हिंदी की बुद्धिमानी भरी पहेलियाँ: सोचने और सीखने का मज़ेदार तरीका

हिंदी की बुद्धिमानी भरी पहेलियाँ: सोचने और सीखने का मज़ेदार तरीका

पहेलियाँ हमारी संस्कृति और दैनिक जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रही हैं। ये न केवल मनोरंजन का माध्यम हैं, बल्कि हमारे दिमाग को तेज़ और सक्रिय रखने का बेहतरीन ज़रिया भी हैं। पहेलियों के माध्यम से हम तर्कशक्ति को विकसित करते हैं और समस्याओं को हल करने की क्षमता को बढ़ावा देते हैं। हिंदी में पहेलियाँ हमेशा से ही दादी-नानी की कहानियों का हिस्सा रही हैं, और आज भी बच्चों और बड़ों के बीच उतनी ही लोकप्रिय हैं।

इस ब्लॉग पोस्ट में, हम कुछ दिलचस्प और प्रचलित हिंदी पहेलियों पर चर्चा करेंगे। इन पहेलियों का जवाब ढूंढने का मजा तो है ही, साथ ही यह आपके दिमाग की कसरत का भी बेहतरीन माध्यम है।

पहेलियों का महत्व

पहेलियाँ सोचने-समझने की क्षमता को निखारने का एक शानदार तरीका हैं। जब हम पहेलियों को हल करने का प्रयास करते हैं, तो हमारा मस्तिष्क विभिन्न विचारों और संभावनाओं के बीच तालमेल बैठाने की कोशिश करता है। इससे हमारी तर्कशक्ति (logical thinking) और समस्या सुलझाने की क्षमता (problem-solving ability) विकसित होती है।

बच्चों के विकास में पहेलियाँ महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, क्योंकि वे ध्यान केंद्रित करने, तर्क करने और धैर्य रखने की क्षमता को बढ़ाती हैं। इसके अलावा, पहेलियाँ हमारी भाषा, संस्कृति, और परंपराओं से जुड़ने का भी एक बेहतरीन ज़रिया हैं।

कुछ दिलचस्प हिंदी पहेलियाँ

1. पहेली:

“ऐसी कौन सी चीज़ है, जो पानी में गिरने पर भी गीली नहीं होती?”

उत्तर: परछाई

2. पहेली:

“वह क्या है, जो एक बार बढ़ती है लेकिन कभी घटती नहीं?”

उत्तर: उम्र

3. पहेली:

“दो अक्षर का नाम बताओ, जलते समय जल से बुझाओ?”

उत्तर: दीपक

4. पहेली:

“ऐसा कौन सा दरवाजा है, जिसे खोलने की ज़रूरत नहीं होती?”

उत्तर: ऑटोमेटिक दरवाजा

5. पहेली:

“ऐसी कौन सी चीज़ है, जो बढ़ती जाती है लेकिन नजर नहीं आती?”

उत्तर: ज्ञान

6. पहेली:

“एक थाली में है सौ रोटियाँ, खाए कोई न घटे कोई।”

उत्तर: तारे

7. पहेली:

“लाल पीली मेरी गाय, रोज़ खड़ी दरवाजे आय।”

उत्तर: आम

8. पहेली:

“चार अक्षर का मेरा नाम, उल्टा-सीधा एक समान।”

उत्तर: नयन

9. पहेली:

“बिना पैर चलती जाए, बिना मुँह सबको खा जाए।”

उत्तर: नदी

10. पहेली:

“ऊपर से काला, अंदर से सफेद, खाने में मीठा नाम बताओ क्या है?”

उत्तर: नारियल

11. पहेली:

“चार बहनों का एक है भाई, सभी चारों के सिर पर छाई।”

उत्तर: मेज

12. पहेली:

“सफ़ेद चमड़ी, हरी चोली, काले मोती हैं अन्दर।”

उत्तर: तरबूज

13. पहेली:

“वह क्या है जो कभी लौट कर नहीं आता?”

