Category: Sanatan Dharam

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 5 – Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 5

व्रत कथा प्रभु मुझे सहारा है तेरा, जग के पालनहार । कार्तिक मास माहात्म की, कथा करूँ विस्तार ॥ राजा पृथु बोले: हे नारद जी! आपने कार्तिक मास में स्नान का फल कहा, अब अन्य मासों में विधिपूर्वक स्नान करने की [...]

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 6 – Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 6

व्रत कथा नारद जी बोले: जब दो घड़ी रात बाकी रहे तब तुलसी की मृत्तिका, वस्त्र और कलश लेकर जलाशय पर जाये। कार्तिक में जहां कहीं भी प्रत्येक जलाशय के जल में स्नान करना चाहिए। गरम जल की अपेक्षा ठण्डे [...]

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 8 – Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 8

व्रत कथा जिसकी दया से सरस्वती, भाव रही उपजाय । कार्तिक माहात्म का ‘कमल’ लिखे आठवाँ अध्याय ॥ नारदजी बोले – अब मैं कार्तिक व्रत के उद्यापन का वर्णन करता हूँ जो सब पापों का नाश करने वाला है। व्रत [...]

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 7 – Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 7

व्रत कथा नारद जी ने कहा: हे राजन! कार्तिक मास में व्रत करने वालों के नियमों को मैं संक्षेप में बतलाता हूँ, उसे आप सुनिए। व्रती को सब प्रकार के आमिष मांस, उरद, राई, खटाई तथा नशीली वस्तुओं का त्याग [...]

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 31 – Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 31

व्रत कथा कार्तिक मास माहात्म्य का, यह इकत्तीसवाँ अध्याय । बतलाया भगवान ने, प्रभु स्मरण का सरल उपाय ॥ भगवान श्रीकृष्ण ने कहा- पूर्वकाल में अवन्तिपुरी (उज्जैन)में धनेश्वर नामक एक ब्राह्मण रहता था।वह रस, चमड़ा और कम्बल आदि का व्यापार [...]

अहोई अष्टमी और राधाकुण्ड से जुड़ी कथा – Ahoi Ashtami And Radhakund Katha

व्रत कथा ॥ श्री गणेशाय नमः ॥ बहुत समय पहले झाँसी के निकट एक नगर में चन्द्रभान नामक साहूकार रहता था। उसकी पत्नी चन्द्रिका बहुत सुंदर, सर्वगुण सम्पन्न, सती साध्वी, शिलवन्त चरित्रवान तथा बुद्धिमान थी। उसके कई पुत्र-पुत्रियां थी परंतु [...]

अहोई अष्टमी व्रत कथा – Ahoi Ashtami Vrat Katha

व्रत कथा ॥ श्री गणेशाय नमः ॥ प्राचीन काल में किसी नगर में एक साहूकार रहता था। उसके सात लड़के थे। दीपावली से पहले साहूकार की स्त्री घर की लीपापोती हेतु मिट्टी लेने खदान में गई और कुदाल से मिट्टी [...]

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 9 – Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 9

व्रत कथा राजा पृथु ने कहा: हे मुनिश्रेष्ठ नारद जी! आपने कार्तिक माह के व्रत में जो तुलसी की जड़ में भगवान विष्णु का निवास बताकर उस स्थान की मिट्टी की पूजा करना बतलाया है, अत: मैं श्री तुलसी जी [...]

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 10 – Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 10

व्रत कथा राजा पृथु बोले – हे ऋषिश्रेष्ठ नारद जी! आपको प्रणाम है। कृपया अब यह बताने की कृपा कीजिए कि जब भगवान शंकर ने अपने मस्तक के तेज को क्षीर सागर में डाला तो उस समय क्या हुआ? नारद [...]

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 11 – Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 11

व्रत कथा एक बार सागर पुत्र जलन्धर अपनी पत्नी वृन्दा सहित असुरों से सम्मानित हुआ सभा में बैठा था तभी गुरु शुक्राचार्य का वहाँ आगमन हुआ। उनके तेज से सभी दिशाएँ प्रकाशित हो गई। गुरु शुक्राचार्य को आता देखकर सागर [...]

परमा एकादशी व्रत कथा – Parama Ekadashi Vrat Katha

व्रत कथा परमा एकादशी का महत्त्व: अर्जुन ने कहा, हे कमलनयन! आपने शुक्ल पक्ष की एकादशी का विस्तारपूर्वक वर्णन कर मुझे सुनाया, अतः अब आप कृपा करके मुझे अधिकमास के कृष्ण पक्ष की एकादशी का क्या नाम है? इसमें किस देवता का [...]

चक्रवर्ती राजा दिलीप की गौ-भक्ति कथा – Chakravarthi Raja Dileep Ki Gau Bhakti Katha

व्रत कथा शास्त्रो में राजा को भगवान् की विभूति माना गया है। साधारण व्यक्ति से श्रेष्ट राजा को माना जाता है, राजाओ में भी श्रेष्ट सप्तद्वीपवती पृथ्वी के चक्रवर्ती सम्राट को और अधिक श्रेष्ट माना गया है। ऐसे ही पृथ्वी [...]

रमा एकादशी व्रत कथा – Rama Ekadashi Vrat Katha

व्रत कथा रमा एकादशी का महत्त्व: धर्मराज युधिष्ठिर कहने लगे कि हे भगवान! मैंने आश्विन शुक्ल एकादशी अर्थात पापांकुशा एकादशी का सविस्तार वर्णन सुना। अब आप कृपा करके मुझे कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी के विषय में भी बतलाइये। इस एकादशी का क्या नाम है [...]

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 12 – Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 12

व्रत कथा नारद जी ने कहा: तब इन्द्रादिक देवता वहाँ से भय-कम्पित होकर भागते-भागते बैकुण्ठ में विष्णु जी के पास पहुंचे। देवताओं ने अपनी रक्षा के लिए उनकी स्तुति की। देवताओं की उस दीन वाणी को सुनकर करुणा सागर भगवान [...]

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 14 – Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 14

व्रत कथा कार्तिक मास का आज, लिखूं चौदहवाँ अध्याय । श्री हरि कृपा करें, श्रद्धा प्रेम बढाएँ ॥ तब उसको इस प्रकार धर्मपूर्वक राज्य करते हुए देख देवता क्षुब्ध हो गये। उन्होंणे देवाधिदेव शंकर का मन में स्मरण करना आरंभ [...]

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 13 – Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 13

व्रत कथा कार्तिक कथा को सुनो, सभी सहज मन लाय । तेरहवाँ अध्याय लिखूँ, श्री प्रभु शरण में आय ॥ दोनो ओर से गदाओं, बाणों और शूलों आदि का भीषण प्रहार हुआ। दैत्यों के तीक्ष्ण प्रहारों से व्याकुल देवता इधर-उधर [...]