दरश को प्यासे है, मैया मेरे नैन – भजन – Daras Ko Pyase Hai Maiya Mere Nain

दरश को प्यासे है, मैया मेरे नैन – भजन – Daras Ko Pyase Hai Maiya Mere Nain

भजन

दरश को प्यासे है,
मैया मेरे नैन,
एक झलक दिखलाओ भवानी,
तो आए भक्त को चैन,
दरश को प्यासे हैं,
मैया मेरे नैन ॥

लगन लगाकर कब से बैठे,
दर पर तेरे सवाली,
पाप ताप संताप हरो माँ,
अम्बै दुर्गे काली,
और जुदाई ना होती अब,
हम से मैया सहन,
दरश को प्यासे हैं,
मैया मेरे नैन ॥

दसों दिशा में तेरा नूर माँ,
नहीं जगह कोई खाली,
श्रृष्टि पालन हार तू ही है,
मैया शेरावाली,
हाथ दया का रख सर पर मां,
बीत जाएं ना रेन,
दरश को प्यासे हैं,
मैया मेरे नैन ॥

शिव शक्ति हे आदि भवानी,
मैं तेरा रूप निहारूं,
अष्टभुजी तत्काल आओ मां,
प्रेम से तुम्हें पुकारू,
मेरा जीवन धन्य करो मां,
जो है तेरा ही है देन,
दरश को प्यासे हैं,
मैया मेरे नैन ॥

ऋषि देवता और गंधर्व ने,
तेरा ही गुण गाया,
‘सुरेन्द्र सिंह’ भी संगत संग माँ,
शरण तेरी में आया,
पुर्ण इच्छा करने वाली,
मां सुन मेरा भी कहन,
दरश को प्यासे हैं,
मैया मेरे नैन ॥

दरश को प्यासे है,
मैया मेरे नैन,
एक झलक दिखलाओ भवानी,
तो आए भक्त को चैन,
दरश को प्यासे हैं,
मैया मेरे नैन ॥