आज के दौर में “शेयर मार्केट” शब्द लगभग हर कोई सुनता है — कभी न्यूज़ में, कभी अख़बार में, तो कभी दोस्तों की बातचीत में। लेकिन क्या आपने कभी रुककर ये सोचा है कि ये शेयर मार्केट हकीकत में होता क्या है? और ये हमारे जीवन से कैसे जुड़ा है?
अगर आप एक स्टूडेंट, नौकरीपेशा, या फिर कोई ऐसा व्यक्ति हैं जिसका वित्तीय पृष्ठभूमि से कोई लेना-देना नहीं, तब भी ये जानना आपके लिए ज़रूरी है। क्योंकि शेयर मार्केट न सिर्फ़ देश की अर्थव्यवस्था का आईना है, बल्कि एक ऐसा साधन भी है जिससे एक आम इंसान भी धन बना सकता है — समझदारी से निवेश करके।
इस ब्लॉग में हम कोशिश करेंगे कि:
आपको एकदम सरल भाषा में शेयर मार्केट की मूल बातें समझाएं,
बताएँ कि ये कैसे काम करता है,
और सबसे अहम — कैसे एक सामान्य व्यक्ति भी इसमें शामिल होकर लाभ कमा सकता है, वो भी कम जोखिम के साथ।
तो चलिए, शुरू करते हैं — बिना किसी कठिन शब्दों और भारी-भरकम वित्तीय ज्ञान के, एकदम आसान और सीधे तरीके से!
शेयर मार्केट क्या होता है? (What is Share Market?)
शेयर मार्केट, जिसे हम “शेयर बाजार” या “स्टॉक मार्केट” भी कहते हैं, एक ऐसी जगह है जहां कंपनियों के शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं। आसान शब्दों में कहें तो यह एक बाज़ार है जहां लोग कंपनियों में हिस्सेदारी खरीदते हैं।
🧩 शेयर क्या होता है?
जब कोई कंपनी अपने व्यापार को बढ़ाने के लिए पब्लिक से पैसा जुटाना चाहती है, तो वह अपने मालिकाना हक के छोटे-छोटे हिस्से, यानी “शेयर” बेचती है।
इन शेयरों को खरीदकर कोई भी व्यक्ति उस कंपनी का एक आंशिक मालिक बन जाता है।
📌 उदाहरण से समझिए:
मान लीजिए एक कंपनी के 1 लाख शेयर हैं, और आपने उसमें से 1,000 शेयर खरीद लिए। इसका मतलब है कि अब आप उस कंपनी के 1% हिस्सेदार हैं। यदि कंपनी मुनाफा कमाती है, तो आपके शेयर की कीमत बढ़ सकती है — और आप मुनाफे में हिस्सेदार बनते हैं।
📍 क्या यह कोई असली जगह है?
आज के समय में शेयर बाजार डिजिटल प्लेटफॉर्म पर चलता है, यानी मोबाइल या कंप्यूटर से आप शेयर खरीद-बेच सकते हैं। लेकिन भारत में इसके दो मुख्य एक्सचेंज हैं — जिनके बारे में हम अगले सेक्शन में जानेंगे।
भारत में दो प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज कौन से हैं?
जब हम शेयर मार्केट की बात करते हैं, तो उसका मतलब सिर्फ़ एक जगह नहीं होता। असल में, शेयरों की खरीद-बिक्री स्टॉक एक्सचेंज नामक प्लेटफॉर्म पर होती है।
भारत में इसके दो सबसे बड़े और प्रमुख एक्सचेंज हैं:
📍 1. BSE – बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज
यह एशिया का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है, जिसकी स्थापना 1875 में हुई थी।
इसका मुख्य इंडेक्स है Sensex, जो BSE की 30 प्रमुख कंपनियों की प्रदर्शन को दर्शाता है।
BSE भारत की सबसे पुरानी और भरोसेमंद ट्रेडिंग जगहों में से एक है।
📍 2. NSE – नेशनल स्टॉक एक्सचेंज
इसकी स्थापना 1992 में हुई थी और यह देश का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है।
इसका प्रमुख इंडेक्स है Nifty 50, जिसमें 50 बड़ी कंपनियाँ शामिल होती हैं।
NSE ने शेयर ट्रेडिंग को पूरी तरह डिजिटल और तेज़ बना दिया है, जिससे छोटे निवेशकों के लिए ट्रेडिंग आसान हो गई।
🆚 BSE और NSE में क्या अंतर है?
