डार्क वेब क्या है: इसका इतिहास, उपयोग, कैसे उपयोग करें, और डार्क वेब के साथ क्या करें और क्या न करें

डार्क वेब क्या है: इसका इतिहास, उपयोग, कैसे उपयोग करें, और डार्क वेब के साथ क्या करें और क्या न करें

इंटरनेट की दुनिया में ‘डार्क वेब’ एक ऐसा शब्द है, जो अक्सर रहस्य और जिज्ञासा के साथ जुड़ा हुआ है। डार्क वेब, इंटरनेट का वह हिस्सा है जो सामान्य सर्च इंजनों की पहुंच से बाहर है। यह अनोखी दुनिया अपने आप में कई रहस्यों और कहानियों को समेटे हुए है।

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डार्क वेब का इतिहास और विकास

डार्क वेब का इतिहास इंटरनेट के विकास के साथ-साथ चलता है, जिसमें इसके उद्भव को विशेष रूप से 1990 के दशक के मध्य से जोड़ा जा सकता है। डार्क वेब, इंटरनेट का वह हिस्सा है जो सामान्य वेब ब्राउज़र्स और सर्च इंजनों के माध्यम से उपलब्ध नहीं है। इसे एक्सेस करने के लिए विशेष सॉफ्टवेयर, जैसे कि Tor (The Onion Router) या I2P (Invisible Internet Project), की आवश्यकता होती है।

डार्क वेब का उपयोग

  • गोपनीयता की खोज: डार्क वेब शुरू में गोपनीयता चाहने वाले व्यक्तियों और समूहों द्वारा उपयोग किया जाता था जो सेंसरशिप से बचना चाहते थे या अपनी गतिविधियों को गुप्त रखना चाहते थे।
  • अवैध गतिविधियां: समय के साथ, डार्क वेब ड्रग्स, हथियारों, फर्जी आईडी, और अन्य अवैध वस्तुओं और सेवाओं के व्यापार के लिए एक केंद्र बन गया। सबसे प्रसिद्ध उदाहरण में से एक Silk Road है, जो एक ऑनलाइन ड्रग मार्केटप्लेस था जिसे बाद में सरकारी एजेंसियों ने बंद कर दिया।

महत्वपूर्ण घटनाएं

  • Silk Road बंद होना: 2013 में, Silk Road को अमेरिकी फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (FBI) द्वारा बंद कर दिया गया, जिससे डार्क वेब की दुनिया में व्यापक ध्यान आकर्षित हुआ।
  • टेक्नोलॉजिकल एडवांसमेंट: तकनीकी विकास ने डार्क वेब को और अधिक सुलभ बना दिया है, लेकिन साथ ही साइबर सुरक्षा और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए इसे नियंत्रित करना अधिक कठिन बना दिया है

डार्क वेब की वेबसाइट्स उन वेबसाइटों की तरह होती हैं जो सतही वेब (surface web) पर होती हैं, लेकिन इनमें कुछ महत्वपूर्ण अंतर होते हैं:

कैसे अलग होती हैं डार्क वेब की वेबसाइट्स:

  1. एक्सेसिबिलिटी: डार्क वेब की वेबसाइट्स को सामान्य ब्राउजर्स के माध्यम से एक्सेस नहीं किया जा सकता। इन्हें देखने के लिए विशेष टूल्स और सॉफ्टवेयर की आवश्यकता होती है, जैसे कि Tor या I2P नेटवर्क।
  2. डोमेन नाम: डार्क वेब साइट्स के डोमेन नाम सामान्यतः .onion पर समाप्त होते हैं और ये नाम अक्सर याद रखने में कठिन होते हैं क्योंकि वे यादृच्छिक अक्षरों और संख्याओं के संयोजन से बने होते हैं।
  3. सामग्री: डार्क वेब पर होस्ट की गई सामग्री अक्सर गोपनीय या अवैध होती है, जैसे कि ड्रग्स, हथियारों की बिक्री, फर्जी दस्तावेज़, हैकिंग सेवाएं आदि। हालांकि, यहां पर कुछ वैध और उपयोगी सेवाएं भी होती हैं जैसे कि व्हिसलब्लोअर प्लेटफॉर्म्स, प्राइवेसी-फोकस्ड सेवाएं आदि।

इनको कैसे देख सकते हैं:

डार्क वेब की वेबसाइटों को देखने के लिए, आपको Tor ब्राउजर या समान अनाम नेटवर्किंग टूल्स की आवश्यकता होती है। Tor ब्राउजर इंस्टॉल करने के बाद, आप .onion डोमेन के साथ वेबसाइटों तक पहुँच सकते हैं।

इनको कैसे होस्ट करते हैं:

डार्क वेब साइट्स को होस्ट करना सतही वेब पर साइट्स होस्ट करने से अलग होता है। इसके लिए विशेष कॉन्फिगरेशन और अनामीकरण टूल्स की आवश्यकता होती है ताकि साइट और इसके ऑपरेटर्स की पहचान गोपनीय रखी जा सके। डार्क वेब साइट्स आमतौर पर Tor नेटवर्क के माध्यम से होस्ट की जाती हैं, जिससे उन्हें ट्रैक करना और सेंसर करना कठिन हो जाता है।

