श्री चन्द्र देव की आरती – Shri Chandra Dev Ki Aarti
॥ आरती ॥ ॐ जय सोम देवा, स्वामी जय सोम देवा । दुःख हरता सुख करता, जय आनन्दकारी । रजत सिंहासन राजत, ज्योति तेरी न्यारी । दीन दयाल दयानिधि, भव बन्धन हारी । जो कोई आरती तेरी, प्रेम सहित गावे [...]
॥ आरती ॥ ॐ जय सोम देवा, स्वामी जय सोम देवा । दुःख हरता सुख करता, जय आनन्दकारी । रजत सिंहासन राजत, ज्योति तेरी न्यारी । दीन दयाल दयानिधि, भव बन्धन हारी । जो कोई आरती तेरी, प्रेम सहित गावे [...]
श्री गुरु गोरक्षनाथ जी की संध्या आरती ॥ आरती ॥ श्री गुरु गोरक्षनाथ जी की संध्या आरती ऊँ गुरुजी शिव जय जय गोरक्ष देवा। श्री अवधू हर हर गोरक्ष देवा । सुर नर मुनि जन ध्यावत, सुर नर मुनि जन [...]
॥ आरती ॥ जय गोरख योगी (श्री गुरु जी) हर हर गोरख योगी । वेद पुराण बखानत, ब्रह्मादिक सुरमानत, अटल भवन योगी । ऊँ जय गोरख योगी ॥ बाल जती ब्रह्मज्ञानी योग युक्ति पूरे (श्रीगुरुजी) योग युक्ति पूरे । सोहं [...]
॥ आरती ॥ जयति जय गायत्री माता, जयति जय गायत्री माता । सत् मारग पर हमें चलाओ, जो है सुखदाता ॥ ॥ जयति जय गायत्री माता..॥ आदि शक्ति तुम अलख निरंजन जगपालक कर्त्री । दु:ख शोक, भय, क्लेश कलश दारिद्र [...]
॥ आरती ॥ जय पार्वती माता, जय पार्वती माता ब्रह्मा सनातन देवी, शुभ फल की दाता । ॥ जय पार्वती माता… ॥ अरिकुल कंटक नासनि, निज सेवक त्राता, जगजननी जगदम्बा, हरिहर गुण गाता । ॥ जय पार्वती माता… ॥ सिंह [...]
श्री हनुमान जन्मोत्सव, मंगलवार व्रत, शनिवार पूजा, बूढ़े मंगलवार और अखंड रामायण के पाठ में प्रमुखता से गाये जाने वाली आरती है ॥ आरती ॥ ॐ जय हनुमत वीरा, स्वामी जय हनुमत वीरा । संकट मोचन स्वामी, तुम हो रनधीरा [...]
॥ आरती ॥ ॥ श्री भैरव देव जी आरती ॥ जय भैरव देवा, प्रभु जय भैरव देवा । जय काली और गौर देवी कृत सेवा ॥ ॥ जय भैरव देवा…॥ तुम्ही पाप उद्धारक दुःख सिन्धु तारक । भक्तो के सुख [...]
॥ आरती ॥ अनंत रूप अन्नांत नाम अनंत रूप अन्नांत नाम, अनंत रूप अन्नांत नाम, आधी मूला नारायाणा आधी मूला नारायाणा अनंत रूप अन्नांत नाम, अनंत रूप अन्नांत नाम, आधी मूला नारायाणा आधी मूला नारायाणा विस्वा रूपा विस्वा धारा विस्वा [...]
॥ आरती ॥ आरती श्री जगन्नाथ आरती श्री जगन्नाथ मंगल कारी, आरती श्री बैकुंठ मंगलकारी, मंगलकारी नाथ आपादा हरि, कंचन को धुप दीप ज्योत जगमगी, अगर कपूर बाटी भव से धारी, आरती श्री जगन्नाथ मंगल कारी, आरती श्री बैकुंठ मंगलकारी, [...]
॥ आरती ॥ चतुर्भुज जगन्नाथ कंठ शोभित कौसतुभः ॥ पद्मनाभ, बेडगरवहस्य, चन्द्र सूरज्या बिलोचनः जगन्नाथ, लोकानाथ, निलाद्रिह सो पारो हरि दीनबंधु, दयासिंधु, कृपालुं च रक्षकः कम्बु पानि, चक्र पानि, पद्मनाभो, नरोतमः जग्दम्पा रथो व्यापी, सर्वव्यापी सुरेश्वराहा लोका राजो, देव राजः, [...]
॥ आरती ॥ आरती श्री गुरुदेव जी की गाऊँ । बार-बार चरणन सिर नाऊँ ॥ त्रिभुवन महिमा गुरु जी की भारी । ब्रह्मा विष्णु जपे त्रिपुरारी ॥ राम कृष्ण भी बने पुजारी । आशीर्वाद में गुरु जी को पाऊं ॥ [...]
॥ आरती ॥ आरती तुकाराम । स्वामी सद्गुरु धाम ॥ सच्चिदानंद मूर्ती । पाय दाखवी आम्हा ॥ आरती तुकाराम । स्वामी सद्गुरु धाम ॥ सच्चिदानंद मूर्ती । पाय दाखवी आम्हा ॥ राघवे सागरात । पाषाण तारीले ॥ तैसे हें तुकोबाचे [...]
श्री बाबा बालकनाथ जी की आरती का पाठ भक्तों के जीवन में शांति और समृद्धि लाता है। बाबा बालकनाथ जी, जो सिद्ध पुरुष और शक्ति के प्रतीक माने जाते हैं, अपनी कृपा से सभी भक्तों के दुखों को दूर करते [...]
॥ आरती ॥ श्री गुरु नानक देव आरती ॥ धनासरी महला १ आरती ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ गगन मै थालु रवि चंदु दीपक बने तारिका मंडल जनक मोती ॥ धूपु मल आनलो पवणु चवरो करे सगल बनराइ फूलंत जोती ॥ [...]
॥ आरती ॥ ॐ जय जय शनि महाराज, स्वामी जय जय शनि महाराज । कृपा करो हम दीन रंक पर, दुःख हरियो प्रभु आज ॥ ॥ ॐ जय जय शनि महाराज ॥ सूरज के तुम बालक होकर, जग में बड़े [...]
॥ आरती ॥ जय शनि देवा, जय शनि देवा, जय जय जय शनि देवा । अखिल सृष्टि में कोटि-कोटि जन, करें तुम्हारी सेवा । जय शनि देवा, जय शनि देवा, जय जय जय शनि देवा ॥ जा पर कुपित होउ [...]