श्री खाटू श्याम जी आरती – Shri Khatu Shyam Ji Ki Aarti

श्री खाटू श्याम जी आरती – Shri Khatu Shyam Ji Ki Aarti

श्री खाटू श्याम जी हिन्दू धर्म में पूजे जाने वाले एक प्रमुख देवता हैं, जो महाभारत के योद्धा बर्बरीक के रूप में प्रसिद्ध हैं। वे भगवान कृष्ण के परम भक्त और शिष्य माने जाते हैं। खाटू श्याम जी की आरती का महत्व इस बात में है कि वह भक्तों को उनके दुखों से मुक्ति और जीवन में सफलता प्राप्त करने की प्रेरणा देती है। श्री खाटू श्याम जी को संकटों का हरने वाला और मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाला माना जाता है।

श्री खाटू श्याम जी की आरती कब की जाती है

श्री खाटू श्याम जी की आरती विशेष रूप से उनके मंदिरों में प्रतिदिन की जाती है। विशेष त्योहारों, जैसे कि फाल्गुन मेला, और अन्य पवित्र अवसरों पर भी भक्त विशेष आरती और पूजा अर्चना करते हैं।

श्री खाटू श्याम जी की आरती की पूजा विधि

  1. तैयारी: खाटू श्याम जी के चित्र या मूर्ति के समक्ष पूजा स्थल को साफ और सजाएं।
  2. दीप प्रज्वलित करें: दीपक जलाकर और धूप दिखाकर पूजा की शुरुआत करें।
  3. पुष्प अर्पित करें: खाटू श्याम जी को पुष्प अर्पित करें।
  4. आरती का पाठ: श्री खाटू श्याम जी की आरती का पाठ करें। आरती के दौरान भक्त घंटी बजाते हैं और तालियाँ बजाते हैं।
  5. प्रसाद अर्पण: आरती के बाद, श्री खाटू श्याम जी को प्रसाद के रूप में मिठाई या फल अर्पित करें।
  6. मंत्र जाप और ध्यान: खाटू श्याम जी के मंत्र “ॐ श्री श्याम देवाय नमः” का जाप करते हुए उनका ध्यान करें। इससे भक्तों को मानसिक शांति और आत्मिक संतोष मिलता है।
  7. आशीर्वाद प्राप्त करें: पूजा के समापन पर, खाटू श्याम जी से आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए प्रार्थना करें। उनसे जीवन में सफलता, स्वास्थ्य, और सुख-शांति की कामना करें।

॥ आरती ॥

ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे ।
खाटू धाम विराजत,
अनुपम रूप धरे॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे ।

रतन जड़ित सिंहासन,
सिर पर चंवर ढुरे ।
तन केसरिया बागो,
कुण्डल श्रवण पड़े ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे ।

गल पुष्पों की माला,
सिर पार मुकुट धरे ।
खेवत धूप अग्नि पर,
दीपक ज्योति जले ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे ।

मोदक खीर चूरमा,
सुवरण थाल भरे ।
सेवक भोग लगावत,
सेवा नित्य करे ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे ।

झांझ कटोरा और घडियावल,
शंख मृदंग घुरे ।
भक्त आरती गावे,
जय-जयकार करे ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे ।

जो ध्यावे फल पावे,
सब दुःख से उबरे ।
सेवक जन निज मुख से,
श्री श्याम-श्याम उचरे ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे ।

श्री श्याम बिहारी जी की आरती,
जो कोई नर गावे ।
कहत भक्त-जन,
मनवांछित फल पावे ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे ।

जय श्री श्याम हरे,
बाबा जी श्री श्याम हरे ।
निज भक्तों के तुमने,
पूरण काज करे ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे ।

ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे।
खाटू धाम विराजत,
अनुपम रूप धरे॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे ।

श्री खाटू श्याम जी की आरती का महत्व

श्री खाटू श्याम जी की आरती भक्तों के लिए एक गहन आध्यात्मिक अनुभव होती है। यह उन्हें अपने इष्ट देव के साथ एक गहरा संबंध स्थापित करने में मदद करती है। आरती के माध्यम से, भक्त अपने दुख-दर्द, समस्याएँ और मनोकामनाएँ भगवान के समक्ष रखते हैं और उनसे मार्गदर्शन और सहायता की प्रार्थना करते हैं।

खाटू श्याम जी की आरती न केवल व्यक्तिगत भक्ति का एक कृत्य है, बल्कि यह समुदाय को भी एकजुट करती है, जहाँ सभी भक्त एक साथ मिलकर अपने आराध्य देव की स्तुति करते हैं। इस आरती के माध्यम से भक्तों में धैर्य, विश्वास और समर्पण की भावना मजबूत होती है, और उन्हें जीवन की कठिनाइयों का सामना करने की शक्ति मिलती है।



Index