चेतावनी देता WHO रिपोर्ट: भारत में मोटापे का बढ़ता संकट और इसके आर्थिक प्रभावों से निपटने की चुनौती

चेतावनी देता WHO रिपोर्ट: भारत में मोटापे का बढ़ता संकट और इसके आर्थिक प्रभावों से निपटने की चुनौती

दुनिया भर में मोटापा एक बढ़ती हुई समस्या बन चुकी है, जिसका प्रभाव केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य पर ही नहीं बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भी पड़ रहा है। “वर्ल्ड ओबेसिटी एटलस 2023”, जो वर्ल्ड ओबेसिटी फेडरेशन द्वारा प्रकाशित किया गया है, बताता है कि यदि रोकथाम और उपचार के उपायों में सुधार नहीं होता है, तो अधिक वजन और मोटापे का वैश्विक आर्थिक प्रभाव 2035 तक सालाना $4.32 ट्रिलियन तक पहुँच जाएगा। वैश्विक GDP का लगभग 3% होने के नाते, इसका प्रभाव 2020 में COVID-19 के प्रभाव के समान है। इस संदर्भ में, व्यक्तिगत और सामाजिक स्तर पर मोटापे की रोकथाम और उपचार की आवश्यकता और भी अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है।

भारत में मोटापे पर National Family Health Survey(NFHS)

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस), जो भारत में सबसे बड़ा जनसांख्यिकीय और स्वास्थ्य सर्वेक्षण है, ने 2019-21 में अपने पांचवें दौर में पहली बार कमर की परिधि के माध्यम से पेट के मोटापे का आकलन किया। इस अध्ययन का उद्देश्य पेट के मोटापे की व्यापकता का निर्धारण करना और संबंधित सामाजिक-आर्थिक कारकों की पहचान करना था।

अध्ययन ने यह उजागर किया कि भारत में वयस्क जनसंख्या का अधिकांश भाग पेट के मोटापे से पीड़ित है, जिसमें लगभग 12% जनसंख्या मोटापे का शिकार है। हालांकि, पेट के मोटापे की प्रवृत्ति हर BMI उपश्रेणी में अधिक पाई गई। बड़ी उम्र, महिला लिंग, बढ़ी हुई शिक्षा की स्थिति और बढ़ी हुई धन स्थिति, किसी भी बिंदु पर विवाहित होना, और शहरी क्षेत्र के निवासी होने से मोटापे और पेट के मोटापे का जोखिम बढ़ जाता है। वर्तमान में अल्कोहल का सेवन और उत्तर क्षेत्र के निवासी होने से पेट के मोटापे का जोखिम बढ़ता है, जबकि दक्षिण क्षेत्र के निवासी होने से मोटापे की संभावना बढ़ जाती है।

इसलिए, भारत में स्वास्थ्य संवर्धन कार्यक्रमों को इन चुनिंदा जोखिम समूहों पर केंद्रित होना चाहिए ताकि मोटापे और पेट के मोटापे के उच्च बोझ को संबोधित किया जा सके।

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बॉडी मास इंडेक्स (BMI) क्या है और इसकी गणना कैसे की जाती है

बॉडी मास इंडेक्स (BMI) एक माप है जो व्यक्ति के वजन और ऊँचाई के आधार पर उनके शरीर के फैट का अनुमानित संकेत देता है। यह यह जानने के लिए उपयोगी होता है कि कोई व्यक्ति अधिक वजन, सामान्य वजन, अंडरवेट या मोटापे की श्रेणी में आता है या नहीं। यह एक सामान्य गाइड है और व्यक्तिगत स्वास्थ्य की पूरी तस्वीर नहीं देता है, लेकिन यह स्वास्थ्य जोखिमों के मूल्यांकन में मददगार हो सकता है।

BMI कैसे कैलकुलेट किया जाता है:

BMI को किलोग्राम में वजन को मीटर में ऊँचाई के वर्ग से विभाजित करके कैलकुलेट किया जाता है।

फॉर्मूला है:

BMI=वजन (किलोग्राम)ऊँचाई (मीटर)2

उदाहरण के लिए, यदि किसी व्यक्ति का वजन 70 किलोग्राम है और उनकी ऊँचाई 1.75 मीटर है, तो उनका BMI इस प्रकार होगा:

BMI=701.752=703.0625=22.86

इस उदाहरण में, BMI 22.86 है, जो सामान्य वजन श्रेणी में आता है।

BMI श्रेणियाँ:

