2024 का भौतिकी नोबेल पुरस्कार: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग में क्रांति

2024 का भौतिकी नोबेल पुरस्कार: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग में क्रांति

2024 का भौतिकी में नोबेल पुरस्कार जॉन जे. हॉपफील्ड और ज्योफ्री हिंटन को उनकी अद्वितीय खोजों के लिए प्रदान किया गया। इन दोनों वैज्ञानिकों ने मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के विकास में क्रांतिकारी योगदान दिया है, जो आज के आधुनिक AI सिस्टम का आधार है।

ज्योफ्री हिंटन: ‘Father of AI’

हिंटन, जिन्हें ‘Father of AI’ कहा जाता है, ने न्यूरल नेटवर्क्स का विकास किया, जिससे मशीनें मानव मस्तिष्क की तरह सीख सकें। उन्होंने 2012 में विजुअल ऑब्जेक्ट्स को पहचानने की तकनीक विकसित की, जिसे Google सहित कई बड़ी कंपनियों ने अपनाया। उनकी खोजों ने AI के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाए। हालांकि, 2023 में उन्होंने AI के खतरों पर चिंता जताते हुए Google से इस्तीफा दे दिया।

जॉन हॉपफील्ड: मस्तिष्क की कार्यप्रणाली का मॉडल

हॉपफील्ड ने 1982 में एक शोध पत्र प्रकाशित किया, जिसमें उन्होंने मस्तिष्क के सूचना भंडारण और मेमोरी रिकॉल के तरीके को मॉडल किया। उनकी खोज, जिसे ‘हॉपफील्ड नेटवर्क’ कहा जाता है, ने मशीन लर्निंग की नींव रखी। यह नेटवर्क उस समय अधूरी जानकारी से पैटर्न की पहचान करने और पुनः निर्माण करने की क्षमता रखता था, जिसे हम आज असोसिएटिव मेमोरी के रूप में जानते हैं।

बोल्ट्ज़मैन मशीन और AI की नींव

हॉपफील्ड नेटवर्क के आधार पर, हिंटन ने “बोल्ट्ज़मैन मशीन” विकसित की, जो डेटा पैटर्न्स को मानव मस्तिष्क के समान प्रोसेस कर सकती है। इसका उपयोग छवियों को पहचानने, वर्गीकृत करने और यहां तक कि नई छवियों को जनरेट करने के लिए किया जा सकता है। यह मशीन सीखने की प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी बनाने में मदद करती है। इसके बाद हिंटन ने ‘Restricted Boltzmann Machines’ को पेश किया, जिसने मशीन लर्निंग की क्षमता को और बढ़ाया।

निष्कर्ष

हॉपफील्ड नेटवर्क और बोल्ट्ज़मैन मशीन ने मशीन लर्निंग और AI के क्षेत्र में मौलिक नींव रखी, जिन्हें आज हम विभिन्न क्षेत्रों में उपयोग होते देख रहे हैं। इन तकनीकों ने AI के विकास की दिशा को पूरी तरह से बदल दिया और आज के AI सिस्टम में गहराई से जुड़े हुए हैं।

यह पुरस्कार न केवल भौतिकी और कंप्यूटर विज्ञान के क्षेत्र में महान खोजों का सम्मान है, बल्कि यह भविष्य में AI के उपयोग और विकास में भी मार्गदर्शन करेगा।

One Reply to “2024 का भौतिकी नोबेल पुरस्कार: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग में क्रांति”

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