रुद्राक्ष माला का धार्मिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से महत्व बहुत अधिक है। इसे पहनने के कुछ नियम और फायदे होते हैं जिन्हें जानना आवश्यक है। आइए जानते हैं रुद्राक्ष माला से जुड़ी विस्तृत जानकारी:
1. रुद्राक्ष की माला धारण करने के नियम
रुद्राक्ष की माला धारण करते समय कुछ नियमों का पालन करना आवश्यक है:
- सभी वर्ण के लोग रुद्राक्ष धारण कर सकते हैं।
- रुद्राक्ष धारण करते समय ‘ओऽम् नमः शिवाय’ का जप करना चाहिए और ललाट पर भस्म लगानी चाहिए।
- स्नान, दान, जप, होम, देवताओं की पूजा, प्रायश्चित, श्राद्ध और दीक्षाकाल में रुद्राक्ष धारण न करने पर वैदिक कार्य व्यर्थ जाता है।
- अपवित्रता के साथ रुद्राक्ष धारण न करें, इसे भक्ति के साथ धारण करें।
- सोने या चांदी के तारों में पिरोकर माला धारण करें, लाल धागे में भी माला पिरोई जा सकती है।
- पुरुष यज्ञोपवीत, हाथ, कंठ या पेट पर रुद्राक्ष धारण कर सकते हैं।
- शिव भक्तों को हाथ में रुद्राक्ष का कड़ा धारण करना चाहिए, विषम संख्या में रुद्राक्ष धारण करना उत्तम है।
- सोने की अंगूठी में रुद्राक्ष जड़वाकर दाहिने हाथ की किसी भी उंगली में धारण करें, मनोवांछित फल प्राप्त होता है।
- सिर में रुद्राक्ष धारण करके स्नान करने से गंगा स्नान के समान फल प्राप्त होता है।
- नित्य रुद्राक्ष पूजन या धारण करने से राजा के समान धनवान होते हैं।
- जिस माला से जाप करें, उसे गले में धारण न करें।
- एक बिन्दु वाला रुद्राक्ष पहनें, एक से अधिक बिंदु हानिकारक होते हैं।
- रुद्राक्ष पहनने वालों को मांसाहार, प्याज, लहसुन, मदिरा और अपशिष्ट पदार्थों का त्याग करना चाहिए।
- चालीस दिन के भीतर कार्य सिद्धि होती है, श्रद्धा और विश्वास आवश्यक है।
- रुद्राक्ष के दर्शन से पुण्य लाभ, स्पर्श से करोड़ गुना पुण्य और धारण करने से सौ कोटि गुना पुण्य प्राप्त होता है।
- शिव साधना में सफलता प्राप्त करने के लिए रुद्राक्ष का दाना श्रेष्ठ है।
- मृत्यु के समय रुद्राक्ष धारण करने वाला शिव लोक में गमन करता है।
- शिव पुराण के अनुसार सिर पर रुद्राक्ष धारण करने से एक करोड़ गुना फल, कान में दस करोड़ गुना फल, गले में सौ करोड़ गुना फल और मणिबन्ध में धारण करने से पूर्ण मोक्ष प्राप्त होता है।
- बेर के समान मध्यम, चने के समान आकार वाले रुद्राक्ष अधम और आंवले के समान आकार वाले रुद्राक्ष श्रेष्ठ माने गए हैं।
- जो रुद्राक्ष दृढ़, चिकना और मोटा होता है, वह श्रेष्ठ माना जाता है। कीड़ों से खाये हुए, बिना कांटों के, छिद्र करते समय फटे हुए और कृत्रिम रुद्राक्ष नुकसानदेह होते हैं।
2. रुद्राक्ष की माला कौन पहन सकता है?
रुद्राक्ष माला को सभी आयु के लोग धारण कर सकते हैं, परंतु जो लोग अपराध करते हैं, मदिरा का सेवन करते हैं, उन्हें यह माला धारण नहीं करनी चाहिए। यदि व्यक्ति मांसाहार भोजन करता है या मदिरा पान करता है तो उसे यह सब छोड़ना होगा, अन्यथा रुद्राक्ष धारण करना पाप के समान है। स्त्री-पुरुष के बीच शारीरिक संबंध के समय भी रुद्राक्ष की माला नहीं धारण करनी चाहिए।
3. रुद्राक्ष के वैज्ञानिक फायदे
रुद्राक्ष के बीज में केमो फार्माकोलॉजिकल नामक तत्व पाया जाता है, जिससे व्यक्ति का ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित रहता है। इससे दिल की बीमारियों का खतरा कम होता है। रुद्राक्ष में आयरन, कैल्शियम, सोडियम जैसे कई अन्य तत्व होते हैं, जो शरीर के नर्वस सिस्टम को सही रखते हैं और कई बीमारियों से छुटकारा दिलाते हैं।
4. असली रुद्राक्ष कहां मिलेगा?
रुद्राक्ष का पेड़ नेपाल में पाया जाता है और वहीं से शुद्ध रुद्राक्ष मिलना संभव है। इसके अलावा भारत के हिमालय के प्रदेशों, असम, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश, बंगाल, हरिद्वार, गढ़वाल, और देहरादून के जंगलों में भी रुद्राक्ष पाए जाते हैं। दक्षिण भारत में नीलगिरि, मैसूर और कर्नाटक में भी रुद्राक्ष के वृक्ष देखे जा सकते हैं।
5. महिलाओं के लिए रुद्राक्ष पहनने के नियम
महिलाओं को मासिक धर्म के समय रुद्राक्ष धारण नहीं करना चाहिए। रुद्राक्ष भगवान शंकर का प्रिय आभूषण है, जो दीर्घायु प्रदान करता है और अकाल मृत्यु को समाप्त करता है। गृहस्थ व्यक्तियों के लिए यह अर्थ और काम, संन्यासियों के लिए धर्म और मोक्ष प्रदान करता है। इससे स्त्रियों को पुत्र लाभ होता है, शारीरिक व्याधियाँ दूर होती हैं, मन को शांति मिलती है और योगियों की कुंडलिनी जाग्रत होती है। जिस घर में रुद्राक्ष होता है, वहां भूत-प्रेतादि का उपद्रव नहीं होता और यह हर कार्य में सफलता प्रदान करता है।
रुद्राक्ष माला को सही तरीके से धारण करने और इसके फायदे जानने से जीवन में कई सकारात्मक परिवर्तन आ सकते हैं। नियमों का पालन करते हुए इसे धारण करना लाभकारी होता है।