1. बिग बैंग सिद्धांत (Big Bang Theory):
यह सिद्धांत यह विचार प्रस्तुत करता है कि लगभग 13.8 अरब वर्ष पहले एक अत्यंत घनीभूत स्थिति से ब्रह्मांड का विस्तार शुरू हुआ। इसके परिणामस्वरूप, आकाशगंगाएँ, तारे, ग्रह और अन्य खगोलीय वस्तुएँ बनीं।
2. हबल का ब्रह्मांडीय विस्तार का नियम (Hubble’s Law of Cosmic Expansion):
इस कानून के अनुसार, ब्रह्मांड में दूर स्थित आकाशगंगाएँ हमसे तेजी से दूर जा रही हैं। यह ब्रह्मांड के निरंतर फैलने का संकेत है।
3. केप्लर के ग्रहीय गति के नियम (Kepler’s Laws of Planetary Motion):
केप्लर ने तीन नियम बनाए जो ग्रहों की गति को समझने में मदद करते हैं, जैसे कि ग्रह कैसे अपनी कक्षा में चक्कर लगाते हैं और उनकी गति कैसे बदलती है।
4. गुरुत्वाकर्षण का सार्वभौमिक नियम (Universal Law of Gravitation):
इसके अनुसार, ब्रह्मांड में हर वस्तु दूसरी वस्तु को एक निश्चित बल से आकर्षित करती है। यह बल उनके द्रव्यमान और दूरी पर निर्भर करता है।
5. न्यूटन के गति के नियम (Newton’s Laws of Motion):
ये तीन नियम बताते हैं कि वस्तुएँ कैसे गति करती हैं, उन पर लगने वाले बल का प्रभाव, और गति के दौरान उनका व्यवहार कैसे बदलता है।
6. ऊष्मागतिकी के नियम (Laws of Thermodynamics):
ये नियम ऊर्जा के संरक्षण, ऊर्जा के परिवर्तन और ऊष्मा के प्रवाह को समझाते हैं, जो भौतिक विज्ञान के मूलभूत सिद्धांत हैं।
7. आर्किमिडीज का प्लवन सिद्धांत (Archimedes’ Buoyancy Principle):
यह सिद्धांत बताता है कि कोई भी वस्तु जब पानी या किसी अन्य द्रव में डूबती है, तो उस पर एक उत्प्लावन बल कार्य करता है, जो उस वस्तु के भार के बराबर होता है।
8. विकास और प्राकृतिक चयन (Evolution and Natural Selection):
यह सिद्धांत प्राकृतिक चयन के जरिए जीवों के विकास को समझाता है, जहाँ सबसे अनुकूलित जीव ही जीवित रह पाते हैं और अपने गुणों को आगे बढ़ाते हैं।
9. सामान्य सापेक्षता का सिद्धांत (Theory of General Relativity):
आइंस्टीन का यह सिद्धांत गुरुत्वाकर्षण को स्पेस-टाइम के वक्रता के रूप में समझाता है, जिसमें बड़ी वस्तुएँ अपने आसपास के स्थान को वक्रित करती हैं।
10. हाइज़नबर्ग का अनिश्चितता सिद्धांत (Heisenberg’s Uncertainty Principle):
यह सिद्धांत क्वांटम यांत्रिकी में बताता है कि हम एक समय में किसी कण की स्थिति और वेग को एक साथ पूरी निश्चितता से नहीं जान सकते।