मेरे राघव जी उतरेंगे पार, गंगा मैया धीरे बहो – भजन – Mere Raghav Ji Utrenge Paar, Ganga Maiya Dheere Baho

मेरे राघव जी उतरेंगे पार, गंगा मैया धीरे बहो – भजन – Mere Raghav Ji Utrenge Paar, Ganga Maiya Dheere Baho

भजन

मेरे राघव जी उतरेंगे पार,
गंगा मैया धीरे बहो,
मैया धीरे बहो,
मैया धीरे बहो,
मेरे राघव जी उतरेगे पार,
गंगा मैया धीरे बहो ॥

गहरी नदियां नाव पुरानी,
चले पुरवैया ना गति ठहरानी,
मेरे प्रियतम बड़े सुकुमार,
गंगा मैया धीरे बहो,
मेरे राघव जी उतरेगे पार,
गंगा मैया धीरे बहो ॥

राम सिया और लखन विराजे,
शीश जटा तन मुनिपट साजे,
आज शोभा बनी है अपार,
गंगा मैया धीरे बहो,
मेरे राघव जी उतरेगे पार,
गंगा मैया धीरे बहो ॥

पुलक शरीर नीर अंखियन में,
आनंद मगन होत दर्शन में,
भवसागर से मोहे उतार,
गंगा मैया धीरे बहो,
मेरे राघव जी उतरेगे पार,
गंगा मैया धीरे बहो ॥

मेरे राघव जी उतरेंगे पार,
गंगा मैया धीरे बहो,
मैया धीरे बहो,
मैया धीरे बहो,
मेरे राघव जी उतरेगे पार,
गंगा मैया धीरे बहो ॥