Category: Sanatan Dharam

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 13 – Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 13

व्रत कथा कार्तिक कथा को सुनो, सभी सहज मन लाय । तेरहवाँ अध्याय लिखूँ, श्री प्रभु शरण में आय ॥ दोनो ओर से गदाओं, बाणों और शूलों आदि का भीषण प्रहार हुआ। दैत्यों के तीक्ष्ण प्रहारों से व्याकुल देवता इधर-उधर [...]

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 16 – Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 16

व्रत कथा सुनो लगाकर मन सभी, संकट सब मिट जायें । कार्तिक माहात्म का `कमल`, पढो़ सोलहवां अध्याय ॥ राजा पृथु ने कहा: हे नारद जी! ये तो आपने भगवान शिव की बडी़ विचित्र कथा सुनाई है। अब कृपा करके [...]

सोमवती अमावस्या व्रत कथा – Somvati Amavasya Vrat Katha

व्रत कथा सोमवती अमावस्या व्रत कथा के अनुसार, एक गरीब ब्राह्मण परिवार था, उस परिवार में पति-पत्नी एवं उसकी एक पुत्री भी थी। उनकी पुत्री समय के गुजरने के साथ-साथ धीरे-धीरे बड़ी होने लगी। उस पुत्री में बढ़ती उम्र के [...]

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 17 – Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 17

व्रत कथा भक्ति से भरे भाव हे हरि मेरे मन उपजाओ । सत्रहवां अध्याय कार्तिक, कृपा दृष्टि कर जाओ ॥ उस समय शिवजी के गण प्रबल थे और उन्होंने जलन्धर के शुम्भ-निशुम्भ और महासुर कालनेमि आदि को पराजित कर दिया। [...]

भगवान राम के राजतिलक में निमंत्रण से छूटे भगवान चित्रगुप्त – Ram Ke Rajtilak Me Nimantran Se Chhute Bhagwan Chitragupt

व्रत कथा कहते है, जब भगवान राम दशानन रावण को मार कर अयोध्या लौट रहे थे, तब उनके खडाऊं को राजसिंहासन पर रख कर राज्य चला रहे राजा भरत थे। भरत ने गुरु वशिष्ठ को भगवान राम के राज्यतिलक के [...]

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 18 – Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 18

व्रत कथा लिखता हूँ मॉ पुराण की, सीधी सच्ची बात । अठारहवां अध्याय कार्तिक, मुक्ति का वरदात ॥ अब रौद्र रूप महाप्रभु शंकर नन्दी पर चढ़कर युद्धभूमि में आये। उनको आया देख कर उनके पराजित गण फिर लौट आये और [...]

चित्रगुप्त की कथा – यम द्वितीया – Chitragupt Ji Ki Katha – Yam Dwitiya

व्रत कथा यम द्वितिया, कार्तिक द्वितीया अथवा भैया दूज पर श्री चित्रगुप्त जी की पढ़ी जाने वाली पौराणिक कथा, पूजन एवं विधि.. मंत्री श्री धर्मराजस्य चित्रगुप्त: शुभंकर: । पायान्मां सर्वपापेभ्य: शरणागत वत्सल: ॥ एक बार युधिष्ठिरजी भीष्मजी से बोले: हे [...]

भैया दूज लोक कथा – Bhaiya Dooj Lauk Katha

व्रत कथा एक बुढ़िया माई थीं, उसके सात बेटे और एक बेटी थी। बेटी कि शादी हो चुकी थी। जब भी उसके बेटे कि शादी होती, फेरों के समय एक नाग आता और उसके बेटे को डस लेता था। बेटे [...]

भैया दूज पौराणिक कथा – Bhaiya Dooj Pauranik Katha

व्रत कथा भैया दूज पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। इस दिन बहनें रोली एवं अक्षत से अपने भाई का तिलक कर उसके उज्ज्वल भविष्य के लिए आशीष देती हैं। भैया दूज की [...]

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 19 – Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 19

व्रत कथा श्री विष्णु मम् हृदय में, प्रेरणा करने वाले नाथ । लिखूँ माहात्म कार्तिक, राखो सिर पर हाथ ॥ राजा पृथु ने पूछा - हे नारद जी! अब आप यह कहिए कि भगवान विष्णु ने वहाँ जाकर क्या किया [...]

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 21 – Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 21

व्रत कथा लिखने लगा हूँ श्रीहरि के, चरणों में शीश नवाय । कार्तिक माहात्म का बने, यह इक्कीसवाँ अध्याय ॥ अब ब्रह्मा आदि देवता नतमस्तक होकर भगवान शिव की स्तुति करने लगे। वे बोले - हे देवाधिदेव! आप प्रकृति से [...]

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 20 – Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 20

व्रत कथा माँ शारदा की प्रेरणा, स्वयं सहाय । कार्तिक माहात्म का लिखूं, यह बीसवाँ अध्याय ॥ अब राजा पृथु ने पूछा - हे देवर्षि नारद! इसके बाद युद्ध में क्या हुआ तथा वह दैत्य जलन्धर किस प्रकार मारा गया, [...]

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 22 – Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 22

व्रत कथा बाईसवें अध्याय की, जब लिखने लगा हूँ बात । श्री प्रभु प्रेरणा प्राप्त कर, कलम आ गई हाथ ॥ राजा पृथु ने नारद जी से पूछा – हे देवर्षि! कृपया आप अब मुझे यह बताइए कि वृन्दा को [...]

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 23 – Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 23

व्रत कथा तेईसवाँ अध्याय वर्णन आँवला तुलसी जान । पढ़ने-सुनने से ‘कमल’ हो जाता कल्यान ॥ नारद जी बोले - हे राजन! यही कारण है कि कार्तिक मास के व्रत उद्यापन में तुलसी की जड़ में भगवान विष्णु की पूजा [...]

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 24 – Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 24

व्रत कथा लिखवाओ से निज दया से, सुन्दर भाव बताकर । कार्तिक मास चौबीसवाँ, अध्याय सुनो सुधाकर ॥ राजा पृथु बोले- हे मुनिश्रेष्ठ! आपने तुलसी के इतिहास, व्रत, माहात्म्य के विषय में कहा। अब आप कृपाकर मुझे यह बताइए कि [...]

कार्तिक संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा Kartik Sankashti Ganesh Chaturthi Vrat Katha

व्रत कथा पार्वती जी कहती हैं कि हे भाग्यशाली ! लम्बोदर ! भाषणकर्ताओं में श्रेष्ठ ! कार्तिक कृष्ण चतुर्थी को किस नाम वाले गणेश जी की पूजा, किस भांति करनी चाहिए। श्रीकृष्ण जी ने कहा कि अपनी माता की बात [...]