उत्तर: समय

14. पहेली:

“दोस्तों की दोस्ती निभाऊं, सुबह-सुबह सबको जगाऊं।”

उत्तर: अलार्म घड़ी

15. पहेली:

“आगे ना जाने पीछे का हाल, बैठा रहे हमेशा एक ही चाल।”

उत्तर: कुर्सी

16. पहेली:

“बोल नहीं पाती हूँ मैं, और सुन नहीं पाती |
बिना आँखों के हूँ अंधी, पर सबको राह दिखाती |”

उत्तर: पुस्तक

17. पहेली:

“तीन अक्षर का मेरा नाम, बीच कटे तो रिश्ते का नाम |
आखिरी कटे तो सब खाए, भारत के तीन तरफ दिखाए |”

उत्तर: सागर

18. पहेली:

“सोने की वह चीज है, पर बेचे नहीं सुनार |
मोल तो ज्यादा है नहीं, बहुत है उसका भार |”

उत्तर: चारपाई

19. पहेली:

“नकल उतारे सुनकर वाणी, चुप-चुप सुने सभी की कहानी |
नील गगन है इसको भाए, चलना क्या उड़ना भी आए |”

उत्तर: तोता

20. पहेली:

“राजा महाराजाओं के ये, कभी बहुत आया काम |
संदेश इसने पहुचाएँ, सुबह हो या शाम |”

उत्तर: कबूतर

21. पहेली:

“आगे ‘प’ है मध्य में भी ‘प’, अंत में इसके ‘ह’ है |
पेड़ों पर रहता है, सुर में कुछ कहता है |”

उत्तर: पपीहा

22. पहेली:

“देखी रात अनोखी वर्षा, सारा खेत नहाया |
पानी तो पूरा शुद्ध था, पर पी न कोई पाया |”

उत्तर: ओस

23. पहेली:

“करती नहीं यात्रा दो गज, फिर भी दिन भर चलती है |
रसवंती है, नाजुक भी, लेकिन गुफा में रहती है |”

उत्तर: जीभ

24. पहेली:

“नहीं सुदर्शन चक्र मगर, मैं चकरी जैसा चलता |
सिर के ऊपर उल्टा लटका. फर्श पर नहीं उतरता |”

उत्तर: पंखा

25. पहेली:

“पास में उड़ता-उड़ता आए, क्षण भर देखूँ , फिर छिप जाए |
बिना आग के जलता जाए, सबके मन को वह लुभाए |”

उत्तर: जुगनू

26. पहेली:

“छिलके को दूर हटाते जाओ, बड़े स्वाद से खाते जाओ |
इतना पर अवश्य देखना, छिलके इसके दूर हीं फेंखना |”

उत्तर: केला

27. पहेली:

“आँखें दो हो जाए चार, मेरे बिना कोट बेकार |
घुसा आँखों में मेरा धागा, दर्जी के घर से मैं भागा |”

उत्तर: बटन

28. पहेली:

“मध्य कटे तो सास बन जाऊँ, अंत कटे तो सार समझाऊँ |
मैं हूँ पक्षी, रंग सफेद, बताओ मेरे नाम का भेद |”

उत्तर: सारस

29. पहेली:

“सर्दी की रात मैं नभ से उतरूँ, लोग कहते हैं मुझे मोती |
सूर्य का प्रकाश देखते हीं, मैं गायब होती |”

उत्तर: ओस

30. पहेली:

“एक हाथ है लकड़ी की डंडी, बने हुए हैं इसमें आठ घर |
ज्यों-ज्यों हवा जाए उस भवन में, त्यों-त्यों निकले हैं मीठे स्वर |”

उत्तर: बाँसुरी

31. पहेली:

“उड़ नहीं सकती मैं वायु में, चल नहीं पाती सड़कों पर |
लेकिन लाखों पर्यटकों को, पहुँचाती हूँ इधर-उधर |”

उत्तर: रेल

32. पहेली:

“बिन जिसके हो चक्का जाम | पानी जैसी चीज है वह,
झट से बताओ उसका नाम |”

उत्तर: पेट्रोल

33. पहेली:

“मैं एक बीज हूँ, तीन अक्षर है मेरे |
दो दल वाला अन्न हूँ, दाल बनाकर खाते हो |”

उत्तर: मटर

34. पहेली:

“करती नहीं यात्रा दो गज़, फिर भी दिन भर चलती है।
रसवंती है नाज़ुक भी है, और गुफा में रहती है ?”

