आरती कुंज बिहारी की हिंदी अर्थ सहित – Aarti Kunj Bihari Ki Meaning In Hindi

आरती कुंज बिहारी की हिंदी अर्थ सहित – Aarti Kunj Bihari Ki Meaning In Hindi

आरती कुंज बिहारी की हिंदी अर्थ

-: आरती व हिंदी अर्थ :-

आरती कुंज बिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की।

हिंदी अर्थ :- बृज की गलियों में विचरण करने वाले भगवान श्री कृष्ण जी कि हम सब आरती (Aarti Kunj Bihari Ki) गाते हैं। जहां उन्होंने एक उंगली पर ही पूरे पर्वत को उठा लिया था और वही पर भी बंसी बजाया करते हैं।

गले में बैजंती माला,
बजावे मुरली मधुर बाला।

हिंदी अर्थ :- श्री कृष्ण जी के गले में फूलों की माला अति सुंदर लगती है। और वे मधुर और मीठी तथा सुंदर धुन से बांसुरी बजाते हैं।

श्रवण में कुण्डल झलकाला,
नंद के आनंद नंदलाला।

हिंदी अर्थ :- उनके कानों में अति सुंदर कुंडल झंकार रहे है। श्री कृष्ण जी नंद बाबा के बहुत प्यारी पुत्र थे।

गगन सम अंग कांति काली,
राधिका चमक रही आली।

हिंदी अर्थ :- श्री कृष्ण जी का रंग सावला है और माता राधा जी का रंग गोरा है।

लतन में ठाढ़े बनमाली भ्रमर सी अलक,
कस्तूरी तिलक,चंद्र सी झलक
ललित छवि श्याम प्यारी की

हिंदी अर्थ :- श्री कृष्ण जी वन में लगे अनेक फूलों से बनी हुई माला पहने हुए हैं। और भ्रमर के समान वितरण करते हैं, श्री कृष्ण जी के माथे पर कस्तूरी का तिलक लगा हुआ है। और उनकी झलक चंद्रमा के समान अति सुंदर व शीतल है। और उनके सामने रंग की छवि सबसे प्यारी लगती है।

कनकमय में मोर मुकुट बिलसै,
देवता दर्शन को तरसे।

हिंदी अर्थ :- श्री कृष्ण जी के सिर पर मोर के पंखों का मुकुट लगा हुआ है। और उनके दर्शन के लिए तो सभी देवता गण तरसते हैं।

गगन से सुमन रासि बरसे
बजे मुरचंग, मधुर मिरदंग, ग्वालिन संग
अतुल रति गोप कुमारी की

हिंदी अर्थ :- आकाश से फूलों की बारिश हो रही है, मुरचंग बज रहा है, मृदंग की मधुर ध्वनि सुनाई दे रही है, और साथ में ग्वालिनियाँ विचरण कर रही हैं इसके समान तुलनीय और कोई नहीं हो सकता।

जहां ते प्रकट भई गंगा,
सकल मन हरिणी श्री गंगा।

हिंदी अर्थ :- जहां से मां गंगा प्रकट हुई वहीं से ही श्रीहरि का निवास स्थल है भी है।

स्मरण ते होत मोह भंगा
बसी शिव सीस, जटा के बीच, हरे अध कीच
चरण छवि श्रीबनवारी की।

हिंदी अर्थ :- श्री कृष्ण जी के स्मरण मात्र से ही मोह भंग हो जाता है। माता गंगा, शिव शंकर जी की जटा के बीच बसी है, और उनके जल से श्री कृष्ण जी के चरण धुलते हैं।

चमकती उज्ज्वल तट रेनू, बज रही वृंदावन बेनू।

हिंदी अर्थ :- माता गंगा के किनारे की मिट्टी चमक रही है। और वृंदावन में सुंदर बांसुरी की धुन सुनाई दे रही है।

चहु दिसि गोपि ग्वाल धेनू
हंस मृदु मंद, चांदनी चंद, कलत भव फंद
टेर सुन दीन दुखारी की।

हिंदी अर्थ :- चारों दिशाओं में गोपियों है, ग्वाले, और गाय माता है। श्री कृष्ण जी सुंदर हंसी हंस रहे हैं। चांदनी रात है जो कि उनके साथ ही व्यतीत हो रही हैं। और श्री कृष्ण जी दीन दुखियों के दुख को सुन रहे हैं।



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