भजन
तुम जो कृपा करो तो,
मिट जाये विपदा सारी,
ओ गौरी सूत गणराजा,
गणनायक गजमुख धारी,
तुम हो दया के सागर,
क्या बात है तुम्हारी,
ओ गौरी सूत गणराजा,
गणनायक गजमुख धारी ॥
विघ्नौ को हरने वाले,
सुख शांति देने वाले,
मोह पाश काटते हो,
तुम भक्ति देने वाले,
तुमने रचाई श्रष्टि,
तुम ने ही है सवारा,
ओ गौरी सूत गणराजा,
गणनायक गजमुख धारी,
ओ गौरी सूत गणराजा,
गणनायक गजमुख धारी ॥
तुम पहले पूजे जाते,
फ़िर काम बनते जाते,
आये शरण तिहारी,
मन चाहा फल है पाते,
मुझको गले लगा ले,
आया शरण तिहारी,
ओ गौरी सूत गणराजा,
गणनायक गजमुख धारी,
ओ गौरी सूत गणराजा,
गणनायक गजमुख धारी ॥
लम्बे उदर में तुमने,
संसार है छिपाया,
सतगुण से है भरी हुई,
गणराज तेरी काया,
दुर्गुण पे सतगुणो सी,
ये मुस की सवारी,
ओ गौरी सूत गणराजा,
गणनायक गजमुख धारी,
ओ गौरी सूत गणराजा,
गणनायक गजमुख धारी ॥
तुम जो कृपा करो तो,
मिट जाये विपदा सारी,
ओ गौरी सूत गणराजा,
गणनायक गजमुख धारी,
तुम हो दया के सागर,
क्या बात है तुम्हारी,
ओ गौरी सूत गणराजा,
गणनायक गजमुख धारी ॥