मंगलवार व्रत कथा – Mangalwar Vrat Katha

मंगलवार व्रत कथा – Mangalwar Vrat Katha

मंगलवार व्रत कथा एक ब्राह्मण दंपति के दृढ़ विश्वास और उनकी अटूट भक्ति की कहानी है, जो श्री हनुमान के प्रति समर्पित थे। उनकी भक्ति और व्रत के फलस्वरूप, हनुमान जी ने उन्हें पुत्र प्राप्ति का वरदान दिया। कथा का संदेश यह है कि सच्ची भक्ति और आस्था से किये गए व्रत का प्रभाव अत्यंत शक्तिशाली होता है, जो जीवन में सुख-समृद्धि और मनवांछित फल प्रदान करता है।

व्रत कथा

एक समय की बात है एक ब्राह्मण दंपत्ति की कोई संतान नहीं थी, जिस कारण वह बेहद दुःखी थे। एक समय ब्राह्मण वन में हनुमान जी की पूजा के लिए गया। वहाँ उसने पूजा के साथ महावीर जी से एक पुत्र की कामना की।

घर पर उसकी स्त्री भी पुत्र की प्राप्ति के लिए मंगलवार का व्रत करती थी। वह मंगलवार के दिन व्रत के अंत में हनुमान जी को भोग लगाकर ही भोजन करती थी।

एक बार व्रत के दिन ब्राह्मणी ना भोजन बना पाई और ना ही हनुमान जी को भोग लगा सकी। उसने प्रण किया कि वह अगले मंगलवार को हनुमान जी को भोग लगाकर ही भोजन करेगी।

वह भूखी प्यासी छह दिन तक पड़ी रही। मंगलवार के दिन वह बेहोश हो गई। हनुमान जी उसकी निष्ठा और लगन को देखकर प्रसन्न हुए। उन्होंने आशीर्वाद स्वरूप ब्राह्मणी को एक पुत्र दिया और कहा कि यह तुम्हारी बहुत सेवा करेगा।

बालक को पाकर ब्राह्मणी अति प्रसन्न हुई। उसने बालक का नाम मंगल रखा। कुछ समय उपरांत जब ब्राह्मण घर आया, तो बालक को देख पूछा कि वह कौन है?

पत्नी बोली कि मंगलवार व्रत से प्रसन्न होकर हनुमान जी ने उसे यह बालक दिया है। ब्राह्मण को अपनी पत्नी की बात पर विश्वास नहीं हुआ। एक दिन मौका देख ब्राह्मण ने बालक को कुएं में गिरा दिया।

घर पर लौटने पर ब्राह्मणी ने पूछा कि, मंगल कहां है? तभी पीछे से मंगल मुस्कुरा कर आ गया। उसे वापस देखकर ब्राह्मण आश्चर्यचकित रह गया। रात को हनुमानजी ने उसे सपने में दर्शन दिए और बताया कि यह पुत्र उसे उन्होंने ही दिया है।

ब्राह्मण सत्य जानकर बहुत खुश हुआ। इसके बाद ब्राह्मण दंपत्ति प्रत्येक मंगलवार को व्रत रखने लगे।

जो मनुष्य मंगलवार व्रत कथा को पढ़ता या सुनता है,और नियम से व्रत रखता है उसे हनुमान जी की कृपा से सब कष्ट दूर होकर सर्व सुख प्राप्त होता है, और हनुमान जी की दया के पात्र बनते हैं।

◉ श्री हनुमंत लाल की पूजा आराधना में हनुमान चालीसा, बजरंग बाण और संकटमोचन अष्टक का पाठ बहुत ही प्रमुख माने जाते हैं।

मंगलवार व्रत पूजा-विधि

  1. सूर्योदय से पहले उठें: व्रत के दिन सूर्योदय से पहले उठकर नित्यक्रिया से निपटें और स्नान करके स्वच्छ हो जाएं।
  2. लाल वस्त्र धारण करें: मान्यता है कि मंगलवार को लाल वस्त्र पहनना शुभ होता है।
  3. हनुमान जी की पूजा: हनुमान जी को लाल फूल, सिंदूर, वस्त्रादि चढ़ाएं और उनके सामने ज्योति जलाकर हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करें।
  4. भोग लगाएं: शाम को बेसन के लड्डू या खीर का भोग हनुमान जी को लगाएं और फिर नमक रहित भोजन करें।

इस व्रत को विधिपूर्वक करने से व्रती के सभी दुःख-दर्द दूर होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। मांगलिक दोष से पीड़ित जातकों के लिए भी यह व्रत विशेष लाभकारी माना जाता है।

2 Replies to “मंगलवार व्रत कथा – Mangalwar Vrat Katha”

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