बहुत समय पहले की बात है। एक घने जंगल में एक छोटी-सी चींटी रहती थी। उसका नाम था चुन्नी। चुन्नी मेहनती थी और हर दिन अपने घर के लिए खाना ढूंढने निकलती थी।
चींटी की परेशानी
एक दिन चुन्नी खाना ढूंढते-ढूंढते एक नदी के किनारे पहुंच गई। वह नदी के पार जाना चाहती थी, लेकिन नदी में पानी का बहाव बहुत तेज़ था। जैसे ही चुन्नी ने पानी में कदम रखा, वह फिसल गई और पानी में बहने लगी।
“बचाओ! बचाओ!” चुन्नी ने जोर से चिल्लाया।
चिड़िया की मदद
पास ही एक पेड़ पर चिकी नाम की एक चिड़िया बैठी थी। उसने चुन्नी की आवाज़ सुनी और जल्दी से उड़कर नदी के ऊपर आ गई।
चिकी ने अपने चोंच में एक पत्ता उठाया और उसे पानी में फेंक दिया। चुन्नी ने पत्ते को पकड़ लिया और धीरे-धीरे तैरते हुए किनारे पर आ गई।
चुन्नी ने चिकी से कहा, “धन्यवाद, चिकी! तुमने मेरी जान बचाई। मैं तुम्हारी मदद का बदला ज़रूर चुकाऊंगी।”
चिकी की परेशानी
कुछ दिनों बाद, जंगल में एक शिकारी आया। उसने चिकी को पकड़ने के लिए जाल लगाया। जैसे ही चिकी उस पेड़ पर बैठी, शिकारी ने उसे पकड़ने की कोशिश की।
चुन्नी ने यह देखा और जल्दी से शिकारी के पास पहुंच गई। उसने शिकारी के पैर पर जोर से काटा। “आह!” शिकारी दर्द से चिल्लाया और उसका ध्यान भटक गया। इस मौके का फायदा उठाकर चिकी उड़ गई।
सच्ची दोस्ती
चिकी ने चुन्नी से कहा, “तुमने मेरी जान बचाई, चुन्नी। मैं तुम्हारी दोस्ती के लिए हमेशा शुक्रगुज़ार रहूंगी।”
चुन्नी ने मुस्कुराते हुए कहा, “दोस्ती का मतलब ही होता है एक-दूसरे की मदद करना।”
इसके बाद चुन्नी और चिकी हमेशा अच्छे दोस्त बनकर साथ रहे।
शिक्षा:
सच्चे दोस्त वही होते हैं जो मुश्किल वक्त में एक-दूसरे की मदद करते हैं। हमें हमेशा दूसरों की मदद करने की कोशिश करनी चाहिए।