श्री विष्णु जी आरती का हिंदी अर्थ सहित – Vishnu Ji Ki Aarti in Hindi

श्री विष्णु जी आरती का हिंदी अर्थ सहित – Vishnu Ji Ki Aarti in Hindi

श्री विष्णु जी आरती का हिंदी अर्थ

-: आरती व हिंदी अर्थ :-

ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी ! जय जगदीश हरे ।
भक्तजनों के संकट, क्षण में दूर करे ॥

हिंदी अर्थ ⇒ हे सारे जग के स्वामी ! आपकी जय हो ! आपकी जय हो ! हे स्वामी ! आप अपने सभी भक्तजनों व दास जनों कि हर विपदा को पल भर में दूर कर देते हो यह सारे जग के स्वामी आपकी जय हो।

जो ध्यावै फल पावै, दुख बिनसे मन का,
स्वामी दुख बिनसे मन का ।
सुख-संपत्ति घर आवै, कष्ट मिटे तन का ।1।

हिंदी अर्थ ⇒ हे प्रभु ! जो भी आपका सच्चे मन से ध्यान करता है, उस भक्तों को मनचाहा फल मिल जाता है। और उसके मन से सभी दुख दर्द मिट जाते हैं उसका घर रिद्धि सिद्धि और धन संपत्ति से भर जाता है। और शरीर के सभी रोगों से मुक्ति मिल जाती है।

मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूं किसकी,
स्वामी शरण गहूं किसकी ।
तुम बिन और न दूजा, आस करूं जिसकी ।2।

हिंदी अर्थ ⇒ हे प्रभु ! आप ही मेरे माता और पिता हो तो मैं और किसकी शरण में जाऊं, आपके सिवा मेरा इस दुनिया में कोई नहीं है, तो मैं और किसकी आशा रखू।

तुम पूरन परमात्मा, तुम अंतरयामी,
स्वामी तुम अंतरयामी ।
पारब्रह्म परेमश्वर, तुम सबके स्वामी ।3।

हिंदी अर्थ ⇒ हे स्वामी ! आप पूर्ण परमात्मा हो, अर्थात इस सारे जग के ईश्वर हो आप अंतर्यामी हो, अर्थात सबके मन की बात जानते हो, आप ही जगत पिता परम ब्रह्मा हो आप सारे जगत के स्वामी हो प्रभु।

तुम करुणा के सागर, तुम पालनकर्ता,
प्रभु तुम पालनकर्ता ।
मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता ।4।

हिंदी अर्थ ⇒ हे प्रभु ! आप दया और करुणा के सागर हो, आप ही सारे संसार का पालन पोषण करते हो, हे प्रभु ! मैं एक मूर्ख हूं स्वार्थी हूं, जो कि हर काम फल की इच्छा के लिए करता हूं, हे मेरे स्वामी ! मैं तो आपका सेवक हूं आप मुझ पर अपनी कृपा करें।

तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति,
स्वामी सबके प्राणपति ।
किस विधि मिलूं दयामय! तुमको मैं कुमति ।5।

हिंदी अर्थ ⇒ हे स्वामी ! आप अदृश्य रूप में हर जगह विद्यमान है। आप ही सब के प्राणों की रक्षा करते हैं। हे दया के सागर ! हे परमात्मा ! में बुद्धिहीन हूं, मैं किस विधि से आपकी पूजा ना करूं, किस तरह आपसे मिलूं और मेरी बुद्धि ठीक हो जाए।

दीनबंधु दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे,
प्रभु तुम ठाकुर मेरे ।
अपने हाथ उठाओ, द्वार पड़ा तेरे ।6।

हिंदी अर्थ ⇒ हे स्वामी ! आप सभी निर्धन व याचक लोगों के सहायक हैं। आप सब के दुखों का हरण करने वाले हैं। हे स्वामी ! आप ही हम सब की रक्षा करते हैं। हे प्रभु ! मैं आपके द्वार आया हूं, अपने हाथ उठाकर मुझे आशीर्वाद दीजिए और मुझे अपनी शरण में ले लीजिए।

विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा,
स्वामी पाप हरो देवा ।
श्रद्धा-भक्ति बढ़ाओ, संतन की सेवा ।7।

हिंदी अर्थ ⇒ हे देव ! हम सब के संकट कष्ट विकार का विनाश करो व हम सब को पापों से मुक्त कर दो। हे प्रभु ! मेरे हृदय में आपके प्रति श्रद्धा और भक्ति को बढ़ा दीजिए ताकि मैं हमेशा आपकी सेवा कर सकूं।

तन-मन-धन और संपत्ति, सब कुछ है तेरा,
स्वामी सब कुछ है तेरा ।
तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा ।8।

हिंदी अर्थ ⇒ हे प्रभु ! मेरा तन मन धन सब कुछ आपका ही है, यह सब आप की ही देन है, मैं सब कुछ आपको समर्पित करता हूं, हे स्वामी ! इसमें मेरा कुछ भी नहीं है।

जगदीश्वरजी की आरती जो कोई नर गावे ।
कहत शिवानंद स्वामी, मनवांछित फल पावे ।9।

हिंदी अर्थ ⇒ हे सारे जग के ईश्वर जो भी नर सच्चे मन से Shri Vishnu Ji Ki AartiOm Jai Jagdish Hare” को गाता है शिवानंद स्वामी जी कहते हैं उस इंसान को आपके आशीर्वाद से मनचाहा फल प्राप्त हो जाता है



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