Category: Sanatan Dharam

श्री कुबेर जी आरती – जय कुबेर स्वामी – Shri Kuber Aarti, Jai Kuber Swami

॥ आरती ॥ जय कुबेर स्वामी, प्रभु जय कुबेर स्वामी, हे समरथ परिपूरन । हे समरथ परिपूरन । हे अन्तर्यामी ॥ ॐ जय कुबेर स्वामी प्रभु जय कुबेर स्वामी.. जय कुबेर स्वामी, प्रभु जय कुबेर स्वामी, हे समरथ परिपूरन । [...]

श्री विश्वकर्मा जी की आरती – Shri Vishwakarma Ji Ki Aarti

॥ आरती ॥ जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा । सकल सृष्टि के करता, रक्षक स्तुति धर्मा ॥ जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा । आदि सृष्टि मे विधि को, श्रुति उपदेश दिया । जीव मात्र का जग [...]

श्री चित्रगुप्त स्तुति – Shri Chitragupt Stuti

॥ आरती ॥ जय चित्रगुप्त यमेश तव, शरणागतम् शरणागतम् । जय पूज्यपद पद्मेश तव, शरणागतम् शरणागतम् ॥ जय देव देव दयानिधे, जय दीनबन्धु कृपानिधे । कर्मेश जय धर्मेश तव, शरणागतम् शरणागतम् ॥ जय चित्र अवतारी प्रभो, जय लेखनीधारी विभो । [...]

श्री चित्रगुप्त आरती – Shri Chitragupt Aarti

॥ आरती ॥ भगवान श्री चित्रगुप्त जी की आरती ॐ जय चित्रगुप्त हरे, स्वामीजय चित्रगुप्त हरे । भक्तजनों के इच्छित, फलको पूर्ण करे॥ विघ्न विनाशक मंगलकर्ता, सन्तनसुखदायी । भक्तों के प्रतिपालक, त्रिभुवनयश छायी ॥ ॐ जय चित्रगुप्त हरे...॥ रूप चतुर्भुज, [...]

श्री गौमता जी की आरती – Shri Gaumata Ji Ki Aarti

गौमाता को हिन्दू धर्म में एक पवित्र प्राणी माना जाता है, जिसकी आराधना देवी माँ के समान की जाती है। गाय को माँ का दर्जा दिया गया है क्योंकि यह अपने दूध से हमें पोषण प्रदान करती है, जिसे आध्यात्मिक [...]

हवन-यज्ञ प्रार्थना- Hawan Prarthana

॥ आरती ॥ पूजनीय प्रभो हमारे, भाव उज्जवल कीजिये । छोड़ देवें छल कपट को, मानसिक बल दीजिये ॥ १॥ वेद की बोलें ऋचाएं, सत्य को धारण करें । हर्ष में हो मग्न सारे, शोक-सागर से तरें ॥ २॥ अश्व्मेधादिक रचायें, [...]

श्री तुलसी माता जी की आरती -Shri Tulsi Mata Ji Ki Aarti

माँ तुलसी पूजन, तुलसी विवाह एवं कार्तिक माह में माँ तुलसी की आरती सबसे अधिक श्रवण की जाती है। तुलसी, जिसे हिन्दू धर्म में एक पवित्र पौधे के रूप में पूजा जाता है, भगवान विष्णु की प्रिय मानी जाती है। [...]

श्री खाटू श्याम जी आरती – Shri Khatu Shyam Ji Ki Aarti

श्री खाटू श्याम जी हिन्दू धर्म में पूजे जाने वाले एक प्रमुख देवता हैं, जो महाभारत के योद्धा बर्बरीक के रूप में प्रसिद्ध हैं। वे भगवान कृष्ण के परम भक्त और शिष्य माने जाते हैं। खाटू श्याम जी की आरती [...]

श्री जानकीनाथ जी की आरती – Shri Jankinatha Ji Ki Aarti

॥ आरती ॥ ॐ जय जानकीनाथा, जय श्री रघुनाथा । दोउ कर जोरें बिनवौं, प्रभु! सुनिये बाता ॥ ॐ जय..॥ तुम रघुनाथ हमारे, प्राण पिता माता । तुम ही सज्जन-संगी, भक्ति मुक्ति दाता ॥ ॐ जय..॥ लख चौरासी काटो, मेटो [...]

श्री सीता माता जी की आरती – Shri Sita Mata Ji Ki Aarti

श्री सीता माता जी, जिन्हें देवी सीता के नाम से भी जाना जाता है, हिन्दू धर्म में आदर्श पत्नी और माँ के रूप में पूजी जाती हैं। वे भगवान राम की पत्नी हैं और उनकी अटूट भक्ति, धैर्य और पवित्रता [...]

आरती श्री कुंज बिहारी की – Aarti Shri Kunj Bihari Ki

आरती श्री कुंज बिहारी की, जो भगवान श्री कृष्ण को समर्पित है, हिन्दू धर्म में गहरा आध्यात्मिक महत्व रखती है। भगवान कृष्ण को उनकी लीलाओं, प्रेम, और दिव्यता के लिए पूजा जाता है। "कुंज बिहारी" श्री कृष्ण का एक नाम [...]

श्री सूर्य देव की आरती – Shri Surya Dev Ki Aarti

॥ आरती ॥ ऊँ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान । जगत् के नेत्र स्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा । धरत सब ही तव ध्यान, ऊँ जय सूर्य भगवान ॥ ॥ ऊँ जय सूर्य भगवान..॥ सारथी अरूण हैं प्रभु [...]

श्री अन्नपूर्णा देवी जी की आरती – Shri Annapurna Devi Ji Ki Aarti with Lyrics

॥ आरती ॥ बारम्बार प्रणाम, मैया बारम्बार प्रणाम । जो नहीं ध्यावे तुम्हें अम्बिके, कहां उसे विश्राम । अन्नपूर्णा देवी नाम तिहारो, लेत होत सब काम ॥ बारम्बार प्रणाम, मैया बारम्बार प्रणाम । प्रलय युगान्तर और जन्मान्तर, कालान्तर तक नाम [...]

श्री दत्ताची आरती – Shri Dattachi Aarti

॥ आरती ॥ त्रिगुणात्मक त्रैमूर्ती दत्त हा जाणा । त्रिगुणी अवतार त्रैलोक्य राणा । नेती नेती शब्द न ये अनुमाना ॥ सुरवर मुनिजन योगी समाधी न ये ध्याना ॥ जय देव जय देव जय श्री गुरुद्त्ता । आरती ओवाळिता हरली [...]

आरती राम लला की – Aarti Ram Lala Ki

॥ आरती ॥ आरती कीजे श्रीरामलला की । पूण निपुण धनुवेद कला की ॥ धनुष वान कर सोहत नीके । शोभा कोटि मदन मद फीके ॥ सुभग सिंहासन आप बिराजैं । वाम भाग वैदेही राजैं ॥ कर जोरे रिपुहन हनुमाना [...]

आरती श्री रामायण जी की – Aarti Shri Ramayan Ji Ki

॥ आरती ॥ आरती श्री रामायण जी की । कीरति कलित ललित सिय पी की ॥ गावत ब्रहमादिक मुनि नारद । बाल्मीकि बिग्यान बिसारद ॥ शुक सनकादिक शेष अरु शारद । बरनि पवनसुत कीरति नीकी ॥ ॥ आरती श्री रामायण [...]