सहित पूरी पृथ्वी उसके भय से कांपने लगी थी।

”काटेउ सिर जिमि कदली खम्बा।
बारबार बिन वउं जगदंबा” ॥21॥

हिंदी अर्थ :- हे माता सरस्वती देवी आपने उस दुष्ट के शीष को बड़ी आसानी से काटकर केले की भांति खा लिया। हे मां जगदंबा मैं आपकी बार-बार प्रार्थना करता हूं, आपको नमन करता हूं।

”जगप्रसिद्ध जो शुंभनिशुंभा।
क्षण में बाँधे ताहि तू अम्बा” ॥22॥

हिंदी अर्थ :- हे देवी मां, पूरे संसार में विख्यात महापापीयो के रुप में शुंभ-निशुंभ नामक राक्षसों का भी आपने एक पल में मार गिराया।

”भरतमातु बुद्धि फेरेऊ जाई।
रामचन्द्र बनवास कराई” ॥23॥

हिंदी अर्थ :- हे मां सरस्वती, आपने ही भरत की माता केकैयी की बुद्धि को फेरकर भगवान श्री रामचंद्र जी को वनवास करवाया था।

”एहिविधि रावण वध तू कीन्हा।
सुर नरमुनि सबको सुख दीन्हा” ॥24॥

हिंदी अर्थ :- और इस प्रकार रावण का वध करवाकर देवताओं, मनुष्यों, ऋषि-मुनियों सबको सुख का जीवन प्रदान किया।

”को समरथ तव यश गुन गाना।
निगम अनादि अनंत बखाना” ॥25॥

हिंदी अर्थ :- हे माँ आपकी विजय गाथाएं तो अनादि काल से ही हैं, अनंत हैं जिस कारण आपके यश का गुणगान करने का सामर्थ्य कोई नहीं रखता।

”विष्णु रुद्र जस कहिन मारी।
जिनकी हो तुम रक्षाकारी” ॥26॥

हिंदी अर्थ :- जिसकी रक्षा के लिए आप खड़ी हों, उन्हें स्वयं भगवान विष्णु जी या फिर भगवान शिव जी भी नहीं मार सकते।

”रक्त दन्तिका और शताक्षी।
नाम अपार है दानव भक्षी” ॥27॥

हिंदी अर्थ :- हे माता आपके रक्त दंतिका, शताक्षी, दानव भक्षी जैसे अनेक नाम हैं।

”दुर्गम काज धरा पर कीन्हा।
दुर्गा नाम सकल जग लीन्हा” ॥28॥

हिंदी अर्थ :- दुर्गम अर्थात मुश्किल से मुश्किल कार्यों को आपने किये है इस लिए समस्त संसार ने आपको दुर्गा कहा।

”दुर्ग आदि हरनी तू माता।
कृपा करहु जब जब सुखदाता” ॥29॥

हिंदी अर्थ :- हे माँ आप कष्टों का हरण करने वाली देवी हैं, जब भी आपकी कृपा होती हैं, सुख की प्राप्ती होती है, अर्थात सुख देती हैं।

”नृप कोपित को मारन चाहे।
कानन में घेरे मृग नाहे” ॥30॥

हिंदी अर्थ :- हे माता जब कोई राजा क्रोधित होकर मारना चाहता हो, या फिर जंगल में खूंखार जानवरों से घिरे हों।

”सागर मध्य पोत के भंजे।
अति तूफान नहिं कोऊ संगे” ॥31॥

हिंदी अर्थ :- या फिर समुद्र के बीच हो और जब साथ कोई न हो और तूफान से घिर जाएं।

”भूत प्रेत बाधा या दुःख में।
हो दरिद्र अथवा संकट में” ॥32॥

हिंदी अर्थ :- भूत प्रेत सताते हों या फिर कोई बहुत गरीबी में हो अथवा किसी भी प्रकार के कष्ट सताते हों।

”नाम जपे मंगल सब होई।
संशय इसमें करई न कोई” ॥33॥

हिंदी अर्थ :- हे माँ सरस्वती आपके नाम का जाप करते ही सब कुछ ठीक हो जाता है इसमें कोई संदेह नहीं है अर्थात इसमें कोई शक नहीं है कि आपका नाम जपने से बड़े से बड़ा संकट भी टल जाता है, दूर हो जाता है।

”पुत्रहीन जो आतुर भाई।
सबै छांड़ि पूजें एहि भाई” ॥34॥

हिंदी अर्थ :- जिसको संतान का सुख नहीं मिला हो , वे और सब कुछ छोड़कर आपकी पूजा करें।

”करै पाठ नित यह चालीसा।
होय पुत्र सुन्दर गुण ईशा” ॥35॥

हिंदी अर्थ :- यदि हर रोज श्री सरस्वती चालीसा का पाठ करने लगें, तो उन्हें गुणवान व सुंदर संतान की प्राप्ति अवश्य होगी।

”धूपादिक नैवेद्य चढ़ावै।
संकट रहित अवश्य हो जावै’ ॥36॥

हिंदी अर्थ :- साथ ही देवी माँ को धूप आदि नैवेद्य चढ़ाने से सारे संकट दूर हो जाते हैं।

”भक्ति मातु की करैं हमेशा।
निकट न आवै ताहि कलेशा” ॥37॥

हिंदी अर्थ :- जो भी देवी माँ की पूजा करता है, कष्ट उसके पास कभी नहीं आते। अर्थात किसी भी प्रकार का दुख उनके करीब नहीं आता।

”बंदी पाठ करें सत बारा।
बंदी पाश दूर हो सारा” ॥38॥

हिंदी अर्थ :- जो भी सौ बार बंदी पाठ करता है, उसके बंदी पाश दूर हो जाते हैं।

”रामसागर बाँधि हेतु भवानी।
कीजै कृपा दास निज जानी” ॥39॥

हिंदी अर्थ :- हे माँ भवानी मुझे सदा अपना दास समझकर, मुझ पर कृपा करना व इस भवसागर से मुक्ति देना।

॥ दोहा ॥

“मातु सूर्य कान्ति तव, अन्धकार मम रूप।
डूबन से रक्षा करहु परूँ न मैं भव कूप”॥
“बलबुद्धि विद्या देहु मोहि, सुनहु सरस्वती मातु।
राम सागर अधम को आश्रय तू ही देदातु” ॥

हिंदी अर्थ :- हे माँ आपकी दमक सूर्य के समान है, तो मेरा रूप अंधकार जैसा है। मुझे भवसागर रुपी इस कुंए में डूबने से बचा लो। हे मां सरस्वती मुझे बल, बुद्धि और विद्या का दान देने की कृपा करें। हे माँ इस पापी रामसागर को अपना आश्रय देकर पवित्र कर दो माता।

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