घेंघा रोग क्या है? घेंघा रोग, जिसे आमतौर पर गोइटर के नाम से भी जाना जाता है, थायरॉइड ग्रंथि के असामान्य रूप से बढ़ने की स्थिति है। यह ग्रंथि गले में स्थित होती है और थायरॉइड हार्मोन का उत्पादन करती है, जो शरीर के चयापचय को नियंत्रित करते हैं। घेंघा रोग के कारण गले में सूजन या गांठ बन सकती है।
घेंघा रोग के कारण(causes of goiter): घेंघा रोग के कई संभावित कारण हो सकते हैं, जैसे कि आयोडीन की कमी, थायरॉइड हार्मोन का असंतुलन, ऑटोइम्यून बीमारियां, और थायरॉइड ग्रंथि के ट्यूमर। आयोडीन की कमी सबसे आम कारण है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां भोजन में आयोडीन की मात्रा कम होती है।
1 – शरीर में आयोडीन की कमी हो जाना
2 – किसी संक्रमण का शिकार हो जाना
3 – धूम्रपान करने के कारण
4 – थायराइड हॉर्मोन ना बनने के कारण
5 – कुछ दवाइयों के सेवन के कारण
6 – गर्भावस्था के दौरान ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन हार्मोन बनता है तो उसके कारण भी थायराइड ग्रंथि बढ़ने लगती है।
लक्षण:
- गले में सूजन या गांठ का बनना।
- निगलने में कठिनाई या सांस लेने में परेशानी।
- आवाज में बदलाव या खराश।
- थायरॉइड से जुड़े अन्य लक्षण, जैसे वजन में असामान्य बदलाव, थकान, और चयापचय में बदलाव।
उपचार और प्रबंधन: घेंघा रोग का उपचार इसके कारण और गंभीरता पर निर्भर करता है। हल्के मामलों में, उपचार की आवश्यकता नहीं हो सकती, जबकि अधिक गंभीर मामलों में दवाओं, हार्मोन थेरेपी, या सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है। आयोडीन युक्त आहार का सेवन और नियमित स्वास्थ्य जांच भी महत्वपूर्ण हैं।