डिजिटल युग में इंटरनेट और वेबसाइटों का महत्व तेजी से बढ़ रहा है। इसी के साथ, डोमेन नामों की सुरक्षा और स्वामित्व से जुड़े विवाद भी सामने आ रहे हैं। एक हालिया उदाहरण है JioHotstar.com डोमेन का विवाद, जहां एक अनाम व्यक्ति ने Jio और Hotstar के विलय की खबर सुनते ही इस डोमेन को रजिस्टर कर लिया। अब वह इस डोमेन के बदले £93,345 की मांग कर रहा है, ताकि अपनी शिक्षा का खर्च पूरा कर सके। हालांकि, Reliance ने यह राशि देने से इनकार करते हुए कानूनी कार्रवाई करने का फैसला किया।
यह विवाद एक सामान्य समस्या को उजागर करता है जिसे साइबरस्क्वाटिंग कहा जाता है। साइबरस्क्वाटिंग वह प्रक्रिया है जिसमें कोई व्यक्ति किसी प्रसिद्ध ब्रांड या कंपनी के नाम से मिलता-जुलता डोमेन नाम रजिस्टर कर लेता है, ताकि बाद में इसे ऊंची कीमत पर बेचा जा सके या अन्य वित्तीय लाभ उठाया जा सके। यह न केवल अनैतिक है, बल्कि कई देशों में अवैध भी माना जाता है। इस लेख में हम जानेंगे कि साइबरस्क्वाटिंग क्या होती है, इसके कानूनी पहलू क्या हैं, और कैसे कंपनियां अपने डोमेन और ट्रेडमार्क की सुरक्षा कर सकती हैं।
Cybersquatting वह प्रक्रिया होती है, जिसमें कोई व्यक्ति किसी दूसरे के ब्रांड, कंपनी, या प्रसिद्ध नाम से मिलता-जुलता डोमेन नाम रजिस्टर कर लेता है, बिना किसी वैध अधिकार के, और बाद में उस डोमेन को बेचने या फायदे के लिए इस्तेमाल करने का इरादा रखता है। इसका उद्देश्य आमतौर पर यह होता है कि जब असली ब्रांड या कंपनी उस डोमेन नाम को खरीदने की कोशिश करे, तो उसे ऊंची कीमत पर बेचा जा सके।
उदाहरण:
अगर कोई व्यक्ति पहले से मशहूर ब्रांड ExampleBrand के नाम से मिलता-जुलता डोमेन जैसे ExampleBrand.com या ExampleBrand.in रजिस्टर कर लेता है और बाद में असली ब्रांड को इसे महंगे दामों पर बेचने की कोशिश करता है, तो इसे cybersquatting कहा जाता है।
कानूनी परिणाम:
- कई देशों में, cybersquatting अवैध माना जाता है। इसका मुकाबला करने के लिए कई कानूनी नियम और कानून बनाए गए हैं, जैसे कि UDRP (Uniform Domain Name Dispute Resolution Policy), जिसके तहत असली ब्रांड डोमेन पर दावा कर सकता है और उसे वापस प्राप्त कर सकता है।
- Trademark Infringement: यदि किसी ब्रांड का नाम ट्रेडमार्क के तहत रजिस्टर्ड है और कोई व्यक्ति उस नाम से मिलते-जुलते डोमेन नाम का दुरुपयोग करता है, तो ट्रेडमार्क कानून के तहत कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
बचाव कैसे करें?
