Category: Sanatan Dharam

आश्विन संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा – Ashvin Sankashti Ganesh Chaturthi Vrat Katha

व्रत कथा युधिष्ठिर ने भगवान से पूछा हे कृष्णजी! मैंने सुना है कि आश्विन कृष्ण चतुर्थी को संकटा चतुर्थी कहते हैं। हे जगदीश्वर! आप कृपा करके मुझसे विस्तार पूर्वक इस कथा का श्रवण कराईए। श्री कृष्ण जी ने उत्तर में [...]

जितिया व्रत कथा – Jitiya Vrat Katha

व्रत कथा पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार एक गरुड़ और एक मादा लोमड़ी नर्मदा नदी के पास एक जंगल में रहते थे। दोनों ने कुछ महिलाओं को पूजा करते और उपवास करते देखा और खुद भी इसे देखने की [...]

महालक्ष्मी व्रत कथा – Mahalakshmi Vrat Katha

व्रत कथा प्राचीन काल की बात है, एक गाँव में एक ब्राह्मण रहता था। वह ब्राह्मण नियमानुसार भगवान विष्णु का पूजन प्रतिदिन करता था। उसकी भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने उसे दर्शन दिये और इच्छा अनुसार वरदान देने [...]

भजन, मंत्र, और कीर्तन में क्या अंतर है? जानिए कैसे ये आपकी आध्यात्मिक यात्रा को प्रभावित करते हैं।

भजन, मंत्र और कीर्तन भक्ति संगीत के विभिन्न रूप हैं जो भारतीय संस्कृति में गहराई से निहित हैं। ये तीनों आध्यात्मिक अभ्यास और भक्ति की भावना को व्यक्त करते हैं, लेकिन उनके अपने-अपने विशिष्ट अर्थ और प्रयोग होते हैं। भजन: [...]

इंदिरा एकादशी व्रत कथा – Indira Ekadashi Vrat Katha

इंदिरा एकादशी व्रत कथा भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को संबोधित है, जिसे पितरों की मुक्ति और सद्गति के लिए विशेष माना जाता है। यह कथा महाराज इंद्रसेन और उनके पितरों के मोक्ष प्राप्ति की कहानी कहती है। [...]

माँ बगलामुखी पौराणिक कथा – Maa Baglamukhi Pauranik Katha

माँ बगलामुखी की पौराणिक कथा हिन्दू धर्म में महत्वपूर्ण है। यह कहानी एक दैवीय शक्ति के अवतारण की है, जो देवताओं और धरती के प्राणियों की रक्षा के लिए प्रकट हुई थीं। कहा जाता है कि प्राचीन समय में, जब [...]

पापांकुशा एकादशी व्रत कथा – Papankusha Ekadashi Vrat Katha

पापांकुशा एकादशी व्रत कथा हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण कथा है, जो आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है। इस कथा का वर्णन पुराणों में मिलता है जहाँ भगवान विष्णु ने राजा युधिष्ठिर को इस व्रत [...]

गुरु प्रदोष व्रत कथा – Guru Pradosh Vrat Katha

गुरु प्रदोष व्रत कथा हिन्दू धर्म में गुरुवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत से संबंधित है। गुरु प्रदोष का व्रत विशेष रूप से भगवान शिव की आराधना के लिए किया जाता है और इसे ज्ञान, धन, और सुख की प्राप्ति [...]

टेसू झेंजी विवाह की पौराणिक कथा – Tesu Jhenji Vivah Pauranik Katha

व्रत कथा टेसू झेंजी विवाह की पौराणिक मान्यता: एक वरदान के अनुसार, सबसे पहिले टेसू का विवाह होगा, फिर उसके बाद ही कोई विवाह उत्सव की प्रक्रिया प्रारंभ कर सकेगा। मान्यता के अनुसार, भीम के पुत्र घटोत्कच के पुत्र बर्बरीक [...]

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 1 – Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 1

व्रत कथा मैं सिमरूँ माता शारदा, बैठे जिह्वा आये । कार्तिक मास की कथा, लिखे ‘कमल’ हर्षाये ॥ नैमिषारण्य तीर्थ में श्रीसूतजी ने अठ्ठासी हजार सनकादि ऋषियों से कहा: अब मैं आपको कार्तिक मास की कथा विस्तारपूर्वक सुनाता हूँ, जिसका [...]

गजेंद्र मोक्ष स्तोत्र – Gajendra Moksham Stotram

श्री शुक उवाच - एवं व्यवसितो बुद्ध्या समाधाय मनो हृदि । जजाप परमं जाप्यं प्राग्जन्मन्यनुशिक्षितम ॥१॥ गजेन्द्र उवाच - ऊं नमो भगवते तस्मै यत एतच्चिदात्मकम । पुरुषायादिबीजाय परेशायाभिधीमहि ॥२॥ यस्मिन्निदं यतश्चेदं येनेदं य इदं स्वयं । योस्मात्परस्माच्च परस्तं प्रपद्ये स्वयम्भुवम [...]

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 2 – Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 2

व्रत कथा भगवान श्रीकृष्ण आगे बोले: हे प्रिये! जब गुणवती को राक्षस द्वारा अपने पति एवं पिता के मारे जाने का समाचार मिला तो वह विलाप करने लगी, हा नाथ! हा पिता! मुझको त्यागकर तुम कहां चले गये? मैं अकेली [...]

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 3 – Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 3

व्रत कथा सत्यभामा ने कहा: हे प्रभो! आप तो सभी काल में व्यापक हैं और सभी काल आपके आगे एक समान हैं फिर यह कार्तिक मास ही सभी मासों में श्रेष्ठ क्यों है? आप सब तिथियों में एकादशी और सभी मासों में [...]

करवा चौथ व्रत कथा: द्रौपदी को श्री कृष्ण ने सुनाई कथा! – Karwa Chauth Vrat Katha

व्रत कथा द्रौपदी को श्री कृष्ण ने सुनाई शिव-पार्वती कथा: एक बार अर्जुन नीलगिरि पर तपस्या करने गए। द्रौपदी ने सोचा कि यहाँ हर समय अनेक प्रकार की विघ्न-बाधाएं आती रहती हैं। उनके शमन के लिए अर्जुन तो यहाँ हैं [...]

करवा चौथ व्रत कथा: पतिव्रता करवा धोबिन की कथा! – Karwa Chauth Vrat Katha 3

व्रत कथा पतिव्रता करवा धोबिन की कथा: पुराणों के अनुसार करवा नाम की एक पतिव्रता धोबिन अपने पति के साथ तुंगभद्रा नदी के किनारे स्थित गांव में रहती थी। उसका पति बूढ़ा और निर्बल था। एक दिन जब वह नदी [...]

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 4 – Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 4

व्रत कथा नारदजी ने कहा: ऎसा कहकर भगवान विष्णु मछली का रूप धारण कर के आकाश से जल में गिरे। उस समय विन्ध्याचल पर्वत पर तप कर रहे महर्षि कश्यप अपनी अंजलि में जल लेकर खड़े थे। भगवान उनकी अंजलि [...]