Category: व्रत कथाएँ

व्रत कथाएँ हमारे भारतीय संस्कृति और परंपराओं का एक अभिन्न हिस्सा हैं। इन कथाओं में न केवल धार्मिक महत्व को बताया गया है, बल्कि इनसे नैतिक शिक्षा और जीवन मूल्यों की भी सीख मिलती है। व्रत कथाएँ विभिन्न देवी-देवताओं, पौराणिक कथाओं, और मान्यताओं से जुड़ी होती हैं, जो विशेष व्रत या त्यौहारों के दौरान पढ़ी और सुनी जाती हैं। ये कथाएँ हमें सिखाती हैं कि किस प्रकार विश्वास, भक्ति, और समर्पण के बल पर जीवन के कठिनाइयों और संघर्षों का सामना किया जा सकता है।

हम आपके लिए लाए हैं विभिन्न व्रतों से जुड़ी अद्भुत कथाएँ, जो न सिर्फ आपके धार्मिक ज्ञान को बढ़ाएंगी, बल्कि आपके मन को भी शांति प्रदान करेंगी। हमारे संग्रह में शामिल हैं करवा चौथ, सावन के सोमवार, नवरात्रि, एकादशी, और अन्य कई व्रतों से जुड़ी कथाएँ। हम सरल और सहज भाषा में इन कथाओं को प्रस्तुत करते हैं, जिससे कि हर उम्र और वर्ग के लोग इन्हें आसानी से समझ सकें।

आइए, हमारे साथ इस आध्यात्मिक यात्रा पर चलें और अपने जीवन में सकारात्मकता और शांति को आमंत्रित करें।

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 34 – Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 34

व्रत कथा सूतजी ने ऋषियों से, कहा प्रसंग बखान । चौंतीसवें अध्याय पर, दया करो भगवान ॥ ऋषियों ने पूछा- हे सूतजी! पीपल के वृक्ष की शनिवार के अलावा सप्ताह के शेष दिनों में पूजा क्यों नहीं की जाती? सूतजी [...]

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 35 – Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 35

व्रत कथा अनुपम कथा कार्तिक, होती है सम्पन्न । इसको पढ़ने से, श्रीहरि होते हैं प्रसन्न ॥ इतनी कथा सुनकर सभी ऋषि सूतजी से बोले- हे सूतजी! अब आप हमें तुलसी विवाह की विधि बताइए। सूतजी बोले- कार्तिक शुक्ला नवमी [...]

प्रेरक कथा: नारायण नाम की महिमा! – Prerak Katha Narayan Nam Ki Mahima

व्रत कथा कान्यकुब्ज (कन्नौज) में एक ब्राम्हण रहता था। उसका नाम अजामिल था। यह अजामिल बड़ा शास्त्रज्ञ था। शील, सदाचार और सद्गुणों का तो यह खजाना ही था। ब्रम्हचारी, विनयी, जितेन्द्रिय, सत्यनिष्ठ, मन्त्रवेत्ता और पवित्र भी था। इसने गुरु, संत-महात्माओं [...]

हाथी का शीश ही क्यों श्रीगणेश के लगा? – Hathi Ka Sheesh Hi Kiyon Shri Ganesh Ke Laga?

व्रत कथा गज और असुर के संयोग से एक असुर जन्मा था, गजासुर। उसका मुख गज जैसा होने के कारण उसे गजासुर कहा जाने लगा। गजासुर शिवजी का बड़ा भक्त था और शिवजी के बिना अपनी कल्पना ही नहीं करता [...]

नल-दमयंती कथा – Nal Damyanti Katha

व्रत कथा महाभारत महाकाव्य, में एक प्रसंग के अनुसार नल और दमयन्ती की कथा महाराज युधिष्ठिर को सुनाई गई थी। युधिष्ठिर को जुए में अपना सब-कुछ गँवा कर अपने भाइयों के साथ 12 वर्ष के वनवास तथा एक वर्ष के [...]

प्रेरक कथा: विवाह के कार्ड पे लड़का-चिरंजीव तथा लड़की-आयुष्मति क्यों लिखा जाता है? – Prerak Katha Vivah Ke Card Pe Ladaka Chiranjiv Aur Ladaki Ayushmati

व्रत कथा विवाह के कार्ड पे लडके के नाम के आगे-चिरंजीव तथा लडकी के नाम के आगे आयुष्मति क्यों लिखा जाता है? चिरंजीव: एक ब्राह्मण के कोई संतान नही थी, उसने महामाया की तपस्या की, माता जी तपस्या से प्रसन्न [...]

