पार्सल/कूरियर और कॉल स्कैम से सावधान!

पार्सल/कूरियर और कॉल स्कैम से सावधान!

आजकल धोखाधड़ी के नए-नए तरीके अपनाए जा रहे हैं, जिनमें पार्सल/कूरियर और कॉल स्कैम बहुत आम हो गए हैं। आइए जानें कि ये स्कैम क्या होते हैं, कैसे होते हैं, और उनसे कैसे बचा जा सकता है।

पार्सल/कूरियर स्कैम क्या है?

पार्सल/कूरियर स्कैम में ठग खुद को कस्टम अधिकारी बताकर आपके नाम से एक पार्सल बुक किए जाने का दावा करते हैं, जिसमें मादक पदार्थ या अन्य प्रतिबंधित सामान होता है। वे पुलिस अधिकारी होने का नाटक करते हैं और आपको संभावित गिरफ्तारी के बारे में सूचित करते हैं। डरे हुए पीड़ित गिरफ्तारी से बचने के लिए पैसे देकर इस झूठे मामले को निपटाने की कोशिश करते हैं। ठग कॉल के दौरान मनोवैज्ञानिक तरीके अपनाते हैं ताकि वे पीड़ित से उसकी व्यक्तिगत पहचान जानकारी (आधार और अन्य विवरण) और बैंक विवरण प्राप्त कर सकें।

उदाहरण:

श्री X को मुंबई से कस्टम अधिकारी होने का दावा करने वाले व्यक्ति का फोन आया। बातचीत एक ड्रग्स से भरे पार्सल के बारे में थी। उस व्यक्ति ने श्री X को धमकी दी, 50,000 रुपये की मांग की और जांच के बहाने उनके बैंक खाते का विवरण मांगा। श्री X ने पैसे ट्रांसफर करने और विवरण साझा करने पर सहमति व्यक्त की। इसके बाद उस व्यक्ति ने श्री X के बैंक खाते से 20 लाख रुपये निकाल लिए।

कॉल स्कैम क्या है और कैसे होता है?

कॉल स्कैम एक धोखाधड़ी है जिसमें ठग फोन कॉल के माध्यम से लोगों को धोखा देते हैं। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों से व्यक्तिगत जानकारी, बैंक विवरण या पैसे प्राप्त करना होता है। कॉल स्कैम कई प्रकार के होते हैं:

  1. विजेता/लॉटरी स्कैम: ठग दावा करते हैं कि आपने कोई बड़ा पुरस्कार या लॉटरी जीती है और पंजीकरण शुल्क या टैक्स के रूप में पैसे मांगते हैं।
  2. कस्टमर सपोर्ट/टेक्निकल सपोर्ट स्कैम: ठग खुद को कस्टमर सपोर्ट या टेक्निकल सपोर्ट का प्रतिनिधि बताकर आपके कंप्यूटर या खाते में समस्या का दावा करते हैं और आपकी व्यक्तिगत जानकारी मांगते हैं।
  3. बैंक फ्रॉड स्कैम: ठग बैंक अधिकारी होने का नाटक करते हैं और आपके बैंक खाते की जानकारी मांगते हैं।
  4. सामाजिक सेवा या सरकारी एजेंसी स्कैम: ठग खुद को सरकारी अधिकारी, पुलिस या सामाजिक सेवा का प्रतिनिधि बताकर कानूनी कार्यवाही का डर दिखाते हैं और पैसे मांगते हैं।

सुरक्षा के उपाय:

  1. रोकें: ठग मदद की पेशकश करेंगे या आपसे गोपनीय/व्यक्तिगत/संवेदनशील जानकारी साझा करने को कहेंगे। ऐसे लोगों को पैसे ट्रांसफर न करें या अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें।
  2. सोचें: खुद से पूछें कि क्या यह संदेश या कॉल नकली हो सकती है।
  3. सुरक्षित करें: यदि कुछ गलत लगे तो तुरंत कार्य करें और खुद को ठगी से बचाएं।
  4. रिपोर्ट करें: 1930 पर तुरंत कॉल करें और ऐसी घटनाओं की रिपोर्ट करें या cybercrime.gov.in पर जाएं।

आपका ध्यान और सतर्कता ही आपको सुरक्षित रखेगी। ऐसे धोखेबाजों से सावधान रहें और जागरूक रहें।



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