सुरक्षा और गोपनीयता के लिए, डार्क वेब पर नेविगेट करते समय अतिरिक्त सावधानियाँ बरतनी चाहिए। अवैध गतिविधियों से दूर रहना और अपने डिवाइस पर उचित सुरक्षा मापदंडों को लागू करना महत्वपूर्ण है।

डार्क वेब के साथ क्या करें और क्या न करें

डार्क वेब का उपयोग करते समय, विशेष रूप से सुरक्षा और नैतिकता के मानदंडों का पालन करना महत्वपूर्ण है। यहां कुछ महत्वपूर्ण “क्या करें” और “क्या न करें” की सूची दी गई है:

क्या करें:

  1. सुरक्षा उपायों का पालन करें: एंटीवायरस सॉफ्टवेयर अपडेट रखें, फायरवॉल का उपयोग करें, और VPN के साथ Tor ब्राउजर का उपयोग करें ताकि आपकी ऑनलाइन गतिविधि को और अधिक अनाम और सुरक्षित बनाया जा सके।
  2. जागरूक रहें: जिन साइट्स पर आप जा रहे हैं और जो सूचना आप साझा कर रहे हैं उसके प्रति सजग रहें। संदिग्ध लिंक्स पर क्लिक न करें।
  3. गोपनीयता को महत्व दें: अपनी निजी जानकारी जैसे कि असली नाम, पता, फोन नंबर आदि को साझा न करें।
  4. शोध करें: डार्क वेब पर जाने से पहले, उसके बारे में अच्छे से शोध करें और समझें कि कैसे सुरक्षित रूप से नेविगेट किया जा सकता है।
  5. वैध उपयोग करें: व्हिसलब्लोअर साइट्स, सुरक्षित संचार सेवाओं, और ज्ञान साझा करने के लिए डार्क वेब का उपयोग करें।

क्या न करें:

  1. अवैध गतिविधियों में भाग न लें: ड्रग्स, हथियारों की बिक्री, या अन्य अवैध सामग्री की खरीदारी या बिक्री से बचें।
  2. अनजान फाइल्स डाउनलोड न करें: डार्क वेब पर मिलने वाली फाइल्स में वायरस या मैलवेयर हो सकता है।
  3. निजी जानकारी साझा न करें: अपनी निजी जानकारी या वित्तीय डेटा को डार्क वेब पर साझा न करें।
  4. कानूनी जोखिमों की अनदेखी न करें: डार्क वेब पर कुछ गतिविधियाँ कानूनी रूप से जोखिम भरी हो सकती हैं। अपने देश के कानूनों का सम्मान करें।
  5. बिना सोचे-समझे लिंक पर क्लिक न करें: फिशिंग या मैलवेयर साइट्स पर न जाएँ।

डार्क वेब का उपयोग करते समय सजगता और समझदारी बरतना अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसके उपयोग से पहले विस्तृत जानकारी और सुरक्षा प्रथाओं को समझना चाहिए।

सावधानियां और सुरक्षा

जब आप डार्क वेब का उपयोग कर रहे हों, तो सावधानी बरतना महत्वपूर्ण है। वीपीएन का उपयोग करें, अपने कंप्यूटर की सुरक्षा का ध्यान रखें, और अनजाने लिंक्स पर क्लिक न करें।

डार्क वेब एक रहस्यमय और जटिल दुनिया है। इसका उपयोग करते समय, गोपनीयता और सुरक्षा के मानदंडों का पालन करना चाहिए। यह तकनीकी रूप से उन्नत उपयोगकर्ताओं के लिए उपयुक्त है और इसके उपयोग के लिए सावधानी और विवेक की आवश्यकता होती है।

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डार्क वेब और टोर का कानूनी पहलू

डार्क वेब तक पहुंचने और टोर का उपयोग करने को भारतीय कानून द्वारा प्रतिबंधित नहीं किया गया है। यह ठीक उसी प्रकार है जैसे आप इंटरनेट के किसी अन्य हिस्से को एक्सेस कर रहे हैं। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत, इंटरनेट का उपयोग करना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना गया है

टोर के उपयोग का कानूनी पक्ष

टोर का उपयोग भी भारत में अवैध नहीं है। टोर एक ऐसा टूल है जो उपयोगकर्ताओं की पहचान को छुपाने और उनकी गोपनीयता को सुरक्षित रखने में मदद करता है। यह पत्रकारों, गोपनीयता के प्रति सजग नागरिकों और उन लोगों द्वारा उपयोग किया जाता है जो सेंसरशिप से बचना चाहते हैं। हालांकि, यदि आप टोर का उपयोग किसी अवैध उद्देश्य के लिए करते हैं, तो यह कानून का उल्लंघन माना जाएगा



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