श्री धन्वंतरि जी की आरती हिंदी में – Shri Dhanvantari Ji Ki Aarti in Hindi

श्री धन्वंतरि जी की आरती हिंदी में  – Shri Dhanvantari Ji Ki Aarti in Hindi

श्री धन्वंतरि भगवान को आयुर्वेद के देवता और “स्वास्थ्य के संरक्षक” के रूप में पूजा जाता है। धनतेरस और अन्य विशेष अवसरों पर श्री धन्वंतरि जी की आरती गाई जाती है ताकि शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का आशीर्वाद प्राप्त हो सके। इस आरती का पाठ करने से जीवन में समृद्धि, स्वस्थ शरीर, और सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति होती है। इस पोस्ट में हम आपको श्री धन्वंतरि जी की आरती के शुद्ध शब्द और इसका महत्व बताएंगे।

श्री धन्वन्तरि जी की आरती - Shri Dhanvantari Ji Ki Aarti

जय धन्वन्तरि देवा,जय धन्वन्तरि जी देवा।
जरा-रोग से पीड़ित, जन-जन सुख देवा॥
जय धन्वन्तरि देवा…

तुम समुद्र से निकले,अमृत कलश लिए।
देवासुर के संकट, आकर दूर किए॥
जय धन्वन्तरि देवा…

आयुर्वेद बनाया, जग में फैलाया।
सदा स्वस्थ रहने का, साधन बतलाया॥
जय धन्वन्तरि देवा…

भुजा चार अति सुन्दर, शंख सुधा धारी।
आयुर्वेद वनस्पति से, शोभा भारी॥
जय धन्वन्तरि देवा…

तुम को जो नित ध्यावे, रोग नहीं आवे।
असाध्य रोग भी उसका, निश्चय मिट जावे॥
जय धन्वन्तरि देवा…

हाथ जोड़कर प्रभुजी, दास खड़ा तेरा वैद्य-समाज तुम्हारे,
चरणों का घेरा॥
जय धन्वन्तरि देवा…

धन्वन्तरिजी की आरती, जो कोई नर गावे।
रोग-शोक न आए, सुख-समृद्धि पावे॥
जय धन्वन्तरि देवा…

जय धन्वन्तरि देवा,जय धन्वन्तरि जी देवा।
जरा-रोग से पीड़ित, जन-जन सुख देवा॥