हम सभी के जीवन में कुछ न कुछ समस्याएँ होती हैं, चाहे वह छोटी हो या बड़ी। लेकिन मनुष्य जीवन की सच्ची खुशियाँ उन्हीं छोटी-छोटी बातों में छिपी होती है जो हमारे आसपास हो रही होती हैं। वे छोटी-छोटी खुशियाँ ही तो होती हैं जो हमें हमारे जीवन में सकारात्मकता का स्रोत मिलती हैं।
सच यह है कि विशाल घर, बड़ी कार, आलीशान जीवनशैली या प्रख्याति आपको संतुष्टि नहीं दिला सकती हैं। यदि आपने सुबह जब घर से निकलने की जल्दबाजी में छोटी बेटी की मुस्कान देखने का समय नहीं निकाला, तो आपने एक पल की खुशी को खो दिया। यदि आपने अपनी मां के हाथ की चाय पीने के बजाए कॉफी शॉप की कॉफी पसंद की, तो आपने स्नेह और प्रेम की मिठास को खो दिया। इन्हीं छोटी-छोटी बातों में बड़ी खुशियां समाई होती हैं।
विकासशील समाज में धावनात्मक जीवन के चलते हम इन खुशियों को अनदेखा कर देते हैं। किन्तु, यहीं से हमें सकारात्मकता का स्रोत मिलता है। चाय की चुस्की, बालकनी में मंडराते पेड़, छुपके मुस्काना सब ऐसी ही छोटी-छोटी खुशियाँ हैं जिनसे हमें सकारात्मकता मिलती है।
यदि हम अपनी दैनिक जीवन में ऐसा करने की कोशिश करे, तो हम खुद को एक बेहतर और सुखी व्यक्ति बना सकते हैं । हमें अपनी घड़ी को समय समय पर धीमा करना चाहिए और आपके चारों ओर जो हो रहा है उसे महसूस करना चाहिए। हमें खुद को उन छोटी-छोटी खुशियों में खोना चाहिए जो हमारे आसपास होती हैं। जब हम इन खुशियों को खोभ देते हैं, तो हमें एक गहरी संतुष्टि मिलती है।
व्यापारी भाग-दौड़ से थोड़ा विराम लेते हुए हमें अपने आसपास की दुनिया को देखना ज़रूरी है, यदि हम अपनी जिंदगी से खुश रहना चाहते हैं, तो हमें उन्हीं छोटी-छोटी खुशियों की तलाश करनी होगी, जो हमारे आसपास स्तिथ हैं।
आइए, हम अपने व्यस्त जीवन को थोड़ा धीमा करें और हमारे चारों ओर मौजूद छोटी-छोटी खुशियाँ देखें, जो हमें सकारात्मकता और प्रमोद की ओर ले जाती हैं। उन खुशियों को महसूस करें और उन्हें जीवन का हिस्सा बनाएँ। आइए हम सब मिलकर अपने जीवन को एक बेहतर और पूरी तरह से ज्ञानयुक्त बना दें, जो हमें सुखद और आनंदित जीवन की ओर ले जाए।