Category: Sanatan Dharam

श्री सरस्वती चालीसा हिंदी अर्थ सहित – Shri Saraswati Chalisa Meaning In Hindi

श्री सरस्वती चालीसा हिंदी अर्थ सहित ।। दोहा ।। ”जनक जननि पद्मरज, निज मस्तक पर धरि। बन्दौं मातु सरस्वती, बुद्धि बल दे दातारि॥ पूर्ण जगत में व्याप्त तव, महिमा अमित अनंतु। दुष्जनों के पाप को, मातु तु ही अब हन्तु” [...]

श्री राम चालीसा हिंदी अर्थ सहित – Shri Ram Chalisa Meaning In Hindi

श्री राम चालीसा हिंदी अर्थ सहित श्री राम चालीसा, हिन्दू धर्म में एक अत्यंत पवित्र और शक्तिशाली स्तोत्र है, जो भगवान राम की महिमा और उनके चरित्र की गाथा को व्यक्त करता है। इसमें प्रत्येक श्लोक में भगवान राम के [...]

श्री शनि देव चालीसा हिंदी अर्थ सहित – Shri Shani Dev Chalisa Meaning In Hindi

श्री शनि चालीसा हिंदी अर्थ सहित इस पोस्ट में हमने शनि चालीसा के प्रत्येक श्लोक का अर्थ सरल भाषा में प्रदान किया है ताकि आप इसके अर्थ को समझ सकें। इस पोस्ट में आप हिंदी में शनि चालीसा के साथ [...]

सम्पूर्ण श्री विष्णु चालीसा हिंदी अर्थ

श्री विष्णु चालीसा, हिन्दू धर्म में भगवान विष्णु की आराधना और स्तुति का एक प्रमुख स्तोत्र है। यह चालीसा 40 श्लोकों का एक संग्रह है, जो भगवान विष्णु के गुणों, उनके अवतारों, और उनकी भक्तों के प्रति किए गए उनके [...]

माँ दुर्गा चालीसा हिंदी अर्थ सहित | Durga Chalisa Lyrics In Hindi

माँ दुर्गा चालीसा का महत्व माँ दुर्गा चालीसा हिन्दू धर्म में एक अत्यंत पवित्र स्तोत्र है, जो देवी दुर्गा की स्तुति और आराधना करता है। यह चालीसा 40 श्लोकों का एक संग्रह है जो माँ दुर्गा के विभिन्न रूपों, उनकी [...]

श्री धर्मराज जी की आरती – Shri Dharmraj Ji Ki Aarti

सनातन धर्म के अनुसार धर्मराज जी शनिदेव और देवी यमुना के भाई तथा सूर्यदेव के पुत्र है। धर्मराज (यमराज) जी लोगों को उनके पास और पुण्य के आधार पर न्याय प्रदान करते है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अगर कोई व्यक्ति [...]

धर्मराज आरती – ॐ जय धर्म धुरन्धर – Dharmraj Ki Aarti – Om Jai Dharm Dhurandar

॥ आरती ॥ ॐ जय जय धर्म धुरन्धर, जय लोकत्राता । धर्मराज प्रभु तुम ही, हो हरिहर धाता ॥ जय देव दण्ड पाणिधर यम तुम, पापी जन कारण । सुकृति हेतु हो पर तुम, वैतरणी ताराण ॥2॥ न्याय विभाग अध्यक्ष [...]

श्री सूर्य देव की आरती – Shri Surya Dev Ji Ki Aarti

॥ आरती ॥ ऊँ जय कश्यप नन्दन, प्रभु जय अदिति नन्दन। त्रिभुवन तिमिर निकंदन, भक्त हृदय चन्दन॥ ॥ ऊँ जय कश्यप...॥ सप्त अश्वरथ राजित, एक चक्रधारी। दु:खहारी, सुखकारी, मानस मलहारी॥ ॥ ऊँ जय कश्यप...॥ सुर मुनि भूसुर वन्दित, विमल विभवशाली। [...]

