प्राकृतिक सौंदर्य में खोजी गई आनंद की यात्राएँ

प्राकृतिक सौंदर्य में खोजी गई आनंद की यात्राएँ

हर इंसान की जिंदगी में कुछ ऐसी यात्राएँ होती हैं, जिन्हें वह कभी नहीं भूल सकता। कुछ यात्राएँ तो ऐसी होती हैं, जो हमें खुद की खोज में खुद से मिला देती हैं। मैंने भी ऐसी ही एक खास यात्रा की थी, जिसमें मैंने प्राकृतिक सौंदर्य में खोजी आनंद की यात्रा की।

मैंने हमेशा से प्राकृति की ओर से आकर्षित होता आया हूं। सबुज पेड़ – पौधों की हरियाली, ख़ुशनुमा फूल, बहते हुए नदियों का झगमगाता पानी, गायब होते सूरज का लालिमा या उगते सूरज का प्रकाश, सब मेरे मन को मोह लेता है। मैंने ऐसी ही एक यात्रा में हिमाचल के ऊँचाईयों को चुना। मेरी यह यात्रा मेरे लिए एक खोज का सफर भी थी और एक आनंद की यात्रा भी।

यह यात्रा मेरे लिए बेहद विशेष थी क्योंकि मैंने इसमें अपने बीते हुए जीवन की बहुत सारी यादों को हरी भरी वादियों में मिलाया। मैंने हिमाचल की वादियों में, उसकी पहाड़ियों में,उसकी सब्ज़ीयों में, खेतों में, उसके बहते हुए पानी में अपने जीवन का वो अध्याय देखा जो मैंने कहीं खो दिया था ।

मैंने यात्रा में प्राकृतिक सौंदर्य को देखा, अनुभव किया, उसे महसूस किया। मैंने हर वृक्ष, हर पौधे में जीवन की धड़कन महसूस की। मैंने कई दिन बाद फिर से महसूस किया कि कैसे हमारे हर रोज़ के जीवन की भागदौड़ में हम अपनी असली खुशी को खो देते हैं।

इस यात्रा में, मैंने ताजगी को महसूस किया, मैंने खुशबू को महसूस किया, मैंने सन्नाटे को महसूस किया, मैंने हवा के हर झोंके को महसूस किया और मैंने खुशी को महसूस किया। यह सब मुझे प्रकृति की गोद में बैठे हुए अनुभव हुआ ।

अब मैं यह अनुभव और खुशियां दूसरों के साथ भी साझा करना चाहूंगा। क्योंकि प्राकृति हमें अपार खुशियां देती है, उसे समझने और समझाने की जिम्मेदारी हम सब पर होती है।

अतः, मैं सभी से आग्रह करूंगा की वे भी इस तरह की यात्राएँ करें और जीवन के उन पहलुओं को खोजें जो वे अपनी दिनचर्या में खो देते हैं। यात्राओं से ही तो हमें जीवन के असली मायने मिलते हैं, और वो खोई हुई खुशियाँ फिर से हासिल होती हैं। इसलिए, यात्रा करने का मन रखो, खुसरो खुशी खोजो और जीवन को अपने तरिके से जियो।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *