माँ दुर्गा आरती हिंदी अर्थ
-: आरती व हिंदी अर्थ :-
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी ।
तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी ॥
हिंदी अर्थ :- हे माँ दुर्गा, हे माँ भवानी, हे माँ अम्बे, हे माँ गौरी आपकी जय हो, हे माँ श्यामा आपकी जय हो, हे माता ! स्वयं त्रिदेव अर्थात ब्रह्मा जी, भगवान विष्णु और भगवान शिव भी दिन-रात आपका ध्यान करते हैं।
⇒ मांग सिंदूर बिराजत, टीको मृगमद को ।
उज्ज्वल से दोउ नैना, चंद्रबदन नीको ॥
हिंदी अर्थ :- हे माता ! आप की मांग में सिंदूर लगा हुआ है। और कस्तूरी का तिलक आपके माथे पर चमक रहा है। आपकी दोनों आंखें बहुत तेजस्वी और खूबसूरत लग रही हैं और चेहरा चंद्रमा की तरह चमक रहा है।
कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै ।
रक्तपुष्प गल माला, कंठन पर साजै ॥
हिंदी अर्थ :- हे माँ अंबे ! आपका शरीर सोने की भांति चमक रहा है और आप लाल वस्त्र धारण करती हैं। आपके गले में लाल रंग के फूलों की माला आपकी सुंदरता को बढ़ाती है।
केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्परधारी ।
सुर-नर मुनिजन सेवत, तिनके दुःखहारी ॥
हिंदी अर्थ :- हे माँ देवी ! आप अपने वाहन सिंह अर्थात शेर पर विराजती है। और आपने अपने हाथों में तलवार व कपाल को धारण कर रखा है। मनुष्य संत और ऋषि मुनि सभी आप का गुणगान करते हैं। आपने इनके हर दुख का हरण किया है।
कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती ।
कोटिक चंद्र दिवाकर, राजत समज्योति ॥
हिंदी अर्थ :- हे माँ भवानी ! आपने अपने कानों में कुंडल और नाक पर मोती अति सुंदर लग रहे हैं। इन्हें देख लगता है करोड़ों सूर्य और चंद्रमा का प्रकाश भी कम है।
शुम्भ निशुम्भ बिडारे, महिषासुर घाती ।
धूम्र विलोचन नैना, निशिदिन मदमाती ॥
हिंदी अर्थ :- हे माँ दुर्गा ! आपने शुभ और निशुभ राक्षसों को अपने तेज प्रहार से उनका वध किया था। और महिषासुर राक्षस को भी आपने मारकर तीनों लोगों का उद्धार किया था। धुँए की भांति दृश्यमान होने वाली आपकी आंखें सदा मदमस्त दिखाई देती है।
चण्ड-मुण्ड संहारे, शौणित बीज हरे ।
मधु कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे ॥
हिंदी अर्थ :- हे माँ देवी ! चुण्ड और मुण्ड नामक राक्षसों का वध भी आपने ही किया था। और रक्तबीज का अंत भी आपने ही किया था मधु और कैटभ नमक दो भाई जो कि राक्षस थे। उनको भी आपने मार गिराया और तीनों लोकों को इन राक्षसों के भय से मुक्त कर दिया।
ब्रह्माणी, रुद्राणी, तुम कमला रानी ।
आगम निगम बखानी, तुम शिव पटरानी ॥
हिंदी अर्थ :- हे माँ देवी ! आप ही सरस्वती हो, आप ही पार्वती हो और आप ही महालक्ष्मी हो। आपका बखान तो शास्त्रों और वेदों में भी है। हे माँ आप शिव शंकर जी की भार्या हो।
चौंसठ योगिनि मंगल गावैं, नृत्य करत भैरू ।
बाजत ताल मृदंगा, अरू बाजत डमरू ॥
हिंदी अर्थ :- हे माँ भवानी ! आपकी तो चौसंठ योगिनी भी आपके कल्याण का गुणगान करती है। भैरव जी भी आप की आराधना में नृत्य करते हैं। हे माँ दुर्गा ! आपके जयगान में ढोल, नगाड़े और डमरु बजते हैं।
तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता ।
भक्तन की दुःख हरता, सुख सम्पत्ति करता ॥
हिंदी अर्थ :- हे माँ अंबे ! आप ही सारे संसार की माता हो। सब का पालन पोषण करने वाली माता आप ही हो। हे माता आप अपने सभी भक्तों के दुखों का हरण कर लेती हो। और आप सब को सुख संपत्ति देने वाली हो।
भुजा चार अति शोभित, खड्ग खप्परधारी ।
मनवांछित फल पावत, सेवत नर नारी ॥
हिंदी अर्थ :- हे माँ दुर्गा ! अभय और वरदान देने की मुद्रा में आप की चार भुजाएं बहुत सुंदर लग रही है। जो स्त्री या पुरुष सच्चे मन से आपकी भक्ति करता है। आप उसके मन की इच्छा को पूरा कर देती हो।
कंचन थाल विराजत, अगर कपूर बाती ।
श्री मालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योति ॥
हिंदी अर्थ :- हे माता ! सोने की थाल को सजाकर आपकी आरती की जाती है। जिसमें धूप-अगरबत्ती कपूर और दीपक को रखकर सजाया जाता है। हे देवी आप श्रीमालकेतु अर्थात अरावली पर्वत का वह भाग जो चांदी की तरह चमकता है। उसमें आप का निवास स्थान है जहां करोड़ों रत्नों के प्रकाश से बढ़कर आपकी ज्योति का प्रकाश है।
अम्बेजी की आरती जो कोई नर गावै ।
कहत शिवानंद स्वामी, सुख-सम्पत्ति पावै ॥
हिंदी अर्थ :- हे माँ अंबे ! जो भी भक्त सच्चे मन से आप की Maa Durga Aarti का गायन करता है। शिवानंद स्वामी जी कहते हैं कि आपकी कृपा उस पर हमेशा बनी रहती है। और उसे सब सुख संपत्ति प्राप्त हो जाती है।