भजन
गौरी नंदन तेरा वंदन,
करता है संसार,
तुझे सब प्रथम मनाते,
प्रेम से तुझे बुलाते,
गौरी नन्दन तेरा वंदन,
करता है संसार ॥
मात पिता से तुमने,
ये वर पाया,
इसलिए सारे जग ने,
प्रथम मनाया,
मंगल काज में पड़ती है,
पहले तेरी दरकार,
तुझे सब प्रथम मनाते,
प्रेम से तुझे बुलाते,
गौरी नन्दन तेरा वंदन,
करता है संसार ॥
एकदन्त दयावन्त,
चारभुजा धारी,
मुस की सवारी तेरी,
लगती है प्यारी,
शुभ और लाभ के,
तुम हो दाता,
रिद्धि सिद्धि के भरतार,
तुझे सब प्रथम मनाते,
प्रेम से तुझे बुलाते,
गौरी नन्दन तेरा वंदन,
करता है संसार ॥
लड्डुवन थाल जो भी,
भोग लगाते,
उन भक्तों से बप्पा,
खुश हो जाते,
‘श्याम’ कहे इसके बदले में,
भर देते भंडार,
तुझे सब प्रथम मनाते,
प्रेम से तुझे बुलाते,
गौरी नन्दन तेरा वंदन,
करता है संसार ॥
गौरी नंदन तेरा वंदन,
करता है संसार,
तुझे सब प्रथम मनाते,
प्रेम से तुझे बुलाते,
गौरी नन्दन तेरा वंदन,
करता है संसार ॥