डॉ. भीमराव अंबेडकर, जिन्हें बाबासाहेब अंबेडकर के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय संविधान के निर्माता और समाज सुधारक थे। उन्होंने अपने जीवन को सामाजिक न्याय, समानता, और निचली जातियों के अधिकारों के लिए समर्पित किया। उनकी प्रेरणा से, लाखों लोग ‘जय भीम’ का नारा लगाते हैं और उनके ऐटिट्यूड को अपनी पहचान का हिस्सा मानते हैं। इस लेख में, हम डॉ. अंबेडकर और निचली जातियों के सम्मान में कुछ ऐटिट्यूड शायरी प्रस्तुत कर रहे हैं, जो उनके साहस और आत्मसम्मान को बयां करती हैं।
जय भीम ऐटिट्यूड शायरी
बाबासाहेब का सपना, हर दिल में बसाना है,
समाज में बराबरी और इन्साफ का परचम लहराना है।
जो हमसे टकराएगा, वो दुनिया से मिट जाएगा,
जय भीम का नारा हम हर दिल में जगाना है।
हम हैं भीम के बेटे, हर मुश्किल को हराएंगे,
डॉ. अंबेडकर के आदर्शों को अपनाएंगे।
जो हमें नीचा दिखाने की कोशिश करेगा,
उसको उसके हद तक पहुंचाएंगे।
हमारे हौसले आसमान से भी ऊँचे हैं,
हमारे सपने और भी बड़े हैं।
डॉ. अंबेडकर के दिखाए रास्ते पर चलेंगे,
हर मुश्किल को पार करेंगे, हर बाधा को हटाएंगे।
भीम की ताकत हमारे दिलों में बसती है,
हमारी आवाज़ में उनकी गूंज होती है।
जो हमें कमजोर समझता है, वो भूल कर बैठता है,
हमारी ताकत से दुनिया को हिला देंगे, ये हमारा वादा है।
हमारे अधिकारों की रक्षा के लिए हम हमेशा खड़े रहेंगे,
डॉ. अंबेडकर के संघर्ष को हम आगे बढ़ाएंगे।
जो हमें दबाने की कोशिश करेगा, उसे हम दिखा देंगे,
जय भीम के नारे से हम दुनिया को बदल देंगे।
हमारी पहचान हमारी जाति से नहीं, हमारे काम से है,
डॉ. अंबेडकर ने हमें यह सिखाया है।
जो हमें नीचा दिखाने की कोशिश करता है, वो गलत है,
हम अपने अधिकारों के लिए लड़ेंगे, ये हमारा प्रण है।
बाबासाहेब का ऐटिट्यूड हमारे दिलों में बसता है,
उनके आदर्श हमारे जीवन का हिस्सा है।
जो हमें कमजोर समझता है, वो जान ले,
हमारे दिल में भीम की आग जलती है।
हम हैं भीम के अनुयायी, हर ग़लत को सही करेंगे,
डॉ. अंबेडकर के आदर्शों को अपनाएंगे।
जो हमें दबाने की कोशिश करेगा, उसे हम दिखा देंगे,
जय भीम का नारा हर दिल में जगाएंगे।
हमारे संघर्ष की कहानी हर दिल में गूंजती है,
डॉ. अंबेडकर की प्रेरणा हमारे जीवन का हिस्सा है।
जो हमें कमजोर समझता है, वो जान ले,
हमारे दिल में भीम की ताकत बसती है।
हमारी आवाज़ हमारे हक की पुकार है,
डॉ. अंबेडकर ने हमें यह अधिकार दिया है।
जो हमें दबाने की कोशिश करेगा, उसे हम दिखा देंगे,
जय भीम का नारा हर दिल में जगाएंगे।
शिक्षित बनो, संगठित रहो, और संघर्ष करो।
हम हैं भीम के बेटे, हर मुश्किल को हराएंगे,
डॉ. अंबेडकर के आदर्शों को अपनाएंगे।
जो हमें नीचा दिखाने की कोशिश करेगा,
उसको उसके हद तक पहुंचाएंगे।
हमारे हौसले आसमान से भी ऊँचे हैं,
हमारे सपने और भी बड़े हैं।
डॉ. अंबेडकर के दिखाए रास्ते पर चलेंगे,
हर मुश्किल को पार करेंगे, हर बाधा को हटाएंगे।
भीम की ताकत हमारे दिलों में बसती है,
हमारी आवाज़ में उनकी गूंज होती है।
जो हमें कमजोर समझता है, वो भूल कर बैठता है,
हमारी ताकत से दुनिया को हिला देंगे, ये हमारा वादा है।
पैदा ना होता वो मसीहा तो खुशियों का सिलसिला ना होता,
बे रंग रहती ये जमी.. आसमान का रंग नीला नहीं होता,
भारत तो कब का कंगाल हो जाता मेरे यारो..
