Category: Sanatan Dharam

ज्येष्ठ संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा – Jyeshtha Sankashti Ganesh Chaturthi Vrat Katha

व्रत कथा सतयुग में सौ यज्ञ करने वाले एक पृथु नामक राजा हुए। उनके राज्यान्तर्गत दयादेव नामक एक ब्राह्मण रहते थे। वेदों में निष्णात उनके चार पुत्र थे। पिता ने अपने पुत्रों का विवाह गृहसूत्र के वैदिक विधान से कर दिया। उन [...]

श्री नागेश्वर ज्योतिर्लिंग उत्पत्ति पौराणिक कथा – Shri Nageshwar Jyotirlinga Utpatti Pauranik Katha

व्रत कथा दारूका नाम की एक प्रसिद्ध राक्षसी थी, जो पार्वती जी से वरदान प्राप्त कर अहंकार में चूर रहती थी। उसका पति दरुका महान् बलशाली राक्षस था। उसने बहुत से राक्षसों को अपने साथ लेकर समाज में आतंक फैलाया [...]

नाग पंचमी पौराणिक कथा – Nag Panchami Pauranik Katha

व्रत कथा प्राचीन काल में एक सेठजी के सात पुत्र थे। सातों के विवाह हो चुके थे। सबसे छोटे पुत्र की पत्नी श्रेष्ठ चरित्र की विदूषी और सुशील थी, परंतु उसके भाई नहीं था। एक दिन बड़ी बहू ने घर [...]

वरलक्ष्मी व्रत कथा – Varalakshmi Vrat Katha

व्रत कथा वरलक्ष्मी व्रत कथा के अनुसार बहुत पौराणिक समय मैं मगध राज्य में कुण्डी नामक एक नगर था। पुरातन काल की कथाओं के अनुसार स्वर्ग की कृपा से इस नगर का निर्माण हुआ था। यह नगर मगध राज्य के मध्य [...]

पुत्रदा / पवित्रा एकादशी व्रत कथा – Putrada / Pavitra Ekadashi Vrat Katha

व्रत कथा पुत्रदा एकादशी का महत्त्व: श्री युधिष्ठिर कहने लगे कि हे भगवान! मैंने श्रावण माह के कृष्ण पक्ष की कामिका एकादशी का सविस्तार वर्णन सुना। अब आप मुझे श्रावण शुक्ल एकादशी का क्या नाम है? व्रत करने की विधि तथा इसका माहात्म्य कृपा [...]

सोम प्रदोष व्रत कथा – Som Pradosh Vrat Katha

सोम प्रदोष व्रत कथा एक गरीब ब्राह्मणी और उसके पुत्र के जीवन में आई अद्भुत परिवर्तन की कहानी है, जो उसके अटूट विश्वास और प्रदोष व्रत के प्रभाव से संबंधित है। इस कथा में, ब्राह्मणी की दयालुता और उसके व्रत [...]

मंगला गौरी व्रत कथा – Mangla Gauri Vrat Katha

व्रत कथा श्रावण माह के प्रत्येक मंगलवार को माँ गौरी को समर्पित यह व्रत मंगला गौरी व्रत के नाम से प्रसिद्ध है। मंगला गौरी व्रत महिलाओं के बीच उनके पति की लंबी आयु के लिए जाना जाता है। मंगला गौरी पौराणिक व्रत [...]

भाद्रपद संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा – Bhadrapad Sankashti Ganesh Chaturthi Vrat Katha

व्रत कथा पूर्वकाल में राजाओं में श्रेष्ठ राजा नल था उसकी रूपवती रानी का नाम दमयन्ती था। शाप वश राजा नल को राज्यच्युत खोना पड़ा और रानी के वियोग से कष्ट सहना पड़ा। तब दमयन्ती ने इस व्रत के प्रभाव [...]

जगन्नाथ महाप्रभु का महा रहस्य – The great mystery of Jagannath Mahaprabhu

व्रत कथा भगवान् कृष्ण ने जब देह त्याग किया तो उनका अंतिम संस्कार किया गया, सारा शरीर पांच तत्त्व में मिल गया लेकिन उनका हृदय बिलकुल जीवित इंसान की तरह धड़क रहा था, कहा जाता है उनका हृदय आज तक सुरक्षित है [...]

अजा एकादशी व्रत कथा – Aja Ekadashi Vrat Katha

व्रत कथा अजा एकादशी का महत्त्व: अर्जुन ने कहा: हे पुण्डरिकाक्ष! मैंने श्रावण शुक्ल एकादशी अर्थात पुत्रदा एकादशी का सविस्तार वर्णन सुना। अब आप कृपा करके मुझे भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी के विषय में भी बतलाइये। इस एकादशी का क्या नाम [...]

हरतालिका तीज व्रत कथा – Hartalika Teej Vrat Katha

व्रत कथा एक कथा के अनुसार माँ पार्वती ने अपने पूर्व जन्म में भगवान शंकर को पति रूप में प्राप्त करने के लिए हिमालय पर गंगा के तट पर अपनी बाल्यावस्था में अधोमुखी होकर घोर तप किया। इस दौरान उन्होंने [...]

ऋषि पंचमी व्रत कथा – Rishi Panchami Vrat Katha

व्रत कथा विदर्भ देश में उत्तंक नामक एक सदाचारी ब्राह्मण देव रहते थे। उनकी पत्नी बड़ी पतिव्रता थी, जिसका नाम सुशीला था। उन ब्राह्मण के एक पुत्र तथा एक पुत्री दो संतान थी। विवाह योग्य होने पर उन्होने समान कुलशील [...]

पार्श्व / परिवर्तिनी एकादशी व्रत कथा – Parshva / Parivartani Ekadashi Vrat Katha

व्रत कथा पार्श्व एकादशी का महत्त्व: युधिष्ठिर ने कहा हे भगवान! आपने भाद्रपद कृष्ण एकादशी अर्थात अजा एकादशी का सविस्तार वर्णन सुनाया। अब आप कृपा करके मुझे भाद्रपद शुक्ल एकादशी का क्या नाम, इसकी विधि तथा इसका माहात्म्य कहिए। तब भगवान श्रीकृष्ण कहने लगे [...]

वामन अवतार पौराणिक कथा – Vamana Avatar Pauranik Katha

व्रत कथा भगवान श्री विष्णु के वामन अवतार की पौराणिक कथा: एक बार भक्त शिरोमणि प्रह्लाद के पौत्र दैत्यराज बलि ने इंद्र को परास्त कर स्वर्ग पर अधिकार कर लिया। पराजित इंद्र की दयनीय स्थिति को देखकर उनकी मां अदिति [...]

तेजादशमी कथा – Teja Dashmi Katha

व्रत कथा वीर तेजाजी की जन्म कथा : तेजाजी के जन्म के बारे में जन मानस के बीच प्रचलित एक राजस्थानी कविता के आधार पर मनसुख रणवा का मत है: जाट वीर धौलिया वंश गांव खरनाल के मांय । आज दिन [...]

अनंत चतुर्दशी की पौराणिक कथा – Anant Chaturdashi Pauranik Katha

व्रत कथा एक बार महाराज युधिष्ठिर ने राजसूय यज्ञ किया। उस समय यज्ञ मंडप का निर्माण सुंदर तो था ही, अद्भुत भी था वह यज्ञ मंडप इतना मनोरम था कि जल व थल की भिन्नता प्रतीत ही नहीं होती थी। [...]