| मापदंड | BSE | NSE |
|---|---|---|
| स्थापना वर्ष | 1875 | 1992 |
| प्रमुख सूचकांक | Sensex | Nifty |
| ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म | BOLT | NEAT |
| बाजार हिस्सेदारी | थोड़ा कम | ज़्यादा (volume में) |
👉 ध्यान दें: दोनों एक्सचेंज एक जैसे ही काम करते हैं और आजकल लगभग सभी बड़ी कंपनियाँ दोनों पर लिस्टेड होती हैं।
Sensex और Nifty क्या होते हैं? – विस्तार से समझिए
जब भी आप समाचार चैनलों या अख़बारों में सुनते हैं कि “Sensex 600 अंक चढ़ा” या “Nifty में 1% की गिरावट आई”, तो सवाल उठता है कि ये Sensex और Nifty आखिर हैं क्या?
इनका शेयर बाजार से क्या रिश्ता है? और ये कैसे तय करते हैं कि बाजार ऊपर गया या नीचे?
तो चलिए इसे आसान भाषा और उदाहरणों के साथ समझते हैं।
📌 Sensex और Nifty: ये क्या होते हैं?
Sensex और Nifty, दोनों ही शेयर बाज़ार के “इंडेक्स” (Index) होते हैं।
Index का मतलब?
इंडेक्स का मतलब होता है — औसत प्रदर्शन मापने का पैमाना।
सोचिए शेयर बाजार में हजारों कंपनियाँ लिस्टेड होती हैं। अब इन सभी कंपनियों के प्रदर्शन को एकसाथ देखना मुश्किल है।
इसलिए इंडेक्स हमें एक सारांश (summary) देता है कि “बाजार का मूड” क्या है — यानी ज़्यादातर कंपनियाँ फायदे में हैं या घाटे में?
🔹 Sensex क्या है?
Sensex यानी “Sensitive Index”
यह Bombay Stock Exchange (BSE) का मुख्य इंडेक्स है।
इसमें भारत की 30 सबसे बड़ी और भरोसेमंद कंपनियाँ शामिल होती हैं, जो अपने-अपने सेक्टर में लीडर होती हैं।
जैसे: Reliance Industries, Infosys, HDFC Bank, TCS, Hindustan Unilever, आदि।
🎯 काम कैसे करता है?
अगर इन 30 कंपनियों के शेयर की कीमतें बढ़ती हैं → Sensex ऊपर जाता है।
अगर इन कंपनियों के शेयर गिरते हैं → Sensex नीचे आता है।
🧠 आसान उदाहरण:
मान लीजिए कि स्कूल में 30 टॉप स्टूडेंट्स की परफॉर्मेंस को मिलाकर एक औसत निकाला जाए — यही Sensex है। अगर टॉप स्टूडेंट्स अच्छा कर रहे हैं, तो माना जाता है कि पूरी क्लास का माहौल अच्छा है।
🔸 Nifty क्या है?
Nifty का पूरा नाम है: National Fifty Index
यह National Stock Exchange (NSE) का मुख्य इंडेक्स है।
इसमें 50 बड़ी कंपनियाँ शामिल होती हैं, जिनका चयन उनके मार्केट कैपिटलाइज़ेशन और ट्रेडिंग वॉल्यूम के आधार पर होता है।
🏢 इसमें शामिल प्रमुख सेक्टर:
बैंकिंग (SBI, ICICI Bank)
आईटी (Infosys, TCS)
ऑटो (Tata Motors, Maruti)
फार्मा, FMCG, एनर्जी, आदि
🚦 काम कैसे करता है?