अगर भीमराव बाबा जैसा हीरा मिला नहीं होता !!
हमारे हौंसलो को ताजगी थोड़ी हवा देना,
जिए हम सरजमीं की खातिर इतनी इतनी वफ़ा देना,
ऐ में भीम तुम हम पर महज़ इतनी कृपया करना,
मरे हम देश की खातिर बस इतनी दुआ देना !!
है ये सारा जहाँ जिनकी शरण में,
हमारा है नमन उन बाबा के चरण में है,
पूजा के योग्य बाबा हम सबकी नजर में..
आओ मिलकर फूल बरसायें बाबा के चरण में !! जय भीम
नज़ारे देखे हमने हजारों
देखा न कभी ऐसा नजारा
आसमां में देखे सितारे बहुत
पर भीम जैसा सितारा न देखा
सुनकर जमाने की बाते हम अपने”
आपको” नही बदलते.
भरोसा रखते है हम खुदसे
भी ज्यादा अपने “बाप” के विचारो पर,
इसलिए हम जय भिम वाले
कभी अपने “बाप” को नही बदलते.
जय भीम
नींद खोयी अपनी बाबा साहेब आपने
हम रोते हों को हंसाया बाबा आपने
कभी न भूलेंगे हम अपने बाबा साहेब को
कहता है जमाना बाबा साहेब आंबेडकर जिनको
जब भीम थे चलते तो हजारों दिल मचलते
भीम जब रुकते तो तूफ़ान है रुक जाते
इतने काबिल थे बाबा की कभी इरादा न बदला
बाबा भीम ने तो सारा इतिहास बदल डाला
जिस पर चलता रहेगा ये भारत सदा
ऐसा इक रस्ता टीम बाबा बना गये
हिन्द की सरजमीं पर मेरे दोस्तों
भीम ने इक नया इतिहास लिख दिया.
* जय भीम *
नजारों मे नजारा देखा एसा नजारा नही देखा,
आसमान मे जब भी देखा
मेरे भीम जैसा सितारा नही देखा।
कर गुजर गये वो भीम थे,
दुनिया को जगाने वाले भीम थे,
हमने तो सिर्फ इतिहास पढा है यारो,
इतिहास बनाने वाले मेरे भीम थे।
भीम जी ने हमे बलवान बना डाला है
हटा ना पाये वो चट्टान बना डाला है
नये युग की हमे पहचान बना डाला है
और हवा के ये झोके को तुफान बना डाला है.।
निष्कर्ष
डॉ. भीमराव अंबेडकर और उनकी शिक्षा ने समाज में निचली जातियों के लिए नई राहें खोलीं। उनकी प्रेरणा से, लाखों लोग ‘जय भीम’ का नारा लगाते हैं और अपने आत्मसम्मान और अधिकारों के लिए खड़े होते हैं। इन शायरियों के माध्यम से हमने डॉ. अंबेडकर और निचली जातियों के संघर्ष और ऐटिट्यूड को बयां किया है। आशा है कि ये शायरियां आपके दिल को छू जाएंगी और आपको आत्मसम्मान के साथ खड़े होने की प्रेरणा देंगी। जय भीम!