- अपने ब्रांड या कंपनी का नाम जल्द से जल्द ट्रेडमार्क करवाएं।
- जितने ज्यादा संभव हो उतने डोमेन एक्सटेंशन्स (जैसे .com, .in, .org) को रजिस्टर करें, ताकि कोई दूसरा व्यक्ति उस नाम को न ले सके।
साइबरस्क्वाटिंग और JioHotstar डोमेन केस
साइबरस्क्वाटिंग का एक हालिया और दिलचस्प उदाहरण है JioHotstar.com डोमेन विवाद। जब Jio और Hotstar के बीच विलय की खबरें सामने आईं, तो एक अनाम व्यक्ति ने यह डोमेन नाम तुरंत रजिस्टर कर लिया। उसने सोचा कि इस विलय के बाद, यह डोमेन नाम अत्यधिक मूल्यवान हो जाएगा और उसे इसका फायदा उठाने का मौका मिलेगा। विलय के बाद, उस व्यक्ति ने डोमेन को बेचने के बदले £93,345 की मांग की, ताकि वह अपनी कॉलेज की शिक्षा का खर्च निकाल सके।
हालांकि, Reliance ने यह राशि देने से इनकार कर दिया और इसके बजाय कानूनी कार्रवाई करने का निर्णय लिया। यह विवाद साइबरस्क्वाटिंग का एक स्पष्ट मामला है, जहां व्यक्ति ने बिना किसी वैध अधिकार के एक प्रसिद्ध ब्रांड के नाम से मिलता-जुलता डोमेन रजिस्टर किया और इसे वित्तीय लाभ के लिए इस्तेमाल करने का प्रयास किया।
साइबरस्क्वाटिंग के तहत, अगर कोई व्यक्ति किसी अन्य ब्रांड या ट्रेडमार्क से संबंधित डोमेन नाम बुरी नीयत से रजिस्टर करता है, तो यह अवैध माना जाता है। इस मामले में, ICANN की UDRP (Uniform Domain-Name Dispute-Resolution Policy) जैसी नीतियों के तहत कंपनी अपने डोमेन को वापस पाने के लिए कानूनी कदम उठा सकती है। Jio और Hotstar के विलय के बाद, Reliance ने इस डोमेन पर अपना कानूनी दावा पेश किया, यह साबित करते हुए कि डोमेन का रजिस्ट्रेशन उनके ट्रेडमार्क के उल्लंघन के तहत आता है।


ICANN क्या है?
ICANN (Internet Corporation for Assigned Names and Numbers) एक गैर-लाभकारी संगठन है, जो इंटरनेट के डोमेन नाम सिस्टम (DNS) को प्रबंधित और नियंत्रित करता है। इसका मुख्य काम यह सुनिश्चित करना है कि हर डोमेन नाम और IP एड्रेस इंटरनेट पर अद्वितीय हो, ताकि उपयोगकर्ता सही वेबसाइट्स तक पहुँच सकें। ICANN की भूमिका इंटरनेट के सुचारू और सुरक्षित संचालन में अत्यधिक महत्वपूर्ण है।
ICANN का मुख्य कार्य डोमेन नामों की पंजीकरण प्रक्रिया को नियंत्रित करना और डोमेन नामों के स्वामित्व से जुड़े विवादों को हल करना है। इसका एक प्रमुख उपकरण है UDRP (Uniform Domain-Name Dispute-Resolution Policy), जो डोमेन नामों से जुड़े विवादों को सुलझाने के लिए उपयोग किया जाता है।
यदि कोई व्यक्ति किसी डोमेन नाम का दुरुपयोग करता है, जैसे कि साइबरस्क्वाटिंग के मामलों में, तो ICANN इस विवाद को हल करने के लिए नियम और प्रक्रियाएँ स्थापित करता है।
ICANN की भूमिका:
- डोमेन नाम सिस्टम का प्रबंधन: यह सुनिश्चित करता है कि सभी डोमेन नाम इंटरनेट पर अद्वितीय हों और उचित तरीके से काम करें।
- डोमेन विवाद समाधान: ICANN के पास एक विशेष नीति, UDRP, है जो उन डोमेन नामों से जुड़े विवादों को सुलझाती है जिन्हें बुरी नीयत से पंजीकृत किया गया है, जैसे कि ट्रेडमार्क उल्लंघन या साइबरस्क्वाटिंग के मामले।
- इंटरनेट की सुरक्षा: ICANN इंटरनेट की तकनीकी बुनियादी ढांचे की सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, ताकि डोमेन नाम सिस्टम (DNS) ठीक से काम करता रहे।
UDRP पॉलिसी क्या है?
