मां महागौरी की आरती
मां महागौरी हिंदू धर्म में पूजित देवी हैं, जो देवी दुर्गा के नौ रूपों में से एक हैं। नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है। मां महागौरी का रूप अति सुंदर और उज्ज्वल है, और इन्हें श्वेत वस्त्र धारण किए हुए चित्रित किया जाता है। इन्हें शांति और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है।
मां महागौरी की आरती का महत्व
मां महागौरी की आरती करने से भक्तों को कई लाभ होते हैं, जैसे:
- सभी पापों का नाश: यह माना जाता है कि मां महागौरी की आरती करने से भक्तों के सभी पाप धुल जाते हैं।
- शांति और समृद्धि: आरती के माध्यम से मां महागौरी से शांति और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
- संकटों का नाश: मां महागौरी की कृपा से सभी संकटों का नाश होता है और जीवन में खुशियों का आगमन होता है।
॥ आरती ॥
जय महागौरी जगत की माया ।
जय उमा भवानी जय महामाया ॥
हरिद्वार कनखल के पासा ।
महागौरी तेरा वहा निवास ॥
चंदेर्काली और ममता अम्बे
जय शक्ति जय जय मां जगदम्बे ॥
भीमा देवी विमला माता
कोशकी देवी जग विखियाता ॥
हिमाचल के घर गोरी रूप तेरा
महाकाली दुर्गा है स्वरूप तेरा ॥
सती ‘सत’ हवं कुंड मै था जलाया
उसी धुएं ने रूप काली बनाया ॥
बना धर्म सिंह जो सवारी मै आया
तो शंकर ने त्रिशूल अपना दिखाया ॥
तभी मां ने महागौरी नाम पाया
शरण आने वाले का संकट मिटाया ॥
शनिवार को तेरी पूजा जो करता
माँ बिगड़ा हुआ काम उसका सुधरता ॥
‘चमन’ बोलो तो सोच तुम क्या रहे हो
महागौरी माँ तेरी हरदम ही जय हो ॥
मां महागौरी की आरती का सार
मां महागौरी की आरती में उनके रूप, गुण और महिमा का वर्णन किया जाता है। यह आरती भक्तों के मन में शांति, भक्ति और शक्ति का संचार करती है। आरती में मां महागौरी के विभिन्न नामों और उनके दिव्य स्वरूप का गुणगान किया जाता है।