संकटा माता व्रत कथा – Sankata Mata Vrat Katha

व्रत कथा एक बुढ़िया थी, उस बुढ़िया का एक बेटा था जिसका नाम था रामनाथ। रामनाथ धन कमाने के लिए परदेस चला गया। बुढ़िया अपने पुत्र के विदेश जाने के बाद बहुत चिंतित और दुःखी रहने लगी, क्योंकि की बहू [...]

वैकुण्ठ चतुर्दशी प्रचलित पौराणिक कथा! – Vaikuntha Chaturdashi Pauranik Katha

व्रत कथा पौराणिक मतानुसार एक बार भगवान विष्णु देवाधिदेव महादेव का पूजन करने के लिए काशी आए। वहाँ मणिकर्णिका घाट पर स्नान करके उन्होंने एक हजार कमल पुष्पों से भगवान विश्वनाथ के पूजन का संकल्प किया। अभिषेक के बाद जब [...]

विजया पार्वती व्रत कथा – Vijaya Parvati Vrat Katha

व्रत कथा विजया पार्वती व्रत की पौराणिक कथा के अनुसार किसी समय कौडिन्य नगर में वामन नाम का एक योग्य ब्राह्मण रहता था। उसकी पत्नी का नाम सत्या था। उनके घर में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं थी, लेकिन [...]

भागवत कथा प्रसंग: कुंती ने श्रीकृष्ण से दुख क्यों माँगा? – Kunti Ne Shrikrishna Se Upahar Mein Dukh Kyon Manga

व्रत कथा महाभारत का युद्ध खत्म हो गया था। युधिष्ठिर ने हस्तिनापुर की राजगादी संभाल ली थी। सब कुछ सामान्य हो रहा था। एक दिन वो घड़ी भी आई जो कोई पांडव नहीं चाहता था। भगवान श्रीकृष्ण द्वारिका लौट रहे [...]

त्रिस्पृशा एकादशी महायोग कथा – Trisparsha Ekadashi Mahayog Katha

व्रत कथा पद्म पुराण के अनुसार देवर्षि नारदजी ने भगवान शिवजी से पूछा: सर्वेश्वर! आप त्रिस्पृशा नामक व्रत का वर्णन कीजिये, जिसे सुनकर लोग कर्मबंधन से मुक्त हो जाते हैं। महादेवजी बोले: विद्वान्! देवाधिदेव भगवान ने मोक्षप्राप्ति के लिए इस [...]

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 15 – Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 15

व्रत कथा श्री विष्णु भगवान की कृपा, हो सब पर अपरम्पार । कार्तिक मास का `कमल` करे पन्द्रहवाँ विस्तार ॥ राजा पृथु ने नारद जी से पूछा: हे मुनिश्रेष्ठ! तब दैत्यराज ने क्या किया? वह सब मुझे विस्तार से सुनाइए। [...]

श्री रुक्मणी मंदिर प्रादुर्भाव पौराणिक कथा – Rukmani Mandir Pauranik Katha

व्रत कथा यदु वंशी श्रीकृष्ण दुर्वासा ऋषि को अपना कुलगुरु मानते थे। जब श्रीकृष्ण और रुक्मिणी का विवाह हुआ तो वे अशीर्वाद प्राप्ति के लिए दुर्वासा ऋषि से मिलने के लिए उनके आश्रम पधारे, जो द्वारका से दूरी पर स्थित [...]

कथा: हनुमान गाथा – Katha Hanuman Gatha

व्रत कथा हम आज पवनसुत हनुमान की कथा सुनाते हैं, पावन कथा सुनाते हैं । वीरों के वीर उस महावीर की गाथा गाते हैं, हम कथा सुनाते हैं । जो रोम-रोम में सिया राम की छवि बासाते हैं, पावन कथा [...]

नृसिंह अवतरण पौराणिक कथा – Narasimha Avatar Pauranik Katha

व्रत कथा भगवान श्री विष्णु नरसिंह अवतार पौराणिक कथा: पौराणिक कथा के अनुसार, हिरण्यकश्यप को ब्रह्माजी से वरदान प्राप्त था कि वह न तो किसी मनुष्य द्वारा मारा जा सके न ही किसी पशु द्वारा। न दिन में मारा जा सके, न [...]

श्री सत्यनारायण कथा – तृतीय अध्याय – Shri Satyanarayan Katha Tritiya Adhyay

व्रत कथा सूतजी बोले: हे श्रेष्ठ मुनियों, अब आगे की कथा कहता हूँ। पहले समय में उल्कामुख नाम का एक बुद्धिमान राजा था। वह सत्यवक्ता और जितेन्द्रिय था। प्रतिदिन देव स्थानों पर जाता और निर्धनों को धन देकर उनके कष्ट [...]