Category: Sanatan Dharam

देवोत्थान / प्रबोधिनी एकादशी व्रत कथा 2 – Devutthana Ekadashi Vrat Katha 2

व्रत कथा एक राजा था, उसके राज्य में प्रजा सुखी थी। एकादशी को कोई भी अन्न नहीं बेचता था। सभी फलाहार करते थे। एक बार भगवान ने राजा की परीक्षा लेनी चाही। भगवान ने एक सुंदरी का रूप धारण किया [...]

देवोत्थान / प्रबोधिनी एकादशी व्रत कथा – Devutthana Ekadashi Vrat Katha

व्रत कथा देवोत्थान एकादशी का महत्त्व: धर्मराज युधिष्ठिर कहने लगे कि हे भगवान! मैंने कार्तिक कृष्ण एकादशी अर्थात रमा एकादशी का सविस्तार वर्णन सुना। अब आप कृपा करके मुझे कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी के विषय में भी बतलाइये। इस एकादशी [...]

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 25 – Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 25

व्रत कथा सुना प्रश्न ऋषियों का, और बोले सूतजी ज्ञानी । पच्चीसवें अध्याय में सुनो, श्री हरि की वाणी ॥ (धर्मदत्त जी का कथन, चौबीसवीं कथा का आगे वर्णन सुनिए).. तीर्थ में दान और व्रत आदि सत्कर्म करने से मनुष्य [...]

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 26 – Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 26

व्रत कथा कार्तिक मास माहात्म्य, का छब्बीसवाँ अध्याय । श्री विष्णु की कृपा से, आज तुमको रहा बताय ॥ नारद जी बोले- इस प्रकार विष्णु पार्षदों के वचन सुनकर धर्मदत्त ने कहा- प्राय: सभी मनुष्य भक्तों का कष्ट दूर करने [...]

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 28 – Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 28

व्रत कथा पढ़े सुने जो प्रेम से, वह हो जाये शुद्ध स्वरुप । यह अठ्ठाईसवाँ अध्याय, कार्तिक कथा अनूप ॥ धर्मदत्त ने पूछा- मैंने सुना है कि जय और विजय भी भगवान विष्णु के द्वारपाल हैं। उन्होंने पूर्वजन्म में ऐसा कौन सा [...]

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 27 – Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 27

व्रत कथा कृष्ण नाम का आसरा, कृष्ण नाम का ध्यान । सत्ताईसवाँ अध्याय अब, लिखने लगा महान ॥ पार्षदों ने कहा- एक दिन की बात है, विष्णुदास ने नित्यकर्म करने के पश्चात भोजन तैयार किया किन्तु कोई छिपकर उसे चुरा ले [...]

तुलसी विवाह पौराणिक कथा – Tulsi Vivah Pauranik Katha

व्रत कथा एक बार शिव ने अपने तेज को समुद्र में फैंक दिया था। उससे एक महातेजस्वी बालक ने जन्म लिया। यह बालक आगे चलकर जालंधर के नाम से पराक्रमी दैत्य राजा बना। इसकी राजधानी का नाम जालंधर नगरी था। दैत्यराज कालनेमी की [...]

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 30 – Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 30

व्रत कथा कार्तिक मास की कथा, करती भव से पार । तीसवाँ अध्याय लिखूँ, हुई हरि कृपा अपार ॥ भगवान श्रीकृष्ण सत्यभामा से बोले- हे प्रिये! नारदजी के यह वचन सुनकर महाराजा पृथु बहुत आश्चर्यचकित हुए। अन्त में उन्होंने नारदजी [...]

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 29 – Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 29

व्रत कथा प्रभु कृपा से लिख रहा, सुन्दर शब्द सजाय । कार्तिक मास माहात्म का, उन्तीसवाँ अध्याय ॥ राजा पृथु ने कहा - हे मुनिश्रेष्ठ! आपने कलहा द्वारा मुक्ति पाये जाने का वृत्तान्त मुझसे कहा जिसे मैंने ध्यानपूर्वक सुना। हे [...]

उत्पन्ना एकादशी व्रत कथा – Utpanna Ekadashi Vrat Katha

उत्पन्ना एकादशी व्रत कथा भगवान विष्णु की महिमा और उनके प्रति समर्पण का प्रतीक है। यह एकादशी विशेष रूप से भगवान विष्णु के प्रति भक्ति और आस्था को समर्पित है। उत्पन्ना एकादशी के दिन व्रत करने से जीवन में सुख-समृद्धि [...]

शनि प्रदोष व्रत कथा – Shani Pradosh Vrat Katha

शनि प्रदोष व्रत कथा त्रयोदशी तिथि को मनाए जाने वाले प्रदोष व्रत की एक विशेष कथा है, जो विशेष रूप से शनिवार के दिन पड़ती है। इस व्रत का महत्व भगवान शिव और शनि देव की आराधना से जुड़ा हुआ [...]

अन्नपूर्णा माता व्रत कथा – Annapurna Mata Vrat Katha

अन्नपूर्णा माता व्रत कथा भगवान शिव और देवी अन्नपूर्णा के बीच की एक पवित्र कथा है, जो अन्न और पोषण की देवी, माता अन्नपूर्णा की महिमा को दर्शाती है। कथा के अनुसार, एक बार भगवान शिव और देवी पार्वती के [...]

रवि प्रदोष व्रत कथा – Ravi Pradosh Vrat Katha

रवि प्रदोष व्रत कथा भगवान शिव की भक्ति और उनके आशीर्वाद की महत्ता को दर्शाती है। यह व्रत जब त्रयोदशी तिथि रविवार को पड़ती है, तब किया जाता है। कथा में एक भक्त की कहानी होती है जो गंभीर समस्याओं [...]

गजेंद्र और ग्राह मुक्ति कथा – Gajendra And Grah Mukti Katha

व्रत कथा वैकुण्ठ के द्वारपाल जय और विजय पूर्व जन्म में कौन थे? क्षीरसागर में एक त्रिकूट नामक एक प्रसिद्ध एवं श्रेष्ठ पर्वत था। उसकी ऊँचाई आसमान छूती थी। उसकी लम्बाई-चौड़ाई भी चारों ओर काफी विस्तृत थी। उसके तीन शिखर [...]

भगवान दत्तात्रेय जन्म | पतिव्रता सती माता अनसूइया की कथा – Pativrata Sati Mata Ansuiya Ki Katha

व्रत कथा भगवान को अपने भक्तों का यश बढ़ाना होता है तो वे नाना प्रकार की लीलाएँ करते हैं। श्री लक्ष्मी जी, माता सती और देवी सरस्वती जी को अपने पतिव्रत का बड़ा अभिमान था। तीनों देवियों के अभिमान को [...]

मोक्षदा एकादशी व्रत कथा – Mokshada Ekadashi Vrat Katha

व्रत कथा मोक्षदा एकादशी का महत्त्व: धर्मराज युधिष्ठिर कहने लगे कि हे भगवान! मैंने मार्गशीर्ष कृष्ण एकादशी अर्थात उत्पन्ना एकादशी का सविस्तार वर्णन सुना। अब आप कृपा करके मुझे मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी के विषय में भी बतलाइये। इस [...]