UDRP (Uniform Domain-Name Dispute-Resolution Policy), एक वैश्विक नीति है जिसे ICANN ने डोमेन नाम विवादों को सुलझाने के लिए बनाया है। यह नीति खासतौर पर उन मामलों के लिए लागू होती है, जहाँ कोई डोमेन नाम बुरी नीयत से रजिस्टर किया गया हो, जैसे कि साइबरस्क्वाटिंग।
UDRP पॉलिसी के तहत, यदि किसी डोमेन नाम का पंजीकरण किसी ब्रांड, कंपनी, या ट्रेडमार्क के खिलाफ किया गया हो, तो ब्रांड या कंपनी इस नीति के तहत उस डोमेन के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है। यह प्रक्रिया उन विवादों को हल करने के लिए है जो डोमेन नाम पंजीकरण के दौरान बुरी नीयत से किए जाते हैं।
UDRP के तहत विवाद समाधान की प्रक्रिया:
- शिकायत दाखिल करना: सबसे पहले, प्रभावित ब्रांड या कंपनी को UDRP के तहत ICANN में शिकायत दर्ज करनी होती है। इसमें यह साबित करना होता है कि डोमेन नाम उनके ट्रेडमार्क या ब्रांड का उल्लंघन कर रहा है और बुरी नीयत से पंजीकृत किया गया है।
- प्रूफ ऑफ बैड फेथ (बुरी नीयत का सबूत): यह दिखाया जाना चाहिए कि डोमेन नाम पंजीकृत करने वाले व्यक्ति ने जानबूझकर इस डोमेन का दुरुपयोग करने की मंशा से इसे रजिस्टर किया है, जैसे कि ब्रांड या कंपनी से वित्तीय लाभ उठाने के लिए।
- UDRP पैनल का निर्णय: एक विशेषज्ञ पैनल शिकायत की समीक्षा करता है और यह तय करता है कि डोमेन नाम पंजीकरण वैध है या नहीं। यदि यह पाया जाता है कि डोमेन का पंजीकरण बुरी नीयत से किया गया है, तो पैनल डोमेन को संबंधित ब्रांड या कंपनी को वापस सौंपने का आदेश दे सकता है।
- डोमेन हस्तांतरण: यदि पैनल शिकायतकर्ता के पक्ष में निर्णय लेता है, तो डोमेन नाम को शिकायतकर्ता (ब्रांड/कंपनी) के नाम पर ट्रांसफर कर दिया जाता है।
UDRP पॉलिसी के मुख्य बिंदु:
- डोमेन नाम को तभी वापस लिया जा सकता है जब यह साबित हो कि यह बुरी नीयत से रजिस्टर किया गया था।
- यह प्रक्रिया ट्रेडमार्क उल्लंघन और साइबरस्क्वाटिंग जैसे विवादों को सुलझाने के लिए महत्वपूर्ण है।
- UDRP के तहत निर्णय जल्दी और प्रभावी तरीके से किए जाते हैं, जिससे लंबी कानूनी प्रक्रियाओं से बचा जा सकता है।





Greetings from Ohio! I’m bored at work so I decided to check out your blog on my iphone during lunch break. I love the information you present here and can’t wait to take a look when I get home. I’m surprised at how fast your blog loaded on my phone .. I’m not even using WIFI, just 3G .. Anyways, good site!
Very clean website , appreciate it for this post.
I am extremely impressed with your writing skills and also with the layout on your weblog. Is this a paid theme or did you customize it yourself? Anyway keep up the nice quality writing, it is rare to see a nice blog like this one today..