इन 50 कंपनियों के प्रदर्शन के आधार पर Nifty का अंक तय होता है।
शेयर बढ़े → Nifty ऊपर
शेयर घटे → Nifty नीचे
🤝 Sensex vs Nifty – मुख्य अंतर
| तुलना का आधार | Sensex | Nifty |
|---|---|---|
| एक्सचेंज | BSE (Bombay Stock Exchange) | NSE (National Stock Exchange) |
| लॉन्च वर्ष | 1986 | 1996 |
| कंपनियों की संख्या | 30 | 50 |
| मुख्य इंडस्ट्री कवरेज | सभी प्रमुख सेक्टर | सभी प्रमुख सेक्टर |
| इंडेक्स नाम | Sensex | Nifty 50 |
💡 इंडेक्स ऊपर-नीचे क्यों होता है?
Sensex और Nifty में उतार-चढ़ाव कई कारणों से होते हैं:
कंपनियों के मुनाफे या घाटे (Quarterly Results)
सरकार की नई नीतियाँ (Budget, Tax Changes)
अंतरराष्ट्रीय घटनाएँ (युद्ध, महंगाई, अमेरिका की मंदी)
निवेशकों का भरोसा (Investor Sentiment)
रुपए की वैल्यू, कच्चे तेल की कीमतें आदि
🤔 क्या आपको इसकी चिंता करनी चाहिए?
अगर आप लंबी अवधि के निवेशक हैं, तो रोज़ाना Sensex/Nifty के ऊपर-नीचे होने से डरने की ज़रूरत नहीं है।
बल्कि ये एक संकेत है कि बाजार कैसे मूव कर रहा है — और इसका उपयोग आप सही समय पर निवेश या मुनाफा निकालने के लिए कर सकते हैं।
शेयर मार्केट में कौन-कौन शामिल होते हैं? (Main Participants in the Share Market)
शेयर बाजार सिर्फ एक जगह या ऐप नहीं है — यह एक पूरा इकोसिस्टम (ecosystem) है, जिसमें कई तरह के लोग और संस्थाएँ मिलकर काम करती हैं।
हर एक का एक खास रोल होता है जिससे यह बाजार सुचारु रूप से चलता है।
चलिए जानते हैं कि शेयर मार्केट में कौन-कौन शामिल होते हैं और उनका क्या काम होता है।
🏢 1. कंपनियाँ (Companies)
शेयर मार्केट की मुख्य जड़ होती हैं कंपनियाँ — यानी वे व्यवसाय जो अपने विकास (growth) के लिए पैसा जुटाना चाहती हैं।
🏭 कंपनी शेयर क्यों बेचती है?
अगर एक कंपनी को नया प्रोजेक्ट शुरू करना है या अपने बिज़नेस को बढ़ाना है, तो उसे पैसे की ज़रूरत होती है।
इसके लिए वह अपने शेयर जनता को बेचती है — जिसे IPO (Initial Public Offering) कहते हैं।
जब आप उस शेयर को खरीदते हैं, तो आप कंपनी के हिस्सेदार बन जाते हैं।
📌 उदाहरण:
Zomato, LIC, Nykaa जैसी बड़ी कंपनियाँ जब पहली बार शेयर बाजार में आईं, तो उन्होंने IPO के ज़रिए आम जनता से पैसा जुटाया।
🙋♂️ 2. निवेशक (Investors)
ये वो लोग होते हैं जो कंपनियों के शेयर खरीदते हैं।
दो प्रकार के निवेशक होते हैं:
🔹 1. खुदरा निवेशक (Retail Investors)
आम लोग — जैसे आप और मैं — जो कुछ हज़ार या लाख रुपये लगाकर निवेश करते हैं।
इनकी संख्या बहुत ज़्यादा होती है, लेकिन निवेश अमाउंट सीमित होता है।
🔸 2. संस्थागत निवेशक (Institutional Investors)
बैंक, म्यूचुअल फंड, बीमा कंपनियाँ, विदेशी निवेशक (FIIs), आदि।
ये करोड़ों-करोड़ों रुपये का निवेश करते हैं और बाज़ार की दिशा को प्रभावित कर सकते हैं।
🧑💼 3. ब्रोकर और ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म (Brokers & Platforms)
निवेशक और स्टॉक एक्सचेंज के बीच में जो लोग/प्लेटफ़ॉर्म कनेक्शन बनाते हैं, उन्हें ब्रोकर कहते हैं।
उनका काम क्या होता है?
