Category: Sanatan Dharam

श्री रुक्मणी मंदिर प्रादुर्भाव पौराणिक कथा – Rukmani Mandir Pauranik Katha

व्रत कथा यदु वंशी श्रीकृष्ण दुर्वासा ऋषि को अपना कुलगुरु मानते थे। जब श्रीकृष्ण और रुक्मिणी का विवाह हुआ तो वे अशीर्वाद प्राप्ति के लिए दुर्वासा ऋषि से मिलने के लिए उनके आश्रम पधारे, जो द्वारका से दूरी पर स्थित [...]

कथा: हनुमान गाथा – Katha Hanuman Gatha

व्रत कथा हम आज पवनसुत हनुमान की कथा सुनाते हैं, पावन कथा सुनाते हैं । वीरों के वीर उस महावीर की गाथा गाते हैं, हम कथा सुनाते हैं । जो रोम-रोम में सिया राम की छवि बासाते हैं, पावन कथा [...]

नृसिंह अवतरण पौराणिक कथा – Narasimha Avatar Pauranik Katha

व्रत कथा भगवान श्री विष्णु नरसिंह अवतार पौराणिक कथा: पौराणिक कथा के अनुसार, हिरण्यकश्यप को ब्रह्माजी से वरदान प्राप्त था कि वह न तो किसी मनुष्य द्वारा मारा जा सके न ही किसी पशु द्वारा। न दिन में मारा जा सके, न [...]

श्री सत्यनारायण कथा – तृतीय अध्याय – Shri Satyanarayan Katha Tritiya Adhyay

व्रत कथा सूतजी बोले: हे श्रेष्ठ मुनियों, अब आगे की कथा कहता हूँ। पहले समय में उल्कामुख नाम का एक बुद्धिमान राजा था। वह सत्यवक्ता और जितेन्द्रिय था। प्रतिदिन देव स्थानों पर जाता और निर्धनों को धन देकर उनके कष्ट [...]

श्री सत्यनारायण कथा – चतुर्थ अध्याय – Shri Satyanarayan Katha Chaturth Adhyay

व्रत कथा सूतजी बोले: वैश्य ने मंगलाचार कर अपनी यात्रा आरंभ की और अपने नगर की ओर चल दिए। उनके थोड़ी दूर जाने पर एक दण्डी वेशधारी श्रीसत्यनारायण ने उनसे पूछा: हे साधु तेरी नाव में क्या है? अभिवाणी वणिक [...]

गुड़ी पड़वा त्योहार : पूजा विधि और कैसे मनाया जाता है

गुड़ी पड़वा महाराष्ट्र में मनाया जाने वाला नववर्ष का त्योहार है। यह चैत्र मास के प्रथम दिन पर आयोजित होता है और इसे समृद्धि, सौभाग्य और अच्छी फसल के लिए शुभ माना जाता है। इस दिन लोग अपने घरों को [...]

श्री सत्यनारायण कथा – पंचम अध्याय – Shri Satyanarayan Katha Pancham Adhyay

व्रत कथा सूतजी बोले: हे ऋषियों ! मैं और भी एक कथा सुनाता हूँ, उसे भी ध्यानपूर्वक सुनो! प्रजापालन में लीन तुंगध्वज नाम का एक राजा था। उसने भी भगवान का प्रसाद त्याग कर बहुत ही दुख सान किया। एक [...]

श्री बृहस्पतिवार व्रत कथा 2 – Shri Brihaspati Dev Ji Vrat Katha In Hindi Vol2

व्रत कथा ॥ अन्य श्री बृहस्पतिवार व्रत कथा ॥ प्राचीन समय की बात है। एक नगर में एक बड़ा व्यापारी रहता था। वह जहाजों में माल लदवाकर दूसरे देशों में भेजा करता था। वह जिस प्रकार अधिक धन कमाता था [...]

खाटू श्याम कथा – Khatu Shyam Katha

व्रत कथा श्री खाटू श्याम जी कथा महाभारत काल में लगभग साढ़े पांच हज़ार वर्ष पहले एक महान आत्मा का अवतरण हुआ जिसे हम भीम पौत्र बर्बरीक के नाम से जानते हैं महीसागर संगम स्थित गुप्त क्षेत्र में नवदुर्गाओं की [...]

शीतला अष्टमी(बसौड़ा) व्रत कथा – Sheetala Ashtami / Basoda Vrat Katha

व्रत कथा श्री गणेशाय नमः ! एक बार शीतला माता ने सोचा कि चलो आज देखूं कि धरती पर मेरी पूजा कौन करता है, कौन मुझे मानता है। यही सोचकर शीतला माता धरती पर राजस्थान के डुंगरी गाँव में आईं और देखा [...]

पापमोचनी एकादशी व्रत कथा – Papmochani Ekadashi Vrat Katha

व्रत कथा पापमोचनी एकादशी का महत्त्व: अर्जुन ने भगवान श्री कृष्ण से कहा: हे मधुसूदन! आपने फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी अर्थात आमलकी एकादशी के बारे मे विस्तार पूर्वक बतलाया। चैत्र माह के कृष्ण पक्ष मे आने वाली एकादशी का क्या नाम है? तथा [...]

श्री विष्णु मत्स्य अवतार पौराणिक कथा – Shri Vishnu Matsyavatar Pauranik Katha

व्रत कथा एक बार ब्रह्मा जी के पास से वेदों को एक बहुत बड़े दैत्य हयग्रीव ने चुरा लिया। चारों ओर अज्ञानता का अंधकार फैल गया और पाप तथा अधर्म का बोल-बाला हो गया। तब भगवान ने धर्म की रक्षा [...]

कामदा एकादशी व्रत कथा – Kamada Ekadashi Vrat Katha

व्रत कथा धर्मराज युधिष्ठिर कहने लगे: हे भगवन्! मैं आपको कोटि-कोटि नमन करता हूँ। आपने चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी अर्थात पापमोचनी एकादशी के बारे मे विस्तार पूर्वक बतलाया। अब आप कृपा करके चैत्र शुक्ल एकादशी का क्या नाम है? तथा उसकी विधि एवं [...]

वरुथिनी एकादशी व्रत कथा – Varuthini Ekadashi Vrat Katha

व्रत कथा धर्मराज युधिष्ठिर बोले: हे भगवन्! मैं आपको नमस्कार करता हूँ। आपने चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी अर्थात कामदा एकादशी के बारे मे विस्तार पूर्वक बतलाया। अब आप कृपा करके वैशाख कृष्ण एकादशी का क्या नाम है? तथा उसकी विधि एवं महात्म्य क्या है? भगवान [...]

अक्षय तृतीया: श्रीकृष्ण का मुंडन संस्कार – Akshaya Tritiya: Shri Krishna Mundan Sanskar

व्रत कथा प्राचीन काल में व्रज के लोगों का मुख्य व्यवसाय गौ-चारण ही था इसलिए मुख्य व्यवसाय से सम्बंधित कुछ वर्जनाएं भी थी। अब इसे वर्जनाएं कहें या सामाजिक नियम बालक का जब तक मुंडन नहीं हो जाता तब तक [...]

अक्षय तृतीया कथा – Akshaya Tritiya Katha

व्रत कथा एक समय की बात है, भगवान शंकर, माता पार्वती जी एवं नारदजी के साथ भ्रमण हेतु चल दिए। वे चलते-चलते चैत्र शुक्ल तृतीया को एक गाँव में पहुँचे। उनका आगमन सुनकर ग्राम की निर्धन स्त्रियाँ उनके स्वागत के लिए थालियों [...]