उत्तर: ज़ुबान (जीभ)

35. पहेली:

“वह कौन है
जिसके पास कभी तो दर्जनों कपड़े होते हैं
और कभी एक भी नहीं होता ?”

उत्तर: वॉशिंग मशीन

36. पहेली:

“वह क्या है जो ऊपर से फेंक देते हैं,
और अन्दर से पका लेते हैं,
और पकने के बाद अन्दर से फेंक देते है,
ऊपर से खा लेते हैं ?”

उत्तर: भुट्टा

37. पहेली:

“वह कौन सी चीज़ है
जो ज़िन्दा हो तो उसे दफना देते हैं
और मर जाये तो बाहर निकाल देते हैं ?”

उत्तर: पौधा

38. पहेली:

“ऐसी कौन सी चीज़ है जिसे हम देख नहीं सकते
और ना ही चख सकते हैं मगर खा सकते हैं ?”

उत्तर: क़सम

39. पहेली:

“ना ही मैं खाता हूँ ना ही मैं पीता हूँ
फिर भी सबके घरों की मैं रखवाली करता हूँ ?”

उत्तर: ताला

40. पहेली:

“जा जोड़े तो जापान, अमीरों के लिए है यह शान,
बनारसी है इसकी पहचान, दावतों में बढ़ती इसकी शान ?”

उत्तर: पान

41. पहेली:

“डिब्बा देखा एक निराला ना ढकना ना ताला,
ना पेंदा ना ही कोना है उसमे चाँदी सोना ?”

उत्तर: अंडा

42. पहेली:

“बचपन जवानी हरी भरी बुढ़ापा हुआ लाल
हरी थी तब फूटी थी जवानी लेकिन बुढ़ापे में मचाया धमाल ?”

उत्तर: मिर्च

43. पहेली:

“आपके ही घर पे आये तीन अक्षर का नाम बताए,
शुरु के दो अति हो जाये, अंतिम दो से तिथि बन जाये। बताओ क्या?”

उत्तर: अतिथि

44. पहेली:

“सुबह, दोपहर, शाम को, मैं लोगों को भाती। सब्जी के संग मेल है,
आदि कटे तो पाती।”

उत्तर: चपाती

45. पहेली:

“रंग-बिरंगी प्यारी-प्यारी दिखने में मैं सबसे न्यारी,
छोटे हल्के पंख फैलाऊँ, बगिया में मैं रौनक लाऊँ।”

उत्तर: तितली

46. पहेली:

“गोल-गोल हैं जिसकी आंखें, भाता नहीं उजाला,
दिन में सोता रहता हरदम, रात विचरने वाला..”

उत्तर: उल्लू

47. पहेली:

“हरा चोर लाल मकान, उसमे बैठा काला शैतान,
गर्मी में वह है दिखता, सर्दी में गायब हो जाता! बताओ क्या?”

उत्तर: तरबूज़

48. पहेली:

“न मैं दिख सकती हूँ, न मैं बिक सकती हूँ,
और न ही मैं गिर सकती हूँ. बताओ मैं कौन हूँ ?”

उत्तर: हवा

49. पहेली:

“छोटा सा है उसका पेट, लेता सारा जगत समेट,
चार अक्षर का उसका नाम, कहानी – कविता भी करता हमको भेंट।”

उत्तर: अखबार

50. पहेली:

“अगर प्यास लगे तो पी सकते हैं, भूख लगे तो खा सकते हैं,
और अगर ठण्ड लगे तो, उसे जला भी सकते हैं, बोलो क्या है वो??”

उत्तर: नारियल

51. पहेली:

“आँखें होते हुए अंधी हूँ, पैर होते हुए लंगड़ी हूँ,
मुख होते हुए मौन हूँ, बताओ बताओ मैं कौन हूँ।”

उत्तर: गुड़िया

51. पहेली:

“ऐसी कौन सी चीज है, जो पुरुषों में तो बढ़ती है,
लेकिन महिलाओं में नहीं बढ़ती!!
बताओ क्या??”