आपके लिए शेयर खरीदना और बेचना
ट्रांजैक्शन को सही तरीके से प्रोसेस करना
पोर्टफोलियो की रिपोर्ट देना
✅ भारत के प्रमुख ब्रोकर ऐप्स:
Zerodha
Groww
Upstox
Angel One
ICICI Direct
📌 निवेश करने के लिए आपके पास एक Demat Account और Trading Account होना जरूरी होता है — जो यही ब्रोकर आपके लिए खोलते हैं।
🏛️ 4. स्टॉक एक्सचेंज (Stock Exchange)
यह वह डिजिटल मार्केटप्लेस है जहां सभी शेयरों की खरीद-बिक्री होती है।
भारत में प्रमुख एक्सचेंज:
BSE (Bombay Stock Exchange)
NSE (National Stock Exchange)
स्टॉक एक्सचेंज ही वह जगह है जो शेयर की कीमत तय करने, रिकॉर्ड रखने, और पारदर्शिता (transparency) बनाए रखने का काम करती है।
🛡️ 5. SEBI – सिक्योरिटीज़ एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया
SEBI भारत की सरकारी नियामक संस्था (Regulatory Body) है, जो शेयर मार्केट को नियंत्रित और सुरक्षित बनाती है।
SEBI का काम:
मार्केट में धोखाधड़ी को रोकना
निवेशकों के हितों की रक्षा करना
कंपनियों और ब्रोकरों के लिए नियम तय करना
📌 SEBI के बिना शेयर बाजार में भरोसा और सुरक्षा संभव नहीं है।
💡 एक सरल उदाहरण से समझिए:
मान लीजिए कि शेयर मार्केट एक बड़ी मंडी है —
कंपनियाँ अपनी उपज (शेयर) बेचने आती हैं
निवेशक उस उपज को खरीदते हैं
ब्रोकर दुकानदार होते हैं जो सौदा करवाते हैं
स्टॉक एक्सचेंज वह मंडी है जिसमें ये सभी मौजूद हैं
और SEBI पुलिस है जो सबकी निगरानी करती है कि कोई नियम न तोड़े।
शेयर मार्केट कैसे चलता है? (Basic Working of Share Market)
अब तक आपने जाना कि शेयर मार्केट क्या होता है, इसमें कौन-कौन शामिल होते हैं, और किन प्लेटफॉर्म्स पर ये चलता है।
अब सबसे ज़रूरी सवाल:
ये शेयर मार्केट असल में चलता कैसे है?
मतलब —
कोई कंपनी बाजार में आती कैसे है?
हम उसके शेयर कैसे खरीदते हैं?
शेयर की कीमत तय कैसे होती है?
चलिए इसे एक आसान कहानी और स्टेप-बाय-स्टेप तरीके से समझते हैं।
🧩 Step 1: कंपनी को फंड चाहिए — IPO लाती है
जब किसी कंपनी को अपने व्यापार के लिए अतिरिक्त पैसा चाहिए होता है — जैसे नई फैक्ट्री लगाना, तकनीक में सुधार करना या विस्तार करना — तो वह अपने मालिकाने के हिस्से बेचने का फ़ैसला करती है।
इसी प्रक्रिया को कहते हैं: IPO – Initial Public Offering
🚀 IPO क्या है?