  • अंडरवेट: BMI कम से कम 18.5
  • सामान्य वजन: BMI 18.5 से 24.9
  • अधिक वजन: BMI 25 से 29.9
  • मोटापा (श्रेणी 1): BMI 30 से 34.9
  • मोटापा (श्रेणी 2): BMI 35 से 39.9
  • अत्यधिक मोटापा (श्रेणी 3): BMI 40 या उससे अधिक

याद रखें, BMI केवल एक संकेतक है और यह शरीर के फैट के प्रतिशत, मांसपेशियों की मात्रा, और व्यक्ति के समग्र स्वास्थ्य को पूरी तरह से प्रतिबिंबित नहीं करता है। इसलिए, इसे स्वास्थ्य की पूरी तस्वीर के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।

मोटापे और अधिक वजन के बीच अंतर

मोटापा (Obesity) और अधिक वजन (Overweight) दोनों ही स्वास्थ्य संबंधी स्थितियाँ हैं जो शरीर में अतिरिक्त फैट के जमा होने को दर्शाती हैं। हालांकि, इन दोनों के बीच मुख्य अंतर उस अतिरिक्त वजन की मात्रा में होता है जो व्यक्ति के लिए स्वास्थ्य जोखिम को बढ़ाती है।

अधिक वजन (Overweight):

  • अधिक वजन होने का अर्थ है कि व्यक्ति का वजन उसकी ऊंचाई के लिए स्वास्थ्य संबंधी सिफारिशों से अधिक है, लेकिन यह मोटापे की सीमा तक नहीं पहुंचता।
  • बॉडी मास इंडेक्स (BMI) के अनुसार, अधिक वजन की स्थिति में BMI 25 से 29.9 के बीच होता है।

मोटापा (Obesity):

  • मोटापा एक ऐसी स्थिति है जहाँ व्यक्ति के शरीर में अत्यधिक फैट जमा हो जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए गंभीर जोखिम उत्पन्न करता है।
  • मोटापे की स्थिति में, व्यक्ति का BMI 30 या उससे अधिक होता है।

मोटापा और अधिक वजन दोनों ही विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकते हैं, जैसे कि हृदय रोग, टाइप 2 मधुमेह, हाई ब्लड प्रेशर, और कुछ प्रकार के कैंसर। हालांकि, मोटापा इन स्वास्थ्य जोखिमों को अधिक वजन की तुलना में अधिक बढ़ाता है क्योंकि यह अधिक फैट जमा होने की स्थिति को दर्शाता है।

वजन कम करने के लिए सामान्य आहार योजना

आहार योजना: वजन घटाने के लिए

सुबह (प्रातःकाल):

  • गर्म पानी और नींबू: दिन की शुरुआत में मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देने के लिए।
  • ओट्स या दलिया: फाइबर से भरपूर और पेट को लंबे समय तक भरा हुआ रखने में मददगार।

दोपहर का भोजन (मध्याह्न भोजन):

  • मिश्रित सब्जी सलाद: विभिन्न प्रकार की सब्जियों से विटामिन और मिनरल्स प्राप्त करें।
  • दाल या चिकन ब्रेस्ट: प्रोटीन का अच्छा स्रोत, जो मांसपेशियों के निर्माण और मरम्मत में मदद करता है।
  • ब्राउन राइस या रोटी (बिना घी): संपूर्ण अनाज से धीरे-धीरे ऊर्जा प्राप्त होती है।

शाम का नाश्ता:

  • हरी चाय और भुने हुए चने: ऊर्जा के लिए और भूख को कम करने में मददगार।

रात का भोजन (रात्रिभोज):

  • ग्रिल्ड पनीर या सोया: प्रोटीन से भरपूर।
  • सब्जियों के साथ क्विनोआ या अमरन्थ: अच्छे कार्ब्स और फाइबर।
  • हरी पत्तेदार सब्जी: आयरन और कैल्शियम के लिए।

ध्यान देने योग्य बातें:

  • पानी पीना न भूलें: दिन भर में कम से कम 8-10 गिलास पानी पीएं।
  • नियमित व्यायाम: सप्ताह में कम से कम 5 दिन, 30 मिनट के लिए व्यायाम करें।
  • जंक फूड से बचें: उच्च कैलोरी और कम पोषक तत्व वाले खाद्य पदार्थों से दूर रहें।

यह आहार योजना एक सामान्य मार्गदर्शिका है। व्यक्तिगत जरूरतों और स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर इसमें बदलाव कर सकते हैं। यदि आप विशेष आहार योजना की तलाश में हैं, तो पोषण विशेषज्ञ से सलाह लेना सबसे बेहतर होगा।



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