उत्तर: दाढ़ी-मुछ

52. पहेली:

“तीन अक्षर से लिखूँ अपना नाम,
उल्टा सीधा सभी एक समान..”

उत्तर: चमच

53. पहेली:

“मेरी पूंछ पर हरियाली, तन है मगर सफेद,
खाने के हूँ काम आती, अब बोलो मेरा भेद।”

उत्तर: मूली

54. पहेली:

“तीन रंगों का सुंदर पक्षी, नील गगन में भरे उड़ान,
सब की आंखों का है तारा, सब करते इसका सम्मान ।”

उत्तर: भारत का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा

55. पहेली:

“एक थाल मोतियों भरा, सबके सिर पर उल्टा धरा,
चारों ओर फिरे वो थाल, मोती उससे एक न गिरे ।”

उत्तर: आकाश और तारे

56. पहेली:

“हरी हरी मछली के हरे हरे अंडे।
जल्दी से बूझो पहेली नहीं तो पड़ेंगे डंडे ।”

उत्तर: मटर

57. पहेली:

“ऊपर भी ले जाने वाली, नीचे भी ले जाने वाली .
जीवन से मृत्यु तक, बस इसकी रहे यही कहानी।”

उत्तर: साँसे

58. पहेली:

“पूंछ कटे तो सीता. सिर कटे तो मित्र.
मध्य कटे तो खोपड़ी. पहेली बड़ी विचित्र।”

उत्तर: सियार

59. पहेली:

“रंग बिरंगा बदन है इसका, कुदरत का वरदान मिला,
इतनी सुंदरता पाकर भी, दो अक्षर का नाम मिला,
ये वन में करता शोर, इसके चर्चे हैं हर ओर। बताओ कौन?”

उत्तर: मोर

60. पहेली:

“एक फूल ऐसा खिला है, जिसकी अजब है कहानी।
एक पत्ते के ऊपर दूसरा पत्ता, दुनिया है इसकी दीवानी।”

उत्तर: पत्ता गोभी

61. पहेली:

“काली है, लेकिन कोयला नहीं। लंबी है मगर डंडी नहीं,
बांधी जाती है, पर डोर नहीं, बताओं यह क्या है?”

उत्तर: चोटी

62. पहेली:

“आपस में ये मित्र बड़े हैं, चार पड़े है चार खड़े है।
इच्छा हो तो उस पर बैठो, या फिर बड़े मजे से लेटो। ”

उत्तर: खाट

63. पहेली:

“श्याम रंग की है, आंखों के ऊपर सजी है।
क्या है यह जो भी बोले, मुंह से उसके जानवर की बोली निकले?”

उत्तर: भौं (Eyebrow)

64. पहेली:

“जब आप मुझे खरीदते हैं तो मैं काला होता हूं, जब आप मुझे देखते हैं तो लाल और जब आप मुझे बाहर फेंकते हैं तो ग्रे. मैं क्या हूँ?”

उत्तर: चारकोल

65. पहेली:

“तीन पैर की चम्पा रानी, रोज नहाने जाती।
दाल-भात का स्वाद न जाने, कच्चा आटा खाती।।”

उत्तर: चकला

66. पहेली:

“कपडे उतरवाये पंखा चलवाये, कहती ठंडा पिने को
अभी – अभी तो नाहा के आया, फिर से कहती नहाने को”

उत्तर: गर्मी

67. पहेली:

“मध्य कटे तो बाण बने, आदि कटे तो गीला,
तीनों अक्षर साथ रहें, तो पक्षी बने रंगीला।”

उत्तर: तीतर

68. पहेली:

“ऐसा कौन सा वस्तु है, जो है सोने के,
लेकिन सोने से भी सस्ता?”

उत्तर: चारपाई

69. पहेली:

“लंबा तन और बदन है गोल, मीठे रहते मेरे बोल,
तन पे मेरे होते छेद, भाषा का मैं करूँ ना भेद।
अब बताओ जवाब क्या है?”