IPO का मतलब है: जब कोई प्राइवेट कंपनी पहली बार अपने शेयर आम जनता को बेचती है।
इसके बाद वह कंपनी पब्लिक लिमिटेड कंपनी बन जाती है और स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट हो जाती है।
📌 उदाहरण:
Zomato, Paytm, LIC जैसी कंपनियाँ पहले private थीं। उन्होंने IPO लाकर लोगों से पैसे जुटाए और स्टॉक मार्केट में लिस्ट हुईं।
🛒 Step 2: निवेशक उस कंपनी के शेयर खरीदते हैं
IPO में हिस्सा लेने के लिए निवेशक (यानि आम लोग, संस्थाएं, फंड्स आदि) आवेदन करते हैं।
अगर आपको शेयर अलॉट हो जाते हैं, तो वे आपके Demat Account में आ जाते हैं।
इसके बाद उन शेयरों की खुली खरीद-बिक्री (trading) स्टॉक एक्सचेंज पर शुरू होती है।
🔁 Step 3: शेयर की कीमत कैसे तय होती है? (Price Movement)
एक बार कंपनी के शेयर स्टॉक एक्सचेंज पर आ जाते हैं, तो उनकी कीमत हर सेकेंड बदलती है।
🎯 ये बदलाव क्यों होते हैं?
शेयर की कीमत डिमांड और सप्लाई (मांग और आपूर्ति) पर आधारित होती है।
अगर किसी शेयर को ज़्यादा लोग खरीदना चाहते हैं → कीमत बढ़ेगी
अगर ज़्यादा लोग बेच रहे हैं और खरीदने वाले कम हैं → कीमत घटेगी
📌 उदाहरण:
अगर टाटा मोटर्स ने बहुत अच्छा प्रॉफिट दिखाया है तो लोगों को लगता है शेयर आगे बढ़ेगा — वो खरीदते हैं → मांग बढ़ती है → कीमत बढ़ती है।
💻 Step 4: ट्रेडिंग कैसे होती है? (Buying/Selling Process)
आज के समय में आप शेयर खरीदने या बेचने के लिए ब्रोकर ऐप्स (जैसे Zerodha, Groww, Upstox) का इस्तेमाल करते हैं।
प्रोसेस:
आप ब्रोकर ऐप में लॉगिन करते हैं
कोई स्टॉक सर्च करते हैं (जैसे HDFC Bank)
खरीदने या बेचने की quantity डालते हैं
आपका ऑर्डर NSE/BSE को भेजा जाता है
यदि कोई सेलर/बायर सामने मिलता है → ऑर्डर पूरा हो जाता है
आपका Demat Account अपडेट हो जाता है
यह पूरी प्रक्रिया कुछ ही सेकंड में डिजिटल रूप से हो जाती है।
🧠 एक सरल उदाहरण से समझिए:
मान लीजिए कि आप और आपके दोस्त एक पुराने सिक्के की नीलामी कर रहे हैं।
एक दोस्त कहता है – “मैं इसे ₹100 में लूंगा”, दूसरा कहता है “₹120” और तीसरा कहता है “₹150″।
अंत में सबसे ऊंची बोली वाला इसे खरीद लेता है —
यही demand-supply logic शेयर बाजार में हर सेकेंड चलता है।
🛡️ Bonus: Price Movement पर असर डालने वाले अन्य फैक्टर
कंपनी के Quarterly Results
Government Policies & Budget
Global News (Oil Prices, War, Recession)
SEBI के नए नियम
निवेशकों की भावनाएं (FII का Entry/Exit)
आसान उदाहरण से समझिए (Understand with a Simple Example)
अब तक हमने शेयर मार्केट की परिभाषा, काम करने का तरीका और जुड़े लोगों के बारे में जाना।
लेकिन चलिए अब इसे एक साधारण और ज़मीनी उदाहरण से समझते हैं, ताकि आपके दिमाग में यह पूरी प्रक्रिया अच्छे से बैठ जाए।
☕ कहानी: राहुल की “चाय वाला” कंपनी
मान लीजिए राहुल नाम का एक लड़का है, जो एक छोटे शहर में “राहुल टी स्टॉल” नाम से चाय की दुकान चलाता है।
उसकी चाय बहुत फेमस हो जाती है, और वह अब पूरे राज्य में 100 दुकानें खोलना चाहता है।
📉 लेकिन दिक्कत क्या है?