श्री सूर्य रवि देव की आरती – Shri Surya Ravi Dev Ki Aarti

॥ आरती ॥ जय जय जय रविदेव, जय जय जय रविदेव । रजनीपति मदहारी, शतलद जीवन दाता ॥ पटपद मन मदुकारी, हे दिनमण दाता । जग के हे रविदेव, जय जय जय स्वदेव ॥ नभ मंडल के वाणी, ज्योति प्रकाशक [...]

श्री गौरीनंदन की आरती – Shri Gouri Nandan Ki Aarti

॥ आरती ॥ ओम जय गौरी नन्दन, प्रभु जय गौरी नंदन गणपति विघ्न निकंदन, मंगल नि:स्पन्दन ओम जय गौरी नन्दन प्रभु जय गौरी नंदन ऋषि सिद्धियाँ जिनके, नित ही चवर करे करिवर मुख सुखकारक, गणपति विध्न हरे ओम जय गौरी [...]

जय हो जय जय है गौरी नंदन – आरती – Jai Ho Jai Jai He Gauri Nandan

॥ आरती ॥ जय हो जय जय है गौरी नंदन देवा गणेशा गजानन चरणों को तेरे हम पखारते हो देवा आरती तेरी हम उतारते शुभ कार्यो में सबसे पहले तेरा पूजन करते विघ्न हटाते काज बनाते सभी अमंगल हरते ओ [...]

श्री संकटा माता की आरती – Shri Sankata Mata Ki Aarti

॥ आरती ॥ जय जय संकटा भवानी, करहूं आरती तेरी । शरण पड़ी हूँ तेरी माता, अरज सुनहूं अब मेरी ॥ जय जय संकटा भवानी..॥ नहिं कोउ तुम समान जग दाता, सुर-नर-मुनि सब टेरी । कष्ट निवारण करहु हमारा, लावहु [...]

श्री एकादशी माता की आरती – Shri Ekadashi Mata Ki Aarti

॥ आरती ॥ ॐ जय एकादशी, जय एकादशी, जय एकादशी माता। विष्णु पूजा व्रत को धारण कर, शक्ति मुक्ति पाता॥ ॐ जय एकादशी…॥ तेरे नाम गिनाऊं देवी, भक्ति प्रदान करनी। गण गौरव की देनी माता, शास्त्रों में वरनी॥ ॐ जय [...]

श्री महावीर स्वामी जी की आरती – Shri Mahaveer Swami Ji Ki Aarti

॥ आरती ॥ ॐ जय महावीर प्रभु, स्वामी जय महावीर प्रभो । जगनायक सुखदायक, अति गम्भीर प्रभो ॥ ॥ॐ जय महावीर प्रभु...॥ कुण्डलपुर में जन्में, त्रिशला के जाये । पिता सिद्धार्थ राजा, सुर नर हर्षाए ॥ ॥ॐ जय महावीर प्रभु...॥ [...]

आरती: श्री महावीर भगवान | जय सन्मति देवा – Shri Mahaveer Bhagwan 3 Jai Sanmati Deva

॥ आरती ॥ जय सन्मति देवा, प्रभु जय सन्मति देवा। वर्द्धमान महावीर वीर अति, जय संकट छेवा ॥ ॥ऊँ जय सन्मति देवा...॥ सिद्धार्थ नृप नन्द दुलारे, त्रिशला के जाये । कुण्डलपुर अवतार लिया, प्रभु सुर नर हर्षाये ॥ ॥ऊँ जय [...]

श्री नृसिंह भगवान जी की आरती – Shri Narasimha Bhagwan Ji Ki Aarti

॥ आरती ॥ ॐ जय नरसिंह हरे, प्रभु जय नरसिंह हरे । स्तंभ फाड़ प्रभु प्रकटे, स्तंभ फाड़ प्रभु प्रकटे, जनका ताप हरे ॥ ॐ जय नरसिंह हरे ॥ तुम हो दिन दयाला, भक्तन हितकारी, प्रभु भक्तन हितकारी । अद्भुत [...]



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