उड़ गई रे नींदिया मेरी, बंसी श्याम ने बजाई रे – भजन – Ud Gayi Re Nindiya Meri Bansi Shyam Ne Bajai Re

उड़ गई रे नींदिया मेरी, बंसी श्याम ने बजाई रे – भजन – Ud Gayi Re Nindiya Meri Bansi Shyam Ne Bajai Re

भजन

उड़ गई रे नींदिया मेरी,
बंसी श्याम ने बजाई रे,
खो गया चेन मेरा,
सारी रात सो ना पाई,
उड़ गई रे निंदिया मेरी,
बंसी श्याम ने बजाई रे ॥

बंसी की तान सुनकर,
हैरान हो गई मै,
कहाँ पर बजी जो,
परेशान हो गई मै,
मै हो गई दीवानी मुरली,
मेरे मन को भायी रे,
खो गया चेन मेरा,
सारी रात सो ना पाई,
उड़ गई रे निंदिया मेरी,
बंसी श्याम ने बजाई रे ॥

छुप गया जाने कहाँ पर,
मुरली दर्द की सुनाकर,
इक बार फ़िर बजा दे कान्हा,
सामने तू आकर,
तेरी सांवरि सुरतिया मेरे,
मन को बहूत भायी रे,
खो गया चेन मेरा,
सारी रात सो ना पाई,
उड़ गई रे निंदिया मेरी,
बंसी श्याम ने बजाई रे ॥

मुरली सुनी है जबसे,
मेरी अंखिया तरस रही है,
पानी बिना है मछली,
जैसे मै तरस रही हूँ,
सुनकर तेरी मुरलीया मुझको,
याद बहूत आई रे,
खो गया चेन मेरा,
सारी रात सो ना पाई,
उड़ गई रे निंदिया मेरी,
बंसी श्याम ने बजाई रे ॥

उड़ गई रे नींदिया मेरी,
बंसी श्याम ने बजाई रे,
खो गया चेन मेरा,
सारी रात सो ना पाई,
उड़ गई रे निंदिया मेरी,
बंसी श्याम ने बजाई रे ॥