उसे अपने प्लान को पूरा करने के लिए ₹10 लाख की ज़रूरत है।
उसके पास फिलहाल इतना पैसा नहीं है।
💡 Step 1: पैसे जुटाने के लिए “मालिकाना हिस्सा” बेचना
राहुल को कोई बैंक लोन नहीं दे रहा, तो वह सोचता है कि क्यों न अपनी कंपनी में कुछ हिस्सेदारी (Ownership) लोगों को बेच दी जाए?
वह अपनी कंपनी को 1,000 हिस्सों (shares) में बाँटता है।
और वह 500 शेयर पब्लिक को बेचने का फ़ैसला करता है — यानी अब कोई भी व्यक्ति राहुल की कंपनी में पैसा लगाकर उसका आंशिक मालिक बन सकता है।
इसे ही कहा जाता है: IPO (Initial Public Offering)
यानी पहली बार आम जनता के सामने कंपनी के शेयर ऑफर करना।
📦 Step 2: लोगों ने शेयर खरीदे — राहुल को फंड मिल गया
मान लीजिए:
राम ने 100 शेयर खरीदे
सीमा ने 50 शेयर
अनीता ने 150 शेयर
तो अब:
राहुल को ₹10 लाख मिल गए (500 शेयर × ₹200 प्रति शेयर)
और राम, सीमा, अनीता जैसे लोग अब उसकी कंपनी में सह-मालिक (shareholder) बन गए
अब अगर कंपनी मुनाफ़ा कमाती है, तो इन लोगों को भी लाभ मिलेगा — चाहे डिविडेंड के रूप में या शेयर की बढ़ी हुई कीमत के रूप में।
🔁 Step 3: शेयर की कीमत कैसे बदलती है?
मान लीजिए:
राहुल की चाय की दुकानें पूरे शहर में सफल हो गईं।
अब लोग उस कंपनी में निवेश करने को उत्साहित हैं।
मांग बढ़ी → शेयर का रेट अब ₹200 से ₹350 हो गया।
अब अगर अनीता अपने 150 शेयर ₹350 में बेचना चाहती है — तो उसे ₹52,500 मिलेंगे, जबकि उसने ₹30,000 लगाए थे।
यानी ₹22,500 का मुनाफ़ा!
इसे ही कहते हैं: कैपिटल गेन (Capital Gain)
📉 और अगर कंपनी घाटे में जाती?
तो लोगों का भरोसा कम हो जाएगा, और वे शेयर बेचना चाहेंगे —
मांग घटेगी → कीमत ₹200 से गिरकर ₹120 या ₹80 हो सकती है।
यही शेयर मार्केट का जोखिम (Risk) है — लेकिन अगर आप सही कंपनी चुनें और धैर्य रखें, तो यह बहुत लाभकारी हो सकता है।
📘 इस उदाहरण से हमने क्या सीखा?
| भाग | वास्तविक शेयर मार्केट में उदाहरण |
|---|---|
| राहुल | कंपनी का फाउंडर/ओनर |
| चाय वाला ब्रांड | कंपनी |
| 1000 हिस्से | कुल शेयर |
| 500 शेयर बेचना | IPO लाना |
| राम, अनीता | आम निवेशक |
| शेयर की कीमत बढ़ना | डिमांड बढ़ने से रेट चढ़ना |
| नुकसान में जाना | कंपनी का घाटा और शेयर गिरना |
❓ FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
1. क्या शेयर मार्केट में निवेश करना जुआ है?
नहीं, बिल्कुल नहीं।
शेयर मार्केट में निवेश करना जानकारी, रिसर्च और धैर्य पर आधारित होता है।
जुआ तब होता है जब आप बिना किसी समझ और सोच के पैसा लगाते हैं।
अगर आप सही कंपनी में लंबे समय के लिए निवेश करते हैं, तो यह एक सशक्त संपत्ति निर्माण का तरीका है।
2. क्या मैं स्टूडेंट होते हुए भी शेयर मार्केट में निवेश कर सकता हूँ?
