Category: व्रत कथाएँ

व्रत कथाएँ हमारे भारतीय संस्कृति और परंपराओं का एक अभिन्न हिस्सा हैं। इन कथाओं में न केवल धार्मिक महत्व को बताया गया है, बल्कि इनसे नैतिक शिक्षा और जीवन मूल्यों की भी सीख मिलती है। व्रत कथाएँ विभिन्न देवी-देवताओं, पौराणिक कथाओं, और मान्यताओं से जुड़ी होती हैं, जो विशेष व्रत या त्यौहारों के दौरान पढ़ी और सुनी जाती हैं। ये कथाएँ हमें सिखाती हैं कि किस प्रकार विश्वास, भक्ति, और समर्पण के बल पर जीवन के कठिनाइयों और संघर्षों का सामना किया जा सकता है।

हम आपके लिए लाए हैं विभिन्न व्रतों से जुड़ी अद्भुत कथाएँ, जो न सिर्फ आपके धार्मिक ज्ञान को बढ़ाएंगी, बल्कि आपके मन को भी शांति प्रदान करेंगी। हमारे संग्रह में शामिल हैं करवा चौथ, सावन के सोमवार, नवरात्रि, एकादशी, और अन्य कई व्रतों से जुड़ी कथाएँ। हम सरल और सहज भाषा में इन कथाओं को प्रस्तुत करते हैं, जिससे कि हर उम्र और वर्ग के लोग इन्हें आसानी से समझ सकें।

आइए, हमारे साथ इस आध्यात्मिक यात्रा पर चलें और अपने जीवन में सकारात्मकता और शांति को आमंत्रित करें।

पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा: अध्याय 7 – Purushottam Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 7

व्रत कथा सूतजी बोले - हे तपोधन! आप लोगों ने जो प्रश्न किया है वही प्रश्न नारद ने नारायण से किया था सो नारायण ने जो उत्तर दिया वही मैंआप लोगों से कहता हूँ। नारदजी बोले - विष्णु ने अधिमास [...]

पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा: अध्याय 8 – Purushottam Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 8

व्रत कथा सूतजी बोले, 'हे तपोधन! विष्णु और श्रीकृष्ण के संवाद को सुन सन्तुष्टमन नारद, नारायण से पुनः प्रश्न करने लगे। नारदजी बोले, 'हे प्रभो! जब विष्णु बैकुण्ठ चले गये तब फिर क्या हुआ? कहिये। आदिपुरुष कृष्ण और हरिसुत का [...]

पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा: अध्याय 9 – Purushottam Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 9

व्रत कथा सूतजी बोले, 'तदनन्तर विस्मय से युक्त नारद मुनि ने मेधावी ऋषि की कन्या का अद्‌भुत वृत्तान्त पूछा। नारदजी बोले, 'हे मुने! उस तपोवन में मेधावी की कन्या ने बाद में क्या किया? और किस मुनिश्रेष्ठ ने उसके साथ [...]

पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा: अध्याय 10 – Purushottam Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 10

व्रत कथा नारद जी बोले, 'हे तपोनिधे! परम क्रोधीदुर्वासा मुनि ने विचार करके उस कन्या से क्या उपदेश दिया। सो आप मुझसे कहिये। सूतजी बोले, 'हे द्विजों! नारद का वचन सुनकर, समस्त प्राणियों का हितकर दुर्वासा का गुह्य वचन बदरीनारायण [...]

पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा: अध्याय 11 – Purushottam Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 11

व्रत कथा नारदजी बोले - सब मुनियों को भी जो दुष्कर कर्म है ऐसा बड़ा भारी तप जो इस कुमारी ने किया वह हे महामुने! हमें सुनाइये। श्रीनारायण बोले - अनन्तर ऋषि-कन्या ने भगवान्‌ शिव, शान्त, पंचमुख, सनातन महादेव को [...]

पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा: अध्याय 12 – Purushottam Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 12

व्रत कथा नारदजी बोले, 'जब भगवान् शंकर चले गये तब हे प्रभो! उस बाला ने शोककर क्या किया! सो मुझ विनीत को धर्मसिद्धि के लिए कहिये। श्रीनारायण बोले, 'इसी प्रकार राजा युधिष्ठिर ने भगवान् कृष्ण से पूछा था सो भगवान् [...]

पद्मिनी एकादशी व्रत कथा – Padmini Ekadashi Vrat Katha

व्रत कथा पद्मिनी एकादशी का महत्त्व: धर्मराज युधिष्ठिर कहने लगे कि, हे जनार्दन! आपने सभी एकादशियों का विस्तारपूर्वक वर्णन कर मुझे सुनाया, अतः अब आप कृपा करके मुझे अधिकमास के शुक्ल पक्ष की एकादशी का क्या नाम है? तथा उसकी [...]

पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा: अध्याय 13 – Purushottam Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 13

व्रत कथा ऋषि लोग बोले, 'हे सूत! हे महाभाग! हे सूत! हे बोलने वालों में श्रेष्ठ! पुरुषोत्तम के सेवन से राजा दृढ़धन्वा शोभन राज्य, पुत्र आदि तथा पतिव्रता स्त्री को किस तरह प्राप्त किया और योगियों को भी दुर्लभ भगवान्‌ [...]

पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा: अध्याय 16 – Purushottam Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 16

व्रत कथा श्रीनारायण बोले, 'हे महाप्राज्ञ! हे नारद! बाल्मीकि ऋषि ने जो परम अद्भुत चरित्र दृढ़धन्वा राजा से कहा उस चरित्र को मैं कहता हूँ तुम सुनो। बाल्मीकि ऋषि बोले, 'हे दृढ़धन्वन! हे महाराज! हमारे वचन को सुनिये। गरुड़ जी [...]

पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा: अध्याय 15 – Purushottam Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 15

व्रत कथा श्रीनारायण बोले, 'नारद! सुदेव शर्मा ब्राह्मण हाथ जोड़कर गद्‌गद स्वर से भक्तवत्सल श्रीकृष्णदेव की स्तुति करता हुआ बोला, 'हे देव! हे देवेश! हे त्रैलोक्य को अभय देनेवाले! हे प्रभो! आपको नमस्कार है। हे सर्वेश्वर! आपको नमस्कार है, मैं [...]

पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा: अध्याय 17 – Purushottam Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 17

व्रत कथा नारद जी बोले, 'हे तपोनिधे! उसके बाद साक्षात्‌ भगवान्‌ बाल्मीकि मुनि ने राजा दृढ़धन्वा को क्या कहा सो आप कहिये। श्रीनारायण बोले, 'वह राजर्षि दृढ़धन्वा अपने पूर्व-जन्म का वृ्त्तान्त सुनकर आश्चर्य करता हुआ मुनिश्रेष्ठ बाल्मीकि मुनि से पूछता [...]

पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा: अध्याय 18 – Purushottam Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 18

व्रत कथा नारद जी बोले, 'हे तपोनिधे! उसके बाद साक्षात्‌ भगवान्‌ बाल्मीकि मुनि ने राजा दृढ़धन्वा को क्या कहा सो आप कहिये। श्रीनारायण बोले, 'वह राजर्षि दृढ़धन्वा अपने पूर्व-जन्म का वृ्त्तान्त सुनकर आश्चर्य करता हुआ मुनिश्रेष्ठ बाल्मीकि मुनि से पूछता [...]

पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा: अध्याय 19 – Purushottam Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 19

व्रत कथा श्रीसूत जी बोले, 'हे तपस्वियो! इस प्रकार कहते हुए श्रीनारायण को मुनिश्रेष्ठ नारद मुनि ने मधुर वचनों से प्रसन्न करके कहा। हे ब्रह्मन्‌!तपोनिधि सुदेव ब्राह्मण को प्रसन्न विष्णु भगवान्‌ ने क्या उत्तर दिया सो हे तपोनिधे! कहिये। श्रीनारायण [...]

पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा: अध्याय 20 – Purushottam Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 20

व्रत कथा सूतजी बोले - हे विप्रो! नारायण के मुख से राजा दृढ़धन्वा के पूर्वजन्म का वृत्तान्त श्रवणकर अत्यन्त तृप्ति न होने के कारण नारद मुनि ने श्रीनारायण से पूछा। नारद जी बोले - हे तपोधन! महाराज दृढ़धन्वा ने मुनिश्रेष्ठ [...]

पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा: अध्याय 21 – Purushottam Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 21

व्रत कथा बाल्मीकि मुनि बोले - इसके बाद फिर प्रतिभा की अनलोत्तारण क्रिया करके प्राण प्रतिष्ठा करें। अन्यथा यदि प्राण प्रतिष्ठा नहीं करता है तो वह प्रतिमा धातु ही कही जायगी अर्थात्‌ उसमें देवता का अंश नहीं होता है। दाहिने [...]

पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा: अध्याय 22 – Purushottam Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 22

व्रत कथा दृढ़धन्वा राजा बोला, 'हे तपोधन! पुरुषोत्तम मास के व्रतों के लिए विस्तार पूर्वक नियमों को कहिये। भोजन क्या करना चाहिये? और क्या नहीं करना चाहिये? और व्रती को व्रत में क्या मना है? विधान क्या है? श्रीनारायण बोले, [...]