फंक्शन्स C प्रोग्रामिंग भाषा में कोड के पुन: उपयोग और मॉड्यूलरिटी के लिए उपयोग किए जाते हैं। फंक्शन्स कोड के ब्लॉक्स होते हैं जिन्हें नाम दिया जाता है और आवश्यकता पड़ने पर उन्हें बुलाया जा सकता है। फंक्शन्स का उपयोग प्रोग्राम को छोटे, प्रबंधनीय भागों में विभाजित करने के लिए किया जाता है।
फंक्शन डिक्लेरेशन और डिफिनेशन (Function Declaration and Definition)
फंक्शन को प्रोग्राम में उपयोग करने के लिए, उसे पहले घोषित (declare) और फिर परिभाषित (define) किया जाता है।
फंक्शन डिक्लेरेशन: फंक्शन डिक्लेरेशन में फंक्शन का नाम, रिटर्न प्रकार, और पैरामीटर सूची शामिल होती है। इसे फंक्शन प्रोटोटाइप भी कहा जाता है।
उदाहरण:
फंक्शन डिफिनेशन: फंक्शन डिफिनेशन में फंक्शन का वास्तविक कोड होता है, जो फंक्शन के कॉल होने पर निष्पादित होता है।
उदाहरण:
फंक्शन कॉलिंग (Function Calling)
फंक्शन को कॉल करने के लिए, उसके नाम और आवश्यक पैरामीटर का उपयोग किया जाता है। जब फंक्शन को कॉल किया जाता है, तो नियंत्रण फंक्शन डिफिनेशन पर चला जाता है और वहां का कोड निष्पादित होता है।
उदाहरण:
रिटर्निंग वैल्यू और रिकर्सन (Returning Values and Recursion)
रिटर्निंग वैल्यू: फंक्शन एक मान वापस कर सकता है जिसका उपयोग कॉलिंग फंक्शन में किया जा सकता है। रिटर्निंग वैल्यू के लिए return स्टेटमेंट का उपयोग किया जाता है।
उदाहरण:
रिकर्सन: रिकर्सन एक तकनीक है जिसमें फंक्शन खुद को कॉल करता है। इसका उपयोग जटिल समस्याओं को सरल और समझने योग्य बनाने के लिए किया जाता है।
उदाहरण:
निष्कर्ष (Conclusion)
इस अध्याय में, हमने C प्रोग्रामिंग भाषा में फंक्शन्स के बारे में सीखा। हमने फंक्शन डिक्लेरेशन, डिफिनेशन, फंक्शन कॉलिंग, रिटर्निंग वैल्यू, और रिकर्सन का उपयोग सीखा। अगले अध्याय में, हम एरेज (Arrays) के बारे में जानेंगे और उनका उपयोग कैसे किया जाता है, यह सीखेंगे।