जी हाँ।
अगर आपकी उम्र 18 साल से ऊपर है, तो आप अपना Demat Account खुलवा सकते हैं और निवेश की शुरुआत कर सकते हैं।
लेकिन ध्यान रखें: शुरुआत छोटी राशि और सीखने की भावना के साथ करें — जैसे ₹500 या ₹1000 से।
3. क्या शेयर खरीदने के लिए बहुत ज़्यादा पैसे की ज़रूरत होती है?
बिलकुल नहीं।
आज के समय में आप ₹100 या ₹500 जैसी छोटी राशि से भी निवेश शुरू कर सकते हैं।
आप चाहें तो Mutual Funds या SIP (Systematic Investment Plan) के ज़रिए भी ₹100/माह से शुरुआत कर सकते हैं।
4. शेयर और म्यूचुअल फंड में क्या फर्क होता है?
| शेयर | म्यूचुअल फंड |
|---|---|
| आप किसी एक कंपनी में सीधे निवेश करते हैं | आप कई कंपनियों में एक साथ निवेश करते हैं |
| ज़्यादा रिस्क, ज़्यादा मुनाफ़ा या घाटा | कम रिस्क, स्थिर रिटर्न |
| खुद रिसर्च करनी पड़ती है | फंड मैनेजर निवेश करते हैं |
5. शेयर की कीमत हर दिन क्यों बदलती है?
किसी भी शेयर की कीमत मांग और आपूर्ति (Demand & Supply) पर निर्भर करती है।
अगर लोग किसी शेयर को खरीदने के लिए उत्साहित हैं → कीमत बढ़ेगी।
अगर लोग उस शेयर को बेचने लगे → कीमत घटेगी।
इसके अलावा कंपनी के नतीजे, सरकारी नीति, ग्लोबल घटनाएँ आदि भी कीमत को प्रभावित करते हैं।
6. क्या शेयर मार्केट में पैसा डूब सकता है?
हाँ, अगर आप बिना जानकारी, जल्दबाज़ी या अफवाहों पर निवेश करते हैं तो घाटा हो सकता है।
लेकिन अगर आप जमकर रिसर्च, और लंबी अवधि के साथ सोचते हैं, तो यह एक सुरक्षित और लाभकारी तरीका बन सकता है।
7. Demat Account क्या होता है और कैसे खुलता है?
Demat Account एक ऐसा खाता होता है जिसमें आपके खरीदे गए शेयर डिजिटली स्टोर होते हैं, जैसे बैंक में पैसा।
आप इसे ऑनलाइन किसी भी SEBI रजिस्टर्ड ब्रोकर (Zerodha, Groww, Upstox, etc.) के माध्यम से खोल सकते हैं।
इसके लिए PAN कार्ड, आधार कार्ड और एक बैंक अकाउंट की आवश्यकता होती है।
8. क्या शेयर मार्केट में रात को भी ट्रेडिंग होती है?
नहीं।
भारत में शेयर बाजार का समय सोमवार से शुक्रवार, सुबह 9:15 से दोपहर 3:30 तक होता है।
यह समय केवल working days पर लागू होता है (national holidays को छोड़कर)।
निष्कर्ष (Conclusion)
शेयर मार्केट एक ऐसा शब्द है जिसे हम अक्सर सुनते तो हैं, लेकिन उसके पीछे की वास्तविकता को समझना हर किसी के लिए आसान नहीं होता — खासकर उनके लिए जो वित्तीय दुनिया से नहीं जुड़े हैं।
लेकिन जैसा कि आपने इस ब्लॉग में देखा — अगर चीज़ों को आसान भाषा, उदाहरणों और कहानी के ज़रिए समझा जाए, तो शेयर मार्केट किसी रहस्य से कम नहीं लगता।





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