उत्तर: बाँसुरी

70. पहेली:

“धन-दौलत से बड़ी है यह, सब चीजों से ऊपर है यह
जो पाए पंडित बन जाए, बिन पाए मूर्ख रह जाए।।”

उत्तर: विद्या

71. पहेली:

“लालटेन लेकर उड़ता अंधेरी रात, जलती बिना तेल बाती के गर्मी, सर्दी, बरसात..
बताओ बताओ कौन हूँ मैं?”

उत्तर: जुगनू

72. पहेली:

“आँखे दो हो जाए चार, मेरे बिना कोट बेकार,
घुसा आँखो में मेरा धागा, दरजी के घर से मैं भागा। ? ”

उत्तर: बटन

73. पहेली:

“नहीं चाहिए इंजन मुझको,नहीं चाहिए खाना,
मुझ पर चढ़कर आसपास का, कर लो सफर सुहाना। ?”

उत्तर: साईकिल

74. पहेली:

“गिन नहीं सकता कोई, है मुझसे ही रूप,
दिमाग को ढके रखता सर्दी, बरसात व धुप। ?”

उत्तर: बाल

75. पहेली:

“यह हमको देती आराम, यह ऊँची तो ऊँचा नाम,
बड़े-बड़े लोगों को देखा, इसके लिये होता संग्राम।”

उत्तर: कुर्सी (कुरसी)

76. पहेली:

“बिल्ली की पूँछ हाथ में, बिल्ली रहे इलाहाबाद में। ”

उत्तर: पतंग

77. पहेली:

“जंगल में मायका, गाँव में ससुराल, गाँव आई दुल्हन उठ चला बवाल। ”

उत्तर: झाड़ू

78. पहेली:

“ये धनुष है सबको भाता, मगर लड़ने के काम न आता। ”

उत्तर: इन्द्र्धनुश

79. पहेली:

“बताओ जरा, गोल है पर गेंद नहींं, पूंछ है पर पशु नहीं।
बच्चे उसकी पूंछ को पकड़कर खलते-हंसते और हैं खिलखिलाते।”

उत्तर: गुब्बारा

80. पहेली:

“ऊंट की बैठक हिरण सी तेज चाल
वो कौन सा जानवर जिसके पूंछ न बाल”

उत्तर: मेंढक

81. पहेली:

“ऊंट की बैठक हिरण सी तेज चाल
वो कौन सा जानवर जिसके पूंछ न बाल”

उत्तर: मेंढक

82. पहेली:

“एक पैर है काली धोती जाड़े में वह हरदम सोती
गर्मी में है छाया देती सावन में वह हरदम रोती।”

उत्तर: छतरी (Umbrella)

83. पहेली:

“ऊपर भी जाती है नीचे भी जाती है पर अपने जगह से हिलती नहीं है, बूझो तो जाने ?”

उत्तर: सीढ़ी

84. पहेली:

“एक सुई दरजी के हाथ में ऐसे कमाल की जो कपड़े सिलाई काम न आयी, बूझो तो जाने ?”

उत्तर: हाथ घड़ी की सुई

85. पहेली:

“एक डब्बे में 13 पान जिसे कोई खा नहीं सकता, बूझो तो जाने ?”

उत्तर: ताश का डब्बा

86. पहेली:

“इतनी नाजुक है ये चीज, कुछ बोलते हो टूट जाएगी, बूझो तो जाने ?”

उत्तर: खामोशी

87. पहेली:

“इंसान की ऐसी चीज जो उसकी है पर इस्तेमाल पूरी दुनिया करती है, बूझो तो जाने ?”

उत्तर: नाम

88. पहेली:

“जितना ज्यादा फैलता है उतना कम दिखाई देता है, बूझो तो जाने ?”

उत्तर: अंधेरा

89. पहेली:

“जितना आगे बढ़ोगे उतना पीछे छोड़ते जाओगे, बूझो तो जाने ?”

उत्तर: कदम

90. पहेली:

“मुझे तोड़े बिना इस्तेमाल नहीं कर पाओगे, बूझो तो जाने ?”

उत्तर: अंडा

91. पहेली:

“गला है पर सर नहीं, बाहें है पर हाथ नहीं – बूझो तो जाने ?”

उत्तर: शर्ट

92. पहेली:

“मेरा नाम लेते ही मैं गायब हो जाऊंगा, बूझो तो जाने ?”

उत्तर: ख़ामोशी

93. पहेली:

“दांत हैं पर कांट नहीं सकता , बूझो तो जाने ?”

उत्तर: कंघी

94. पहेली:

“जमीन में मरा दबा दो, जिन्दा होकर बहार आऊंगा, बूझो तो जाने ?”

उत्तर: बीज

95. पहेली:

“एक बार आवाज़ दोगे तो मैं कई बार आवाज़ वापस दूंगा, बूझो तो जाने”

उत्तर: गूंज (इको)

96. पहेली:

“बोलने के लिए इतने शब्द है पर फिर भी बोल नहीं पाता हूँ, बूझो तो जाने ?”

उत्तर: किताब

97. पहेली:

“गिली गिली गप्पा, एक इंसान का मैं दो कर देता, बूझो तो जाने ?”

उत्तर: आईना

98. पहेली:

“अपने जगह से चिपका रहता फिर भी पूरी दुनिया घूमता, बूझो तो जाने ?”

उत्तर: स्टाम्प , डाक टिकट

99. पहेली:

“शहर है पर घर नहीं, जंगल है पर पेड़ नहीं, नदी है पर पानी है, बूझो तो जाने ?”

उत्तर: नक्शा

100. पहेली:

“इस सवाल का जवाब आप कभी हाँ में नहीं दे सकते, बूझो तो जाने ?”

उत्तर: क्या तुम सो रहे हो ?

101. पहेली:

“सुखाने से गीला हो जाता है, जल्दी से बताओ क्या हो वो ?”

उत्तर: तौलिया

102. पहेली:

“ना हाथ, ना पैर, ना पंख, फिर भी हवा में उड़ जाता हूँ,
क्या हूँ मैं ?”

उत्तर: धुआं

103. पहेली:

“वो क्या है जिसे सिर्फ दायें हाथ से पकड़ सकते हैं पर बायें हाथ से नहीं ?”

उत्तर: बायां हाथ

104. पहेली:

“गन्दा हूँ तो सफ़ेद, सांफ हूँ तो
काला, कौन हूं मैं ?”

उत्तर: ब्लैकबोर्ड

105. पहेली:

“तीन रंगो की तीन आँख,
जल्दी से बताओ मेरा नाम ?”

उत्तर: ट्रैफिक लाइट

106. पहेली:

“कमरे को भर देता फिर भी जगह नहीं लेता, क्या है
इसका नाम ?”

उत्तर: धुआं, रोशनी, अँधेरा

107. पहेली:

“नहीं रखोगे तो टूट जाऊंगा,
बताओ क्या हूँ मैं ?”

उत्तर: वादा

पहेलियाँ और बच्चों का विकास

बच्चों के मानसिक विकास के लिए पहेलियाँ बेहद लाभकारी होती हैं। ये उनकी बुद्धिमत्ता और तर्कशक्ति को बढ़ाती हैं। पहेलियाँ सुलझाते समय, बच्चे ध्यान केंद्रित करना और धैर्य रखना सीखते हैं। साथ ही, जब वे किसी पहेली का सही उत्तर पाते हैं, तो उनका आत्मविश्वास भी बढ़ता है।

पहेलियाँ बच्चों को न केवल सोचने की क्षमता सिखाती हैं, बल्कि उन्हें यह भी सिखाती हैं कि कठिनाइयों का सामना धैर्य और समझदारी से कैसे किया जाए।

पहेलियों का सामाजिक महत्व

पहेलियाँ भारतीय समाज का एक अभिन्न हिस्सा हैं। पुराने समय में गाँवों और कस्बों में लोग एक-दूसरे से पहेलियाँ पूछकर मनोरंजन किया करते थे। यह एक ऐसा माध्यम था, जिससे लोग आपस में जुड़ते थे और एक-दूसरे के साथ ज्ञान साझा करते थे। आज भी, पहेलियों का आकर्षण बना हुआ है, चाहे वह बच्चों की किताबों में हो, इंटरनेट पर हो, या हमारी रोजमर्